हर हाल में एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। इससे शरीर के सभी अंगों में ब्लड फ्लो सुचारू रूप से हो पाता है। शरीर के सभी सिस्टम सही ढंग से काम कर पाते हैं। हालांकि जाड़े के दिनों में हमें थोडा आलस महसूस होने लगता है। आलस से बचने के लिए हम घर से बाहर किसी खुले स्थान या पार्क में एक्सरसाइज करना तय करते हैं। हम सोचते हैं कि इससे एक पंथ दो काज हो जाएगा। एक तो आलस हमसे दूर भाग जाएगा, वहीं ताज़ी और ऑक्सीजन से भरपूर हवा फेफडों तक पहुंचेगी।
यहां हमें थोड़ा सावधान हो जाना चाहिए। मौसम बदल गया है। गर्मी की बजाय अभी ठंड का मौसम है। जाड़े के दिनों में बाहर एक्सरसाइज करने जाने से पहले हमें कुछ बातों का जरूर ख्याल (expert tips for outdoor exercise) रखना चाहिए। इसके लिए हमने बात की जिंदल नेचरक्योर इंस्टिट्यूट के चीफ योग ऑफिसर डॉ. राजीव राजेश से।
डॉ. राजीव राजेश इस बात पर जोर देते हैं कि मौसम खराब रहने पर बाहर की बजाय घर पर एक्सरसाइज करना अधिक सुरक्षित है। ठंड के दिनों में हमें एक्सरसाइज के लिए घर से बाहर निकलने से पहले कुछ बातों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।
अक्सर ठंड के दिनों में सूर्य की रोशनी के अभाव में वातावरण में घना कोहरा छाया रहता है। ठंडी हवा चलने के कारण ठिठुरन भी रहती है। ठंडी हवा के कारण गर्म कपडे पहने होने के बावजूद बाहर व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित हो सकता है। टेम्प्रेचर कम होने से हाई बीपी, हार्ट हेल्थ और डायबिटीज के मरीजों को और अधिक समस्या हो सकती है। इसलिए बाहर जाने से पहले बाहर के टेम्प्रेचर के बारे में जानना जरूरी है। तापमान, हवा नमी की मौजूदगी आदि के बारे में जानकर ही बाहर व्यायाम करने की योजना बनाएं।
यह जानते हुए कि एक्सरसाइज करने से पसीना निकलता है, ठंड के मौसम में हम एक साथ कई गर्म पोशाक पहन लेते हैं। व्यायाम करने के बाद पसीना निकलने लगता है। पसीने का वेपर बनने के कारण ठंडक भी महसूस होने लगती है। ठंड से बचने के लिए परतों में कपड़े पहनना तो जरूरी है, लेकिन हम इन्हें कुछ इस तरह पहनें कि पसीना चलने पर ठंड महसूस नहीं हो। सबसे पहले सिंथेटिक कपड़े पहनें, जो शरीर से पसीना खींच सके।
कभी भी सबसे नीचे सूती कपड़ा नहीं पहनना चाहिए। इससे स्किन सूखने की बजाय गीली ही रहती है और हमें ठंड लगती रहती है। कपड़ों की लाइनिंग आरामदायक होनी चाहिए। इससे गर्मी लगने पर कपड़े को आसानी से उतारा जा सकता है।
यदि आप बहुत अधिक स्लिम हैं, तो आपको शरीर को गर्म रखने यानी अधिक इन्सुलेशन की जरूरत पड़ेगी। इसलिए आपको अधिक कपड़े पहनने पड़ सकते हैं।
बाहर एक्सरसाइज के लिए जाने से पहले खुद को अच्छी तरह हाइड्रेट कर लें। अपने वर्कआउट से पहले, वर्कआउट के दौरान और फिर बाद में भी पानी या किसी भी प्रकार का फ्लूइड जरूर पिएं। प्यास नहीं लगने के बावजूद पानी पीती रहें। ध्यान रहे कि ठंड के मौसम में अधिक यूरीन पास होता है। इसलिए खुद को हाइड्रेटेड रखें।
ठंड के कारण स्किन के अंदर खून जमा हो सकता है और स्किन लाल हो सकती है। यह समस्या गाल, नाक, हाथ-पैर और कान पर हो सकती है। इसके कारण सुन्नता महसूस होने लगती है। दरअसल शरीर का तापमान घट जाता है। इसे हाइपोथर्मिया कहते हैं।
बाहर का तापमान बहुत कम होने पर जब व्यक्ति इसके संपर्क में आता है, तो यह समस्या होती है। यह बुजुर्गों और छोटे बच्चों में अधिक देखी जाती है। इससे कंपकंपी, थकान महसूस होने लगती है। इसलिए इससे बचाव का उपाय करना चाहिए। अपने सिर, हाथ, पैर और कान को सुरक्षित रखना चाहिए। हाइपोथर्मिया की समस्या होने पर तुरंत आपातकालीन सहायता लें।
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बीएमआई चेक करेंसिर, कान और पैर का बचाव करना जरूरी है। इन अंगों को ठंडी हवा सबसे पहले और सबसे अधिक प्रभावित करती है। इसलिए घर से बाहर निकलने से पहले इन अंगों को गर्म कपडे से अच्छी तरह ढंक लें।
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