शारीरिक गतिविधि के अनुसार किसी व्यक्ति के शरीर में ब्लड प्रेशर (Blood pressure) बढ़ता और घटता है, जिसका असर ओवरऑल हल्थ पर दिखने लगता है। गर्मी के मौसम में अक्सर लोगों को हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या का सामना करना पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) एक ऐसी समस्या है, जिसे नियंत्रित न करने पर स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने लगता है। अक्सर लोग इसे नियंत्रित करने के लिए दवाओं की मदद लेते हैं। मगर कुछ आसान एक्सरसाइज़ की मदद से भी हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है (exercises to control blood pressure)।
इस बारे में फिज़ियोथेरेपिस्ट और योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि रोजमर्रा के जीवन में योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ और एरोबिक्स को शमिल करके हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) से बचा जा सकता है। शारीरिक गतिविधि से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) उचित बना रहता है और शरीर दिनभर एक्टिव महसूस करता है। बॉडी एक्टीविटी (body activity) से मसल्स में खिंचाव आने लगता है, जिससे शरीर में बढ़ने वाले तनाव को भी दूर करने में मदद मिलती है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार व्यायाम करने के दौरान शरीर में ब्लड का प्रेशर मसल्स की आवश्यकता के अनुसार बढ़ने लगता है। वे लोग जो रोज़ एक्सरसाइज़ करते हैं, उनके शरीर में ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है। एक्सरसाइज़ से ब्लड प्रेशर के अलावा हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज़ और मोटापे की समस्या से भी बचा जा सकता है।
दिन की शुरूआत एरोबिक्स एक्सरसाइज़ (aerobics exercise) से करके से शरीर वॉर्मअप होने लगता है। जॉगिंग, रनिंग, वॉकिंग ओर स्वीमिंग एरोबिक्स का ही पार्ट है। दिनभर में 30 मिनट की वॉक करने से शरीर में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर किया जा सकता है और रक्त के प्रवाह को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है।
मांसपेशियों में खिंचाव लाने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ (stretching exercise) की मदद ली जाती है। इससे काफ मसल्स को मज़बूती मिलती है और शरीर में बढ़ने वाली थकान को दूर किया जा सकता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से वज़न बढ़ने की समस्या हल हो जाती है। इसके लिए रोज़ाना कैट काओ स्ट्रैच, सीटिड फॉरवर्ड बैंड, स्टैण्डिंग फॉरवर्ड बैन्ड और स्पाइनल टविस्ट की मदद ली जाती है।
तन की चुस्ती और मन की एकाग्रता के लिए योगाभ्यास आवश्यक है। इसये शरीर में ब्लड फ्लो नियमित बना रहता है और शरीर में बढ़ने वाली समस्याओं का खतरा भी कम हो जाता है। इससे इम्यून सिस्टम को मज़बूती मिलती है। सुखासन, बालासन, विपरीत करणी और शवासन का रोज़ाना अभ्यास करने से हाईपरटेंशन की समस्या से बचा जा सकता है।
ब्रीदिंग प्रैक्टिस की मदद से ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है। 4-7-8 के फॉर्मुले से की जाने वाली ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ से शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो उचित बना रहता है। इसके लिए 4 गिनने तक नाक से सांस लें और फेफड़ों में भरें। उसके बाद अपनी सांस को 7 गिनने तक रोककर रखें और फिर आठ गिनने तक उसे धीरे धीरे छोड़ें। ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने के लिए डायाफ्रामिक ब्रीदिंग और ऑल्टरनेट नास्टिरिल ब्रीदिंग की मदद ली जा सकती है।
शरीर की क्षमता के अनुसार ही एक्सरसाइज़ करें और शरीर को बहुत अधिक थकान से बचाएं।
दिन में 30 मिनट एक्सरसाइज़ के लिए अवश्य निकाले। इससे शरीर एक्टिव रहता है और हाई ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है।
आल्टरनेट डेज़ के अनुसार एक्सरसाइज़ को चुनें और सुबह व शाम दिन में दो बार व्यायाम करे।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंखाली पेट व्यायाम करने से शरीर को अधिक फायदा मिलता है और शरीर अपच व वॉमिटिंग की समस्या से बच जाता है।
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