वेटलॉस के अलावा शरीर में एनर्जी के स्तर को बढ़ाने और खुद को फिट रखने के लिए अधिकतर लोग वर्कआउट रूटीन फॉलो करते हैं। कोई कार्डियो एक्सरसाइज़, करता है, तो कोई हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज़ की मदद लेता है। इसके अलावा वॉकिंग, रनिंग और एरोबिक्स भी शरीर को फिट रखने के बेहतरीन विकल्प है। इन्हीं में से एक है एक्सेंट्रिक एक्सरसाइज़ (Eccentric exercise) जिसे विलक्षण एक्सरसाइज़ भी कहा जाता है।
इससे न केवल मसाल्स को मज़बूती मिलती है बल्कि शरीर में बढ़ने वाली स्टिफनेस को भी दूर किया जा सकता है। अधिकतर लोग दिन में दो बार व्यायाम करते है, ताकि उनका शरीर फिट रह सके। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है और शरीर दिनभर एक्टिव बना रहता है। साथ ही हृदय रोगों को दूर करने में भी मदद मिलती है और डायबिटीज़ के खतरे को भी कम कियार जा सकता है। सबसे पहले जानते है एक्सेंट्रिक एक्सरसाइज़ (Eccentric exercise) किसे कहते है, और इसे करने का तरीका भी।
एक्सेंट्रिक व्यायाम एक स्ट्रैंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ है, जिसका इस्तेमाल अक्सर वर्कआउट करते समय किया जाता है। 2019 में न्यूट्रीशन एंड एनहैंस्ड स्पोर्ट्स परफॉरमेंस में एक शोध के अनुसार वेटलॉस के लिए इस एक्सरसाइज़ की मदद ली जाती है। इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट अभि सिंह ठाकुर बताते हैं कि इस व्यायाम की मदद से मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि और एनर्जी के लेवल में सुधार आने लगता है।
2013 में स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार एक्सेंट्रिक व्यायाम के अभ्यास से मसल्स की ताकत बढ़ने लगती है और लचीलापन बढ़ने लगता है। इसके अलावा स्क्वाट की पोज़िशन में जाने से कूल्हे और हैमस्ट्रिंग की गतिशीलता में सुधार हो सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इसका अभ्यास करने से घुटने के दर्द से राहत मिलती है। इस व्यायाम को नियमित रूप से करने से मांसपेशियों और टिशूज को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। साथ ही घुटने की स्थिरता में सुधार हो सकता है। साथ ही चलने फिरने के दौरान शरीर संतुलित बना रहता है।
शरीर में बढ़ने वाली थकान को दूर करने के लिए इसका अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इससे मसल्स में बढ़ने वाले तनाव को दूर किया जा सकता है, जिससे लचीलापन बढ़ने लगता है। इससे शरीर को मज़बूती मिलती है और माबिलिटी के स्तर में सुधार आने लगता है।
मांसपेशियों और टेंडन को उनकी पूरी गति के माध्यम से मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा शरीर को चोटिल होने से बचाने में भी मदद मिलती है। इसे अभ्यास से इंफ्लामेशन को कम किया जा सकता है और टिशूज़ की मदद से चोटों से बचाने में मदद मिलती है।
मसल्स की ग्रोथ यानि हाइपरट्रॉफी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे मांसपेशियों में बढ़ने वाले तनाव को कम करके शरीर को हेल्दी और एक्टिव रखा जा सकता है। इसके नियमित अभ्यास से कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से रोका जा सकता है और टिशूज़ की मरम्मत और पुनर्निर्माण में मदद मिलती हैं। इससे शरीर एक्टिव और हेलदी नज़र आता है।
एक्सेंट्रिक व्यायाम दिल को मजबूत रखने में मदद कर सकता है। जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट्स साइंस एंड मेडिसिन में प्रकाशित 2023 के एक रिसर्च के अनुसार एक्सेंट्रिक एक्सरसाइज़ के नियमित अभ्यास से लिपिड प्रोफाइल और कम हृदय गति और रक्तचाप जैसे स्वास्थ्य संबंधी जोखिम कारकों से बचाने में मदद मिलती है।
एक्सेंट्रिक स्क्वैट्स करने के लिए पैरों को कंधे की चौड़ाई पर रखकर खड़े हो जाएं। उसके बाद घुटनों को अपने पंजों के साथ लाइन में रखते हुए धीरे.धीरे अपने कूल्हों को 4 से 6 सेकंड के लिए पीछे और नीचे करें। कुछ देर तक उसी पोज़िशन में रहें और फिर सामान्य रूप से वापस उठें।
पुशअप्स की पोज़िशन में आ जाएं और अपने हाथों को कंधों के नीचे रखकर प्लैंक पोजीशन में शुरुआत करें। कोर मसल्स को टाइट रखते हुए चेस्ट को धीरे धीरे नीचे लेकर आएं और फिर उपर लाएं। शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करें।
इसे करने के लिए अपनी चिन को बार के ऊपर रखकर सबसे ऊपर से शुरुआत करें। इसके लिए आवश्यकतानुसार किसी बॉक्स का इस्तेमाल करें। बॉडी को धीमी गति से नीचे की ओर लेकर जाएं और फिर धीरे धीरे उपर की ओर लाएं। शरीर के स्टेमिना के अनुसार इसका अभ्यास करें।
सनकी डेडलिफ्ट्स करने के लिए बारबेल या डंबल को थाइज़ के स्तर पर रखकर खड़े होकर शुरुआत करें। अपनी पीठ को सीधा रखते हुए और कोर को सक्रिय रखते हुए वज़न को धीरे.धीरे नीचे लेकर आएं। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करें। इससे मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है।
एक पैर को लटकाकर एक स्टेप या बॉक्स पर खड़े हो जाएँ। कुछ सेकण्ड तक इसी पोज़िशन में रहने के बाद धीरे धीरे अपने दूसरे पैर को फर्श पर नीचे लाएँ। शुरुआती स्थिति में वापस आएँ और दोहराएँ।
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