उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव महसूस होते हैं और उन्हीं बदलावों में से एक है घुटनों में दर्द व ऐंठन। खान पान के अलावा शरीर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाए रखना ज़रूरी है। इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बेहद ज़रूरी है। इससे चलते, फिरने, घूमने और जमीन पर बैठने में मदद मिलती है। वर्कआउट न करने से और लंबे वक्त तक बैठे रहने से घुटनों के पीछे के मसल्स में स्टिनेस बढ़ने लगती है। जानते हैं कि किन एक्सरसाइज़ की मदद से घुटनों की मज़बूती को बढ़ाएं।
इस बारे में लाइफस्टाइल कोच पूजा मलिक बताती हैं कि 40 से 50 की उम्र के मध्य घुटनों का दर्द महिलाओं में बढ़ने लगता है। मॉडरेट एक्सरसाइज़ की मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे मांसपेशियों को ताकत मिलती है और शरीर में बढ़ने वाली थकान और ऐंठन दूर होने लगती है। लंबे वक्त तक एक पोश्चर में बैठना भी घुटनों के दर्द की समस्या का बढ़ा देता है। ऐसे में नियमित रूप से कुछ देर के लिए एक्सरसाइज़ करना ज़रूरी है।
घुटनों के दर्द को दूर करने के लिए नी रोटेशन का अभ्यास आवश्यक है। इससे टांगों की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। साथ ही काफ मसल्स की स्ट्रैंथ बढ़ती है। इसे रोज़ाना करने से वेटलॉस में मदद मिलती है और शरीर का संतुलन बना रहता है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों टांगों को सीधा कर लें। अब दोनों टांगों के मध्य दूरी बना लें। कमर को नीचे की ओर झुकाएं और दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। अब घुटनों को मोड़ें और उन्हें क्लॉक वाइज़ और एंटी क्लाक वाइज़ रोटेट करें।
टांगों की मांसपेशियों की मज़बूती को बढ़ाने और घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए टो लिफ्ट बेहद कारगर एक्सरसाइज़ है। इसे करने से घुटनों के पीछे की मांसपेशियां एक्टिव रहती है और रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है। इसे नियमित तौर पर करने से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए पीठ को दीवार से सटाकर खड़े हो जाएं। दोनों पैरों को दीवार से दूर रखें और आपस में जोड़ लें। अब पैरों के पंजों को उपर की उठाएं और एड़ी को जमीन पर ही टिके रहने दें। इस दौरान हाथों को भी अंदर की ओर मोड़े और सीधा कर लें। एक्सरसाइज़ के साथ गहरी सांस लें और छोड़ें।
शरीर में उम्र के साथ हार्मोन में बदलाव आने लगते हैं। साथ ही हड्डियों की कमज़ोरी भी बढ़ने लगती है। शरीर का वज़न घुटनों पर आने लगता है, जिससे दर्द और ऐंठन बढ़ने लगती है। ऐसे में घुटनों को मज़बूती प्रदान करने के लिए नी बेण्डस का रोज़ाना अभ्यास करें। दिन में 2 से 3 बार 4 से 5 मिनट इस एक्सरसाइज़ को करने से शरीर एक्टिव रहता है।
नी बेण्डस को करने के लिए दीवार के सामने खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को दीवार पर मज़बूती से टिका लें।दोनों पैरों के बीच दूरी बनाकर रखें और हाथों को सहारा लेकर घुटनों को मोड़ें और फिर सीधे हो जाएं। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस व्यायाम को दोहराएं। इससे टांगों की मज़बूती बढ़ने लगती है।
घुटनों के बल बैठकर की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ से शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है और घुटनों की तकलीफ दूर होती है। शरीर के स्टेमिना के अनुसार ही इस एक्सरसाइज़ को करें। इन सभी इंडोर एक्सरसाइज़ को करने से शरीर एक्टिव और फिट बना रहता है। साथ ही शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी उचित रहता है।
इसे करने के लिए मैट पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को आगे की ओर बढ़ाएं और बाजूओं को सीधा कर लें। इसके बाद शरीर को पीछे की ओर लेकर जाएं और फिर आगे हो जाएं। इससे थाइज़ पर जमा चर्बी से भी राहत मिल जाती है। इसे करने से घुटनों का दर्द कम होने लगता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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