फिजिकल एक्टिविटी अधिक नहीं होने के कारण मोटापा के साथ-साथ और भी कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। समय कम होने के कारण हम चाहते हैं कि हमारे पास एक ऐसी एक्सरसाइज हो, जिसे करने से न सिर्फ वेट कंट्रोल हो बल्कि पूरे शरीर को भी लाभ मिले। वेलनेस एक्सपर्ट और सेलेब्रिटी ट्रेनर यास्मीन करांचीवाला अपनी इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं कि स्क्वाट ही एकमात्र ऐसी एक्सरसाइज है, जो आपके मन लायक है। इससे आपके पूरे शरीर पर जोर पड़ता है। पर इसे सही स्टेप्स (Squats Right Steps) के साथ करना बहुत जरूरी है।
यास्मीन कहती हैं कि कई सारे स्टेप्स करने की बजाय इसमें थोड़ा- सा बदलाव लाकर आसान भी बनाया जा सकता है। सबसे पहले एक बेंच के किनारे पर बैठ जाएं। एक पैर को आगे बढ़ाएं। दूसरे पैर को मोड़ते हुए बेंच के नीचे अंदर ले जाएं। दोनों हाथों को बांध कर एक पैर पर वजन देते हुए खड़ी हो जाएं। फिर दूसरे पैर को बेंच पर उल्टे तरफ से रखें। फिर आगे वाले पैर को मोड़ते घुटनों को मोड़ते हुए स्क्वाट कर सकती हैं। यास्मीन के अनुसार, मोड़ते हुए स्क्वाट करें।
सीधे खड़े हो जाएं। पीठ को सीधा रखते हुए पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से थोड़ा अलग रखें। एक सीधी रेखा में आपको खड़ा होना चाहिए। पैर की उंगलियों को थोड़ा बाहर करें। कंधों को आराम देते हुए छाती को ऊपर उठाएं। सीधे देखें। आपके सामने बाहें फैली हुई होनी चाहिए। ग्लूट्स को खीचें ताकि पेल्विक रीजन बाएं पैर और दायें पैर के साथ समरूपता में हो।
सीधे आगे देखें। पीठ को सीधा रखें और कोर को एंगेज करें। सांस लें। हिप्स को बाहर धकेलें और अपने घुटनों को मोड़ना शुरू करें। आपका वजन एड़ी पर होना चाहिए न कि पैर की उंगलियों पर। कूल्हों को घुटनों से नीचे लायें।
हिप्स को बाहर धकेलते हुए सीधे आगे देखें। शरीर के वजन को एड़ियों पर रखकर बैठने की मुद्रा में आयें। तब तक नीचे जाएं जब तक आपके हिप्स के जोड़ घुटनों से नीचे न आ जाएं। यह सही फुल स्क्वाट है।
बाहों को सामने रखें या दाहिनी कलाई को बाएं हाथ से पकड़ें। सीधे देखें। सुनिश्चित करें कि पेल्विक रीजन पैर की उंगलियों के साथ एक सीध में हो। कूल्हों को पीछे की ओर खींचें। कोर टाइट और ग्लूट्स को अंदर की ओर खीचें। इस मुद्रा में 3 सेकंड तक रहें।
सांस छोड़ें और वापस उठना शुरू करें। शरीर का भार एड़ियों पर ही रखें। कंधों को पीछे की ओर और छाती को ऊपर की ओर रखें। कूल्हों को आगे की ओर धकेलें और ग्लूट्स को खीचें। पैरों को सीधा रखें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंअपनी क्षमता के अनुसार इन स्टेप्स को दोहरा सकती हैं।
स्क्वाट्स करने से शरीर के निचले भाग पर प्रभाव पड़ता है। यह शरीर को रोज़मर्रा के कामों जैसे चलना, भारी सामान उठाना और सीढ़ियां चढ़ने में आने वाली दिक्कतों को खत्म करता है। यह शरीर को मज़बूत बनाता है।
यह किसी प्रकार के चोट से बचाव कर सकता है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और दर्द से राहत मिलती है। इसके साथ सबसे अच्छी बात यह है कि इसे करने के लिए किसी भी प्रकार के उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। सिर्फ स्पेस हवादार होनी चाहिए और पैरों में बढ़िया जूते होने चाहिए।
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