योग मानसिक और शारीरिक लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यह एक प्राचीन अभ्यास है, जिसे लोग अपने मन और शरीर को आराम देने के लिए वर्षों से उपयोग करते आ रहे हैं। हालांकि, किसी भी अन्य व्यायाम के समान, यदि योगाभ्यास ठीक से न किया जाए, तो यह दर्द और परेशानी का कारण बन सकता है।
क्या आपने डॉग पोज़ करते वक़्त कभी दर्द या ऐंठन महसूस की है? यदि हां, तो आपको यह जानना चाहिए कि जैसे स्ट्रेन के कारण धावकों के घुटने में चोट लगने की संभावना सबसे अधिक होती है, वैसे ही योगाभ्यास करने वाले को बट पर चोट लगने का खतरा अधिक होता है, जिसे “योगा बट” के रूप में जाना जाता है।
योगा बट चिकित्सीय शब्द नहीं है, और इसे “डेड बट सिंड्रोम” के रूप में भी जाना जाता है। इस घटना को “हाई हैमस्ट्रिंग टेंडिनोपैथी” के रूप में जाना जाता है। जिसमें हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों के आसपास वाले हिस्से “बैठने वाली हड्डियों” के क्षेत्र (आपके श्रोणि के निचले हिस्से) में दर्द होता है। इसे “इस्क्रा ट्यूब्रोसिटी” के रूप में जाना जाता है। यदि इस समस्या को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह व्यथा और दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि योगा बट और इसके कारणों की पहचान कैसे करें।
आपकी ग्लूट्स (glutes) में अचानक कसाव या हल्के तनाव की भावना।
अपने ischial tuberosity यानि सिट बोन में दर्द के कारण अपने शरीर को हिलाना मुश्किल हो जाता है।
पिरिफोर्मिस मांसपेशी में सुन्नता महसूस करना (ग्लूटस के पीछे नितंब में स्थित छोटी मांसपेशी)
आपकी पीठ के निचले हिस्से और जांघ / पैरों के क्षेत्र में हल्का दर्द।
नितंबों और आपके पैरों के पीछे एक पॉपिंग सनसनी।
आपकी जांघों में सूजन।
योग करते समय लंबे वक़्त तक एक ही मुद्रा धारण करने से हैमस्ट्रिंग में तनाव बढ़ सकता है और मांसपेशियों को सही आराम न मिलने की वजह से तनाव बढ़ सकता है। ये आपके बट में दर्द का कारण बन सकता है, जो आपके निचले हिस्से के साथ-साथ आपके लोअर बैक को भी प्रभावित कर सकता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंयोग मुद्रा करते समय, जब आप और ज्यादा स्टेच करने की कोशिश करते हैं, तो जोड़ों और मांसपेशियों के समूह में अतिरेक का कारण हो सकता है। योग चिकित्सक, जब सिट बोन क्षेत्र से समीपस्थ हैमस्ट्रिंग को खींचने की कोशिश करते हैं, तो ओवरस्ट्रेचिंग हो जाती है।
लंजेज़, डाउनवार्ड डॉग या वॉरियर पोज़ जैसी मुद्राएं हैमस्ट्रिंग पर सीधा दबाव डालती हैं। इसलिए, आपको सावधान रहना चाहिए और ध्यान देना चाहिए कि कहीं आप बहुत अधिक तनाव तो नहीं डाल रहे हैं क्योंकि इससे चोट लग सकती है।
योगाभ्यास में इनकंसिस्टेंसी, लचीलेपन, शारीरिक रूप और मसल मेमोरी को बाधित कर सकती है। इस इनकंसिस्टेंसी से बट, जोड़ों और महत्वपूर्ण मांसपेशी समूहों जैसे जांघों, पीठ और कंधों में दर्द हो सकता है, क्योंकि शरीर को पर्याप्त रक्त परिसंचरण के योगाभ्यास में संतुलन की आवश्यकता होती है।
यदि आप बार-बार हल्के दर्द का अनुभव करते हैं, तो भी हैमस्ट्रिंग चोट से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप ऐसे लक्षणों की बारीकी से निगरानी करें और गंभीर चोटों और असुविधा से बचने के लिए अपने वर्कआउट को धीमा और स्थिर रखें।
तो, अब आप जानते हैं कि योगा बट क्या है और आप किस तरह से दर्द या घायल होने से बच सकते हैं। इसके बावजूद बढ़ रही बेचैनी और दर्द के लिए तत्काल चिकित्सीय सलाह लेना जरूरी है।
यह भी पढ़ें – रोजाना 100 फ्रॉग जंप करना दिला सकता है आपको एप्रन बेली से छुटकारा, जानिए यह कैसे कारगर है