व्यायाम शरीर को हेल्दी और फिट रखने में मदद करता है। ये न केवल बॉडी पोश्चर को बेहतर बनाकर शरीर को वेटलॉस में मदद करता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। एक रिसर्च की मानें तो दिन भर में कुछ वक्त एक्सरसाइज़ करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं। जिससे तन और मन हेल्दी बना रहता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि कुछ देर का व्यायाम किस प्रकार से मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में होता है मददगार साबित।
सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करने से याददाश्त में सुधार होता है। इससे एंग्जाइटी और स्ट्रेस कम करने में भी मदद मिलती है। फिज़िकल एक्टिविटी की मदद से डिमेंशिया और कॉग्नीटिव डिक्लाइन कम होने लगता है।
रिसर्च के अनुसार मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए एडल्ट्स को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मॉडरेट इंटेसिटी फिजिकल एक्टीविटी करनी चाहिए। इसके अलावा 75 मिनट हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज़ को करना आवश्यक है। मॉडरेट इंटेसिटी फिजिकल एक्टीविटी को दिन में 30 मिनट और सप्ताह में 5 दिन अवश्य करें। वहीं 65 की उम्र के बाद सप्ताह में तीन दिन बैलेस्ड एक्टीविटी के लिए निकालें।
इस बारे में बातचीत करते हुए न्यूरोलॉजिस्ट डॉ रजत अग्रवाल का कहना है कि वे लोग जो नियमित रूप से व्यायाम करते हैं। उनका शरीर और ब्रेन एक्टिव बना रहता है। इससे ब्रेन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है, जिससे न्यूरालॉजिकल डिसऑर्डर का जोखिम कम होने लगता है। कुछ देर एक्सरसाइज़ करने से शरीर में डोपामाइन, सेरोटोनिन और नॉरएड्रेनालाईन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे न केवल मूड स्विंग कम होता है बल्कि फोकस को भी बढ़ाया जा सकता है। एक्सरसाइज़ करने से ब्रेन पर उसका प्रभाव काफी देर तक रहता है।
रोज़ाना कुछ देर तक व्यायाम करने से ब्रेन के हिप्पोकैम्पस में तनाव रिसेप्टर्स की संख्या नियंत्रित बनी रहती है। स्ट्रेस रिसेप्टर्स में कटौती आने से ब्रेन पर स्ट्रेस हार्मोन का प्रभाव भी कम होने लगता है। वे लोग जो रोज़ाना एक्सरसाइज़ करते हैं, उनके जीवन में तनाव कम होने लगता है। साथ ही मन में शांति, सुकून और एनर्जी बढ़ने लगती है।
व्यायाम करने से मस्तिष्क में ब्लड फ्लो बढ़ने लगता है, जिससे चीजों को याद रखने और उन्हें आसानी से समझने में मदद मिलती है। इसके अलावा फोकस बढ़ने लगता है और कॉग्नीटिव ओवरलोड कम हो जाता है। ब्रेन एक्टिव बना रहता है, जिससे मस्ष्कि का कार्य सुचारू रहता है।
30 मिनट एक्सरसाइज़ करने से ब्रेन रिलैक्स और एक्टिव रहता है। इससे ब्रेन के एक हिस्से हिप्पोकैम्पस में ज्यू ब्रेन सेल्स का निर्माण होने लगता है। इससे चीजें लंबे वक्त तब मस्तिष्क में स्टोर रहती है और बार बार भूलने की समस्या भी हल हो जाती है। दिन में दो बार एक्सरसाइज़ अवश्य करें। ब्रिटिश कोलंबिया युनिवर्सिटी के रिसर्च के अनुसार नियमित रूप से एरोबिक एक्सरसाइज़ ब्रेन में हिप्पोकैम्पस के आकार को बढ़ाता है। इससे वर्बल मेमोरी और लर्निंग पावर बढ़ने लगती है।
किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए फोकस की आवश्यकता होती है। एक्सरसाइज़ करने से शरीर को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में रक्त का स्त्राव नियमित होने लगता है, जिससे सोशल एंग्जाइटी व ब्रेन फॉग से राहत मिलती है। साथ ही कार्य करने के लिए ब्रेन पूरी तरह से फोकसड रहता है और लंबे वक्त तक अटैंशन बनी रहती है। दरअसल, ब्रेन में ब्लड का फ्लो बढ़ने से नई कोशिकाओं का विकास होता है, जिससे मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है।
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