कॉफी वेट लॉस में मददगार है? जवाब है हां, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसके 4 कारण

शरीर को एनर्जी प्रदान करने के अलावा कॉफी की एक प्याली मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करती है। यानि कॉफी का नियमित सेवन शरीर को वेटलॉस में भी मदद करता है। जानते हैं कॉफी वेटलॉस में किस प्रकार से होती है मददगार साबित
Coffee ke fayde
कॉफी पीने से शरीर को क्लोरोजेनिक एसिड की प्राप्ति होती है। ये कंपाउंड कार्ब्स के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 6 Sep 2024, 03:34 pm IST
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इनपुट फ्राॅम

अधिकतर लोग दिनभर एक्टिव रहने के लिए एक कप कॉफी से दिन की शुरूआत करते हैं। अगर बात युवा पीढ़ी की करें, तो उनका रूझान कॉफी की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। मगर साथ ही वो वेटगेन की समस्या से भी परेशान हैं। ऐसे में शरीर को एनर्जी प्रदान करने के अलावा ब्रेन को एक्टिव रखने वाली कॉफी की एक प्याली मेटाबॉलिज्म (coffee boost metabolism) को भी बूस्ट करती है। यानि कॉफी का नियमित सेवन शरीर को वेटलॉस में भी मदद करता है। जानते हैं कॉफी वेटलॉस (Coffee for weight loss) में किस प्रकार से होती है मददगार साबित।

हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च के अनुसार दिन में तीन से चार कप कॉफी पीने से वेटगेन (weight gain), हृदय रोगों (heart disease) और डायबिटीज (diabetes) से राहत मिलती है। दरअसल, 24 सप्ताह तक 126 ओवरवेट लोगों ने रोज़ाना 4 कप कॉफी का सेवन किया, जिसके चलते उनके वज़न में 4 फीसदी की गिरावट देखी गई। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कॉफी पीने से शरीर को क्लोरोजेनिक एसिड की प्राप्ति होती है। ये कंपाउंड कार्ब्स के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है।

कॉफी से वेटलॉस में कैसे मदद मिलती है (Benefits of coffee)

मणिपाल हॉस्पिटल गाजियाबाद के हेड ऑफ़ न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स डॉ आदिति शर्मा बताती हैं कि कॉफी में एंटीऑक्सीडेंटस (coffee benefits) की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जो वेटलॉस में मदद करता है। वे लोग जो कॉफी में क्रीम, शुगर और दूध को एड करते है, उससे शरीर में कैलोरी स्टोरेज बढ़ने लगता है। ऐसे में शरीर को हेल्दी रखने और फ्लेवर को बदलने के लिए कॉफी में दूध और चीनी की जगह दालचीनी, नींबू का रस और जायफल पाउडर मिलाने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा कॉफी को मॉडरेट ढ़ग से पीएं। कॉफी की अतिरिक्त इनटेक कई समस्याओं का कारण बनने लगता है। ऐसे में कॉफी का सेवन (coffee benefits) करने से पहले पोषण विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें। दरअसल, उम्र और हेल्थ के अनुसार सबके शरीर में कॉफी के कंजप्शन की मात्रा अलग अलग होती है। ऐसे में अतिरिक्त कैफीन से बचने की सलाह दी जाती है।

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शरीर को हेल्दी रखने और फ्लेवर को बदलने के लिए कॉफी में दूध और चीनी की जगह दालचीनी, नींबू का रस और जायफल पाउडर मिलाने की सलाह दी जाती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

जानें कॉफी वेटलॉस में कैसे करती है मदद (How coffee is beneficial for weight loss)

1. मेटाबॉजिल्म को करे बूस्ट

डॉ अदिति के अनुसार कॉफी में एंटीऑक्सीडेंटस और हेल्दी कंपाउड पाए जाते है। इससे एपिटाइट को स्प्रैस करने में मदद मिलती है और डाइजेशन बूस्ट होने लगता है। बार बार भूख लगने की समस्या हल होने लगती है और कैलोरी स्टोरेज में गिरावट आती है। ब्लैक कॉफी (Black coffee recipe) वेटलॉस में मददगार है। मगर शारीरिक समस्याओं के मद्देनज़र इसकी मात्रा को किसी एक्सपर्ट की मदद से निधार्रित करें।

2. अतिरिक्त फ्लूइड को करे सिक्रीट

शरीर के अतिरिक्त वज़न को कम करने में कॉफी मददगार साबित होती है। दरअसल, कॉफी में मौजूद डयूरेटिक प्रॉपर्टीज़ से शरीर में जमा अतिरिक्त फ्लूइड की मात्रा को स्रिीट करने मेंअ मदद मिलती है, जिससे शरीर में बढ़ रहे वॉटर वेट को कम किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होने लगता है। साथ ही इससे शरीर में नए सेल्स जनरेट होंने लगते है।

3. फैट ब्रेकिंग क्षमता को बढ़ाए

कैफीन इनटेक से शरीर में मेटाबॉलिज्म दर 3 से 11 फीसदी तक बढ़ जाती है। इससे फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है। इसके सेवन से शरीर में एपिनेफ्रीन हार्मोन स्टीम्यूलेट होता है, जो फैट ब्रेकिंग क्षमता को बढ़ाकर फैट मोबिलाइजेशन में मदद करता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है। इसमें मौजूद कंपाउंड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित बनाए रखते हैं।

Coffee peene se weight loss mei milti hai madad
कैफीन इनटेक से शरीर में मेटाबॉलिज्म दर 3 से 11 फीसदी तक बढ़ जाती है। इससे फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

4. शरीर को बनाए ऊर्जावान

मोटापे के चलते शरीर में थकान और आलस्य बढ़ने लगता है। ऐसे में कैफीन का सेवन करने से शरीर एक्टिव यानि ऊर्जावान बना रहता है। इसके सेवन से एडेनोसाइन नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर को ब्लॉक करने में मदद मिलती है। साथ ही कैफीन डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के रिलीज़ को बढ़ाता है। कॉफी के सेवन से नर्वस सिस्टम को स्टीम्यूलेट करने में मदद मिलती है, जिससे मूड बूस्ट होता है और हेल्दी इटिंग हेबिट्स बढ़ती हैं।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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