यदि आप मानते हैं कि स्ट्रेचिंग (stretching) केवल लचीलेपन (flexibility) को बढ़ाने और तनावग्रस्त मांसपेशियों को राहत देने के लिए काम करती है, तो शायद आप मेटाबोलिक स्ट्रेचिंग से परिचित नहीं हैं। स्ट्रेचिंग का यह रूप आपको दो तरीके से लाभ पहुंचाता है। यह आपके शरीर में लचीलापन तो बढ़ाती ही है, साथ ही आपके आपके वजन को भी कम करने में मदद करती हैं।
मेटाबोलिक स्ट्रेचिंग करने से न केवल आपका मेटाबोलिज्म बढ़ता है, बल्कि गहन शक्ति वाले व्यायाम सेशन को करने के लिए सहनशक्ति भी बढ़ती है। ये सभी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज मांसपेशियों को सक्रिय करने में मदद करती है। बेहतर संकुचन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और फैट बर्न होता है।
मेटाबोलिक स्ट्रेचिंग एक प्रकार का व्यायाम है, जो स्ट्रेचिंग मूवमेंट को हाई इंटेंसिटी इंटर्वल ट्रेनिंग (HIIT) या रेजिस्टेंस ट्रेनिंग के लिए की जाती है। नॉर्मल स्ट्रेचिंग पूरी तरह से लचीलेपन और गति में सुधार के लिए काम करती है। जबकि मेटाबोलिक स्ट्रेचिंग का उद्देश्य लचीलेपन में सुधार करते हुए चयापचय दर को बढ़ाना, कैलोरी बर्न करना और लीन मांसपेशियों का निर्माण करना है।
इस तरह की एक्सरसाइज में काफी मूवमेंट शामिल होती हैं, जो एक साथ कई मांसपेशी समूहों को टार्गेट करती हैं। जिसमें अक्सर कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शामिल होती है। इसका अभ्यास अगर आप रोज करते हैं, तो वजन कम करने के साथ-साथ आप अपने मेटाबॉलिज्म में भी सुधार कर सकते हैं।
इस स्ट्रेच को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और संतुलन के लिए किसी मजबूत वस्तु को पकड़ लें। कूल्हे के जोड़ की गति पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक पैर को नियंत्रित गति में आगे और पीछे घुमाएं। कूल्हों और हैमस्ट्रिंग को वार्म अप करने और लचीलेपन में सुधार करने के लिए प्रत्येक पैर पर 10-15 स्विंग करें।
अपनी भुजाओं को कंधे की ऊंचाई पर सीधा फैलाएं। अपनी भुजाओं से छोटी गोलाकार गति करें, धीरे-धीरे इन गोलों का आकार बढ़ाएं। 10-15 सेकंड के बाद, भुजाओं को गोलाकार घुमाने की दिशा उलट दें। यह व्यायाम कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से को ढीला करने में मदद करता है, जिससे वे अधिक हार्ड वर्कआउट के लिए तैयार होते हैं।
अपने पैरों को हिप्स की चौड़ाई में खोलकर खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को ऊपर की ओर फैलाएं। अपनी उंगलियों को आपस में मिलाएं और अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर दबाएं। अपने शरीर के विपरीत दिशा में स्ट्रेच महसूस करते हुए धीरे से एक तरफ झुकें। 15-30 सेकंड तक रुकें, फिर इसके लिए साइड्स को बदल लें।
लंजेज़ स्थिति में एक पैर आगे की ओर और दूसरा पैर अपने पीछे फैलाकर इस स्ट्रेचिंग की शुरूआत करें। अपने शरीर को सीधा रखते हुए अपने पिछले घुटने को ज़मीन की ओर झुकाएं। पिछले पैर के कूल्हे के सामने वाले हिस्से में स्ट्रेच महसूस करें। 15-30 सेकंड तक इस स्थिति में रुकें, फिर साइड्स को बदल लें। यह स्ट्रेच आपके कूल्हे के फ्लेक्सर्स को खोलने में मदद करता है, जो लंबे समय तक बैठने से टाइट हो सकते हैं।
अपने पैरों को कूल्हे के बराबर अलग करके खड़े हो जाएं। अपने दाहिने पैर को आगे बढ़ाएं और पैर को सीधा रखते हुए अपने दाहिने पैर को मोड़ें। कूल्हों से आगे की ओर झुकें, दोनों हाथों से अपने दाहिने पैर की ओर पहुंचें।
अपनी पीठ को सीधा रखें और छाती ऊपर उठाएं। पहले वाली स्थिति पर लौटें और दूसरी तरफ भी इसी तरह से दोहराएं। प्रत्येक पैर पर 10-15 बार इसे रिपीट करें। यह स्ट्रेच हैमस्ट्रिंग की फ्लेक्सिबिलिटी को बेहतर बनाने में मदद करता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंये सभी मेटाबोलिक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज आपके शरीर को वॉर्मअप करने, उसमें लचीलापन बढ़ाने और उन खास हिस्साें में फैट बर्न करने में मददगार हैं। मगर यह ध्यान रखें कि आपको अपने शरीर पर अचानक ज्यादा बोझ नहीं डालना है। धीरे-धीरे शुरुआत करें और समय के साथ गति बढ़ाते जाएं।
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