एक्सरसाइज पूरे शरीर को मजबूत बनाती है। साथ ही यह शरीर को सही शेप में भी लाती है। यदि शरीर के किसी खास क्षेत्र में चर्बी जमी हुई है, तो यह एक्स्ट्रा फैट को बर्न करने में भी मदद करती है। इससे शरीर सही शेप में आता है। कई एक्सरसाइज में ख़ास है स्क्वैट्स। विशेषज्ञ बताते हैं कि सही तरीके और नियमित रूप से अगर स्क्वैट्स का अभ्यास किया जाए तो यह आपके पूरे शरीर को सुडौल बना सकता है। पर क्या यह हिप्स के आकार को बड़ा कर (Squats for bigger butt) सकते हैं? आइए एक फिटनेस एक्सपर्ट से जानते हैं आपके इस सवाल का जवाब और स्क्वैट्स करने का सही तरीका।
फिटनेस एक्सपर्ट यश अग्रवाल बताते हैं, ‘स्क्वैट्स ओवरआल हेल्थ और वेलनेस के लिए जरूरी है। साथ ही यह निचले शरीर की बड़ी मांसपेशियों को मजबूत करता है। मुख्य रूप से यह क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और हिप्स को मजबूत करता है।इसका परिणाम यह होता है कि इससे आपके बट भी बड़े और सुडौल हो पाते हैं। सभी लोगों के शरीर अलग-अलग तरह के होते हैं। इसलिए मांसपेशियों के विकास के लिए भी एक्सरसाइज की ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं। इसलिए बड़े बट के लिए किये जाने वाले स्क्वैट्स भी अलग-अलग होंगे।’
यश अग्रवाल बताते हैं, ‘ग्लूट्स तीन मांसपेशियों से बने होते हैं-ग्लूटस मेडियस, ग्लूटस मिनिमस और ग्लूटस मैक्सिमस। ग्लूटस मैक्सिमस ग्लूट्स में सबसे बड़ी मांसपेशी है। अक्सर यह सबसे अधिक क्रिया करती है। यह कई बट एक्सरसाइज जैसे कि स्क्वाट, डेडलिफ्ट और यहां तक कि दौड़ने में मदद करती है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपनी अन्य ग्लूट मांसपेशियों को नजरअंदाज कर देना चाहिए।
ग्लूटस मेडियस और मिनिमस पैरों को मिडिल लाइन से दूर ले जाती है। इससे हिप्स का घूमना और उसकी स्थिरता संभव हो पाती है। स्क्वैट्स इन तीनों मसल्स पर अच्छी तरह काम करती है।
हर दिन स्क्वैट्स नहीं करना चाहिए। ग्लूट मसल्स को मजबूत बनाने के साथ रिकवरी के लिए भी समय देना चाहिए। इन मांसपेशी समूह को 36 से 48 घंटे आराम की भी जरूरत पड़ती है। सप्ताह में दो से तीन बार स्क्वाट करना चाहिए । जब आप कसरत करती हैं, तो मसल्स टिश्यू में माइक्रो टीयर्स पैदा होते हैं। इन्हें रीजुवेनेट करने के लिए समय की जरूरत होती है।
यश अग्रवाल के अनुसार, तीन से चार राउंड के लिए 10 से 15 बार रिपिटीशन जरूरी है। भार जोड़ने की बजाय वॉल्यूम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह मांसपेशियों की वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए हाइपरट्रॉफिक रेंज में ले जाता है। स्क्वैट्स करते समय पीठ को सीधी रखनी चाहिए।
एक मजबूत स्क्वाट एक ठोस हिप हिंज से शुरू होता है। इससे हिप्स आगे बढ़ता है, घुटनें नहीं। ध्यान दें कि कूल्हों को आगे की ओर खींचना है और पेल्विक को पीछे की ओर झुकाना है। ऐसा करके स्क्वैट्स में उतरते समय अपनी टेलबोन को पीछे धकेलने के बजाय उसे अपने नीचे (Squats for bigger butt) दबाएं। एड़ियों पर सही तरीके से बैठने और घुटनों को पैर की उंगलियों के अनुरूप रखना जरूरी है।
पैर हिप्स की दूरी पर होने (Squats for bigger butt) चाहिए। हाथ आपके बगल में या सामने होने चाहिए। बट को जमीन की ओर नीचे किया जाता है। पैरों को मजबूती से रखना चाहिए। एड़ियों पर वापस बैठने और बट को पीछे और नीचे धकेलने से क्वाड्स को सक्रिय करने में मदद मिलती है। ग्लूट्स को भी कसने में मदद मिलती है। ग्लूट्स को कसने से कूल्हों को स्थिर करने में मदद मिलती है। नियमित रूप से सही तरीके से करने पर बड़ा बट भी मिलता है।
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