आजकल की भाग दौड़ भरी लाइफस्टाइल और व्यस्तता के बीच किसी के पास भी व्यायाम करने का समय नहीं है। परंतु एक स्वस्थ एवं संतुलित सेहत के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज या योगाभ्यास करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि आपको एक्सरसाइज करने का समय नहीं मिल पाता, तो दिन में 5 से 10 मिनट निकालकर सुनैना रेखी के बताए इस बेहद प्रभावी योग को अपनी नियमित जीवनशैली में शामिल कर सकती हैं। सुनैना रेखी योग एक्सपर्ट, वैलनेस और लाइफस्टाइल इनफ्लुएंसर हैं।
सुनैना ने एक बेहद खास तरह का योगाभ्यास या यूं कहें कि फिजिकल एक्टिविट करने की गुजारिश की है, जो समग्र सेहत के लिए फायदेमंद रहेगी (Best exercise for women)। यदि किसी के पास अधिक समय नहीं है, तो उठक-बैठक जैसी दिखने वाली इस आसान सी एक्टिविटी को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। विशेष रूप ने महिलाएं इसे जरूर अपनाएं। तो चलिए जानते हैं इस एक्टिविटी को कैसे करना है, साथ ही जानेंगे इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे (Best exercise for women)।
सीट अप्स जैसी दिखने वाली यह एक्सरसाइज आपकी मांसपेशियों को कंडीशन करने में मदद करते हैं, ताकि आपके शरीर को बेहतर सपोर्ट सिस्टम मिल सके। यह आपके रीढ़ की हड्डियों को पूरी तरह से संरेखित करने की अनुमति देता है, जो शरीर की मुद्रा में सुधार करने में मदद करते हैं। शरीर की एक अच्छी मुद्रा दर्द, तनाव को कम करती है, वहीं ऊर्जा के स्तर में वृद्धि और बेहतर श्वसन कार्यों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है।
ये एक्सरसाइज आपके शरीर के कई क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव डालती है, इसलिए ये कई अन्य व्यायामों की तुलना में अधिक कैलोरी बर्न करते हैं। बर्न की गई कैलोरी की संख्या उम्र, लिंग, वजन और व्यायाम की तीव्रता के अनुसार भिन्न हो सकती है। आप जितनी अधिक मांसपेशियों का ग्रोथ करती हैं, आपकी बॉडी उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न करती है।
उठने बैठने की प्रक्रिया वाला ये एक्सरसाइज, पेट की मांसपेशियों को शामिल करता है। यह एक महिला के शरीर, विशेष रूप से रेक्टस एब्डोमिनिस (पेट) की मांसपेशियों पर बहुत प्रभाव डालते हैं। यह आपकी रीढ़ और कूल्हों की मांसपेशियों को ढीला करने में मदद करता है, जिससे वे लचीली, चुस्त, मजबूत बनती हैं। अध्ययनों के अनुसार, यह महिलाओं में होने वाले पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करता है। वहीं ये महिलाओं की पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
सिट-अप जैसी ये एक्सरसाइज रीढ़ की हड्डियों में मोबिलिटी को बढ़ा देती है। जो रीढ़ और कूल्हों की अकड़न को दूर करके उन्हें अधिक लचीला बनाता है। यह ब्लड फ्लो में सुधार करता है, ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देता है, और मांसपेशियों के स्ट्रेस और जकड़न को दूर करके उनकी गतिशीलता को बढ़ाता है।
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