आमतौर पर लोग रात को थक कर बेड पर लेट जाते हैं। ऐसे में थकान शरीर में बना रहता है। वहीं कुछ लोग पूरी रात एक ही मुद्रा में सोए रह जाते हैं जिसकी वजह से भी शरीर अकड़ जाता है। दूसरी ओर कुछ लोगों को अजीबोगरीब मुद्रा में सोने की आदत होती है। हालांकि, उन्हें इसकी खबर नहीं होती परंतु नींद में उनके बदलते मुद्राओं की वजह से शरीर में अक्सर अकड़न आ जाती है। ऐसी स्थिति में जब लोग सुबह उठते हैं तो उन्हें शरीर में अजीब सा दर्द महसूस होता है और आलस का अनुभव होता रहता है। तो क्या आप भी इन्हीं में से एक हैं? यदि हां, तो चिंता न करें! क्योंकि इससे आसानी से निपटा जा सकता है।
रोज सुबह उठते के साथ एक गिलास पानी पिएं और 10 से 15 मिनट इन 4 योगासनों का अभ्यास करें। यह बॉडी स्ट्रेचिंग में आपकी मदद करेंगे। इसके अभ्यास से आपको पूरे दिन फ्रेश और एनर्जेटिक रहने में मदद मिलेगी। साथ ही यह आपके आलस और सुस्ती को भी कम कर देते हैं। इनका अभ्यास शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देता है और मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है। जिसकी वजह से बॉडी एक्टिव हो जाती है। तो चलिए जानते हैं, इन चार योगासनों (yoga for body stiffness) के बारे में साथ ही जानेंगे इन्हें करने का सही तरीका।
सुबह-सुबह पेल्विस, थाई, हिप्स और स्पाइन सभी अकड़ जाते हैं, ऐसे में बालासन का अभ्यास इन्हें स्ट्रेच करता है और आराम पहुंचाता है। साथ ही ब्रेन को भी स्ट्रेस और थकान को रिलीज करने में मदद करता है।
सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में योगा मैट या फिर बेड पर बैठ जाएं।
फिर एक गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथों को आगे की ओर स्ट्रेच करें।
सांस छोड़ते हुए कमर के हिस्से से आगे की ओर झुकें और अपने सिर को सतह पर सटाएं। इस दौरान अपने रीड की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
अपने दोनों घुटनों को मोड़ लें और एड़ियों पर नितंबों को टिकाए रखें।
कुछ देर तक इसी स्थिति में बनी रहें, फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।
उचित परिणाम के लिए इसे 4 से 5 बार जरूर दोहराएं।
यह योगासन शरीर के दर्द एवं अकड़न को कम करता है। साथ ही शरीर को तनावमुक्त रखता है और आपको पूरे दिन रिलैक्स रहने में मदद करता है।
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बीएमआई चेक करेंइसे करने के लिए योगा मैट का इस्तेमाल करें क्योंकि बेड पर यह अभ्यास सही से नहीं हो पाएगा।
सबसे पहले अपने घुटनें और दोनों हांथों से टेबल के आकार में आ जाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डियों को जितना हो सके उतना सीधा रखने की कोशिश करें।
अब इस पोज में सांस अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी को मोड़ें और अपने चेस्ट को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान पेट को सामान्य रहने दें।
फिर बिल्ली की तरह पोज देते हुए अपने चीन को अंदर की ओर मोड़ें और सांस छोड़ें।
इसके बाद वापस अपने सामान्य स्थिति में लौट आएं। उचित परिणाम के लिए इस क्रिया को कम से कम 5 से 8 बार दोहराएं।
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यह एक साधारण और बेसिक स्ट्रेच है। जो देखने में काफी आसान लगता है। असल में इसके कई फायदे हैं। यदि आप इसे ठीक तरह से करती हैं, तो यह आपके अंदर एक कॉन्फिडेंस लाता है। यह कोर, आर्म्स और लेग स्ट्रेचिंग के लिए एक अच्छा योग है। यह मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है और इन्हें रिलैक्स रहने में मदद करता है।
इसे करने के लिए बिल्कुल सीधी खड़ी हो जाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डियों को बिल्कुल सीधा रखने का प्रयास करें।
सांस अंदर लें और अपनी दोनों हथेलियों को ऊपर की ओर उठाएं और एक दूसरे से जोड़ लें।
फिर सांस को बाहर छोड़ें और फिर सांस अंदर लेते हुए अपने पैरों की एड़ियों को सतह से उठाएं।
अपने पैरों को ऊपर की ओर स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
इस पोजीशन में बैलेंस बनाते हुए इसे लगभग 10 से 15 बार दोहराएं। फिर सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।
उत्तानासन का अभ्यास मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ा देता है। साथ ही स्ट्रेस, थकान और एंग्जाइटी को नियंत्रित रखता है।किडनी, लीवर और डाइजेशन के फंक्शन को इम्प्रूव करने के लिए इसका अभ्यास कर सकती हैं।
इसे करने के लिए सबसे पहले सीधी खड़ी हो जाएं। इस दौरान अपनी रीढ़ की हड्डियों को सीधा रखें।
गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और सीधा स्ट्रेच करें।
अब कूल्हे को बेंड करते हुए शरीर और दोनों हाथ को आगे की ओर झुकाएं। अपने हाथों से पैर को छूने की कोशिश करें।
फिर लगभग 20 से 30 सेकंड तक इसी मुद्रा में बनी रहें।
इस स्थिति में पैर और रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखने की कोशिश करें।
गहरी सांस लें फिर सांस को धीमे से बाहर छोड़ें और सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।
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