बिग बॉस 7 से फेमस हुई सोफिया हयात को हाल ही में स्प्रिचुअल फास्टिंग की वजह से तबियत बिगड़ने पर यूके में हॉस्पिटलाइज होना पड़ा। शरीर में सॉल्ट और अन्य इलेक्ट्रोलाइटस की कमी के कारण उनकी तबियत काफी ज्यादा बिगड़ गई थी। हयात की हालत से साफ है कि फास्टिंग और भूखे रहने (Fasting vs starving) यानी कि भूखे रहना एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं। बहुत से लोग वजन कम करने के लिए स्टारविंग को एक आसान तरीका समझकर संतुष्टि के लिए आजमा लेते हैं, बिना पूरी जानकारी के की यह सेहत को किस तरह प्रभावित कर सकती है।
फास्टिंग वह है जब आप कुछ खाद्य पदार्थ (जैसे कि अनाज) को अपनी नियमित डाइट में लेना बंद कर देती हैं और इसकी जगह अन्य सुपरफूड्स (जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां और फल) को डाइट में शामिल करती हैं। लोग एकादशी के दिन अनाज नहीं खाते, वहीं रमज़ान में एक निश्चित समय तक भोजन से परहेज करते हैं। यह सभी उपवास यानी कि फास्टिंग के कुछ आम उदाहरण हैं, जो आप सभी को पता होंगे।
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, बैंगलोर की चीफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट शारण्य शास्त्री कहती हैं कि “फास्टिंग सदियों से चली आ रही एक पुरानी परंपरा है, जिसका उल्लेख वैज्ञानिक रूप से भी किया गया है। फास्टिंग के दौरान किसी प्रकार की न्यूट्रिशनिज्म नही होती, और भोजन को समग्र रूप से लिया जाता है।”
फास्टिंग जीवन में संस्कृति की ओर पकड़ बनाए रखने में मदद करती है। हयात ने इस उम्मीद के साथ स्प्रिचुअल फास्टिंग की थी कि यह उनके लिए फायदेमंद साबित होगी।
यह आपको अंदरुनी रूप से मजबूत बनाती है और आपके फंक्शनल सिस्टम को एक आवश्यक ब्रेक देती है।
यह बीएमआर (basal metabolic rate) को भी इंप्रूव करने में मदद करती है।
फास्टिंग के दौरान प्रयोग में आने वाले लगभग सभी खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
फास्टिंग वजन घटाने में मददगार है। साथ ही भूख को नियंत्रित रखने में भी फायदेमंद है।
यह शरीर को संतुलित रखता है और आपको अंदर से हल्का, स्वस्थ और मजबूत महसूस करने में मदद करता है। यह आपको एसिडिटी, ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन और ओवरईटिंग जैसी समस्याओं से दूर रखता है।
यदि आप फास्टिंग पर हैं, तो अपने न्यूट्रिएंट्स को बैलेंस रखने का प्रयास करें और ओवरईटिंग से बचें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें1. अपनी फास्टिंग फल या खजूर खा कर खोलें।
2. यदि आप लंबे समय से उपवास पर हैं, तो इसे खूब सारा पानी या शरबत पीकर तोड़ें। वहीं गर्मी के मौसम में ताजी छाछ और नारियल पानी पी ले सकती हैं।
3. उपवास तोड़ने के बाद साबूदाना खाना शरीर के लिए उचित रहेगा।
4. फास्टिंग शुरू करने से पहले चावल से बने खाद्य पदार्थ को लेने की कोशिश करें। यह आपकी भूख को नियंत्रित रखेगा। साथ ही शरीर में पर्याप्त आयरन हो इस बात का ध्यान रखें।
5. यदि आप फास्टिंग करना चाहती है, तो सॉफ्ट ड्रिंक, प्रोसैस्ड फूड्स और रिफाइंड शुगर से जितना हो सके उतना परहेज रखने की कोशिश करें।
6. फास्टिंग के दौरान किसी प्रकार की गाढ़ी दाल लेने से बचें, यह गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
स्टार्वेशन वजन कम करने के लिए शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट के रूप में कैलोरीज की कमी को कहते हैं। इसके पीछे अभी तक किसी प्रकार की वैज्ञानिक व्याख्या नहीं की गई है। वहीं बात यदि हयात के केस की करें, तो उन्होंने खुद को इस कदर भूखा रखा कि उनके शरीर में नमक का स्तर बहुत ज्यादा गिर गया। जिस वजह से हाल ही में उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। हालांकि, आपको बता दें कि भोजन छोड़ कर शरीर को किसी भी कीमत पर सेहतमंद नहीं रखा जा सकता।
डॉक्टर शास्त्री के अनुसार “भूखे रहने से कैलोरीज की जगह कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन की मात्रा में ज्यादा तेजी से गिरावट देखने को मिलती है। स्टार्विंग शरीर को कमजोर कर सकता है, और यह वजन कम करने का बिल्कुल भी प्रभावी तरीका नहीं होता। यह आपके मेटाबॉलिज्म को असंतुलित करने के साथ ही शरीर मे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी का कारण बनता है।
वहीं शरीर को तनावग्रस्त और भ्रमित कर सकता है। वजन कम करने के लिए अपनाया गया यह तरीका शरीर के लिए कई तरह से नुकसानदेह है। जैसे कि मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, बाल झड़ना, त्वचा से जुड़ी समस्या, ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव, लो ब्लड प्रेशर और थकान महसूस करना।
तो यह ध्यान रहें, कि अपनी जींस के साइज में फिट होने के लिए और टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने के लिए किसी ऐसी गतिविधि में भाग न लें, जिसका असर आपकी सेहत पर उल्टा पड़ जाए और उसे बुरी तरह प्रभावित कर दे।
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