थकी हुई पीठ को इन 5 एक्सरसाइज से करें रिलैक्स, डेस्क जॉब वाले हर रोज़ करें अभ्यास

लगातार बैठकर काम करने के बाद बैक पेन एक आम समस्या है। इससे कई लोग हर दिन जूझते हैं। यदि विशेषज्ञ के बताये 5 एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल किया जाये, तो रिलैक्स करने और पीठ दर्द कम करने में मदद मिल सकती है।
back pain se rahat dilate hain exercise.
ऐसे व्यायाम जो पीठ और उसे सहारा देने वाली मांसपेशियों को फैलाते और मजबूत करते हों। इससे बैक पेन से राहत मिलती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Updated On: 20 Feb 2024, 06:32 pm IST
  • 125
Yash Agarwal
इनपुट फ्राॅम

ऑफिस में काम के दौरान हमारे शरीर एक महत्वपूर्ण हिसस में घंटों कोई मूवमेंट नहीं हो पाती। हम लगातार एक जगह पर बैठकर काम करते रहते हैं। नतीजा पीठ दर्द के रूप में सामने आता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि स्ट्रेचिंग बैक पेन में सबसे अधिक कारगर है। नियमित रूप से कुछ एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। इससे अपर बॉडी के साथ-साथ लोअर बॉडी में भी ब्लड सिक्युलेशन सुचारू रूप से हो पाता है। स्टिफनेस खत्म हो जाती है। यहां ध्यान देना जरूरी है कि उचित एक्सरसाइज (Exercises to relax your back ) को ही शामिल करना चाहिए।

पीठ को आराम देने के लिए किस तरह की एक्सरसाइज हैं कारगर (Exercises to relax your back)

ऐसे व्यायाम जो पीठ और उसे सहारा देने वाली मांसपेशियों को फैलाते और मजबूत करते हों। इससे बैक पेन से राहत मिलती है। जब आप पहली बार शुरुआत करें, तो प्रत्येक एक्सरसाइज को कुछ बार दोहराएं। फिर धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएं। यह आपके लिए आसान हो जाएगा। यदि लगातार पीठ दर्द हो रहा है या पीठ में चोट लगी है, तो किसी डॉक्टर या हेल्थकेयर एक्सपर्ट की सलाह लेने के बाद ही एक्सरसाइज शुरू करें। सुरक्षित गतिविधियों को अपनायें।

यहां हैं 5 एक्सरसाइज जो आपकी पीठ को आराम दिला सकती हैं(5 Exercises to relax your back after a tiring day)

1 घुटने से चेस्ट तक करें स्ट्रेच (knee to chest stretch)

घुटनों को मोड़ लें। पैरों को फर्श पर सपाट रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हाथों का उपयोग करके, एक घुटने को ऊपर खींचें। इसे चेस्ट की ओर दबाएं। स्टमक मसल्स कस लें। रीढ़ को फर्श पर दबाएं। 5 सेकंड के लिए रुकें। प्रारंभिक स्थिति में लौट जाएं। दूसरे पैर से दोहराएं। प्रारंभिक स्थिति पर वापस आ जाएं। एक ही समय में दोनों पैरों से दोहराएं। प्रत्येक स्ट्रेच को 2 से 3 बार दोहराएं। यदि संभव हो, तो पूरी दिनचर्या एक बार सुबह और एक बार शाम को करें।

2 लोअर बैक को दें रोटेशनल स्ट्रेच (Rotational stretch)

घुटनों को मोड़कर पैरों को फर्श पर सपाट रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। कंधों को मजबूती से फर्श पर रखें। धीरे-धीरे अपने मुड़े हुए घुटनों को एक तरफ घुमाएं। 5 से 10 सेकंड तक रुकें। धीरे-धीरे पहले वाली स्थिति में वापस आ जाएं। दूसरी तरफ से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं। प्रत्येक स्ट्रेच को 2 से 3 बार दोहराएं। यदि संभव हो तो पूरी दिनचर्या एक बार सुबह और एक बार शाम को करें।

back pain ko kam karne ke liye jaroori hai exercise.
कंधों को मजबूती से फर्श पर रखें। चित्र : शटरस्टॉक

3 पीठ फ्लेक्सिबल बनाने की एक्सरसाइज (flexibility exercises for back pain)

घुटनों को मोड़कर पैरों को फर्श पर सपाट रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। बैली मसल्स को टाइट कर लें, ताकि निचली पीठ फर्श से दूर ऊपर की ओर खिंच जाए। पांच सेकंड तक रुकें और फिर आराम करें। पीठ को चपटा करें। बैली बटन को फर्श की ओर खींचें। पांच सेकंड तक रुकें और फिर आराम करें। इसे दोहराएं। एक दिन में पांच रिपीटिशन से शुरुआत करें। धीरे-धीरे 30 तक दोहराएं।

4 ब्रिज एक्सरसाइज (Bridge exercise for lower back)

घुटनों को मोड़कर और पैरों को फर्श पर सपाट रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। कंधों और सिर को फर्श पर आराम से रखें। पेट और हिप्स की मांसपेशियों को कस लें। हिप्स को ऊपर उठाएं, ताकि घुटनों से कंधों तक एक सीधी रेखा बन जाए। तीन गिनने तक गहरी सांस लें। इतनी देर तक रुकने का प्रयास करें। जहां से शुरू किया था वहां वापस जाएं और फिर एक्सरसाइज को दोहराएं। दिन में पांच बार रिपीटीशन करके शुरुआत करें। धीरे-धीरे 30 तक दोहराएं।

Bridge pose ke fayde
घुटनों को मोड़कर और पैरों को फर्श पर सपाट रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। चित्र : शटरस्टॉक

5 कैट स्ट्रेच (Cat stretch)

घुटनों और हाथों पर झुकें। धीरे-धीरे पीठ को झुकाएं, जैसे कि सिर नीचे लाते समय पेट छत की ओर स्ट्रेच कर रही हों। फिर धीरे-धीरे सिर ऊपर लाते हुए पीठ और पेट को फर्श की ओर झुकने दें। जहां से शुरुआत हुई थी, वहां वापस जाएं। दिन में दो बार 3 से 5 बार दोहराएं।

पोल

नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

यह भी पढ़ें :-Stretching benefits : एक फिटनेस कोच बता रहे हैं वर्कआउट से पहले क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

अगला लेख