40 साल की उम्र के बाद सबसे ज्यादा होने वाली समस्याओं में से एक है गैस या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग। कमजोर पाचन, अनहेल्दी फूड और ईटिंग हेबिट भी गैस्ट्रिक प्रोब्लम (gastric problem) या गैस्ट्राइटिस (gastritis) के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसमें पेट में सूजन या जलन होने लगती है। पर इसके लिए हर बार दवा लेना कारगर साबित नहीं हो सकता। ब्लोटिंग और गैस से बचने के लिए योगासनों का अभ्यास किया जाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। यहां हैं वे 5 योगासन जो आपको ब्लोटिंग और गैस (yoga to reduce bloating) से छुटकारा दिला सकते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि तनाव और चिंता भी विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा भोजन को अनुचित तरीके से चबाना भी गैस्ट्राइटिस का कारण हो सकता है। यदि समय रहते इस समस्या का हल नहीं किया गया, तो यह कई और समस्याओं का कारण बन सकती है।
ब्लोटिंग के कई कारण हो सकते है जैसे कि आपकी जीवनशैली या दिनचर्या क्या है? कम सक्रिय होने के कारण भी ब्लोटिंग हो सकती है। कई बार ब्लोटिंग की वजह से आपको पेट में जलन, पेट फूला हुआ या टाइट लग सकता है जिससे आप परेशान भी हो सकते हैं। ब्लोटिंग के कारण पेट में दर्द भी हो सकता है। इसलिए आपकी परेशानी को केवल 15 मिनट में दूर करने के लिए हम आपको बताएंगे कुछा योगा के पोज।
फर्श पर पैरों को फैलाकर अपनी पीठ को फर्श की तरफ करके लेट जाएं।
एक घुटने को अपनी छाती की और खींचो, अपने पैर को घुटने से चारों ओर पकड़ कर रखें। आपके सिर के पिछले हिस्से को फर्श पर लगा रहना चाहिए
दूसरे पैर को लंबा फैलाकर रखें। पैर बदलने से पहले इस स्थिति में 5 मिनट तक रखें
अगर आप चाहें तो आप दोनों घुटनों को अपनी छाती तक खींच कर एक साथ दोनों पैरों को मोड़कर भी इस आसन को कर सकती है।
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फ्रश पर पीठ के बल लेट जाएं और घूटनों को मोड़कर पैरों को फ्रश पर सीधा रखें
दोनों घुटनों को अपनी छाती की ओर खींचें और घूटनों से नीचे के पैरों को उपर की तरफ रखें । आपके घुटने मुड़े रहेंगे।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंआपके शरीर में जितनी लचक है उस हिसाब से अपने पिंडलियों, टखनों या पैरों को पकड़ें।
सिर और गर्दन को जमीन पर ही रखे रहने दें। अगर यह आपको अच्छा लगता है, तो आप अगल-बगल से रॉक कर सकते हैं। इस मुद्रा को 1 से 5 मिनट तक बनाए रखें।
इस योगासन को अपने घुटने टेकने से शुरू करें। बाएँ घुटने को ज़मीन पर रखते हुए दाएं पैर को आगे बढ़ाएं
अपने हाथों को अपनी दाहिनी जांघ के ऊपर रखें या उन्हें अपने सामने के पैर के दोनों ओर जमीन पर रखें
अपने कूल्हों में खिंचाव को और बढ़ाने के लिए, अपने पीछे के बाएं घुटने को धीरे से आगे पीछे करें, अपने लंज को चौड़ा करें।
इस मुद्रा को 1 से 3 मिनट तक बनाए रखें। अपने दाहिने घुटने को अपने कूल्हों के नीचे वापस लाएं और दूसरी तरफ दोहराने के लिए बाएं पैर के साथ आगे बढ़ें।
अपने पैरों को कूल्हे-दूरी से के बराबर खोलकर कर खड़े हो जाएं
अपनी कमर से आगे की ओर झुकें ताकि आपका शरीर आपकी जांघों को छू सके। अपने सिर और गर्दन को नीचे की तरफ रहने दें।
आपने पैरों को सीधा रखें या यदि आपकी पीठ के निचले हिस्से में कसाव है तो आप अपने घुटनों को मोड़ सकते हैं। आपने हाथ को आपके पैरों के बगल में फर्श पर रख सकते है।
धीरे-धीरे वापस खड़े होने के लिए रोल करने से पहले 1 से 3 मिनट के लिए इस आकार को बनाए रखें।
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