क्‍या विटामिन डी की कमी मोटापे के लिए जिम्‍मेदार हो सकती है? जानिए विटामिन डी और मोटापे के बीच संबध

धूप से मुफ्त में मिलने वाले इस जरूरी विटामिन की कमी आपको कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याएं दे सकती है। क्‍या मोटापा भी उनमें से एक है? आइए पता करते हैं।
यहां जानिए विटामिन-डी की कमी और मोटापे के बीच क्या संंबंध है। चित्र-शटरस्टॉक
विनीत Updated: 17 Oct 2023, 10:08 am IST
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विटामिन डी, जिसे धूप के विटामिन (sunshine vitamin) के रूप में भी जाना जाता है, एक हार्मोन है जिसका उत्पादन आपके शरीर में तब होता है जब आपकी त्वचा सूर्य के संपर्क में आती है। हालांकि, आप अपने आहार से भी कुछ विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं, कुछ खाद्य पदार्थों में इसकी जरूरी मात्रा होती है।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 50% लोगों में विटामिन डी का स्तर कम है। जबकि 1 बिलियन तक लोग विटामिन डी की कमी का अनुभव करते हैं। शरीर में विटामिन डी की कमी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। पर क्या आप जानती हैंं कि यह आपके वजन बढ़ने में भी योगदान कर सकता है। वास्तव में कुछ अध्ययनों में विटामिन डी की कमी और वजन बढ़ने के बीच संबंध को दिखाया गया है।

शरीर में विटामिन डी के स्तर को बनाए रखना आपकी हड्डियों, मस्तिष्क और प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह सुझाव दिया गया है कि पर्याप्त विटामिन डी का स्तर अवांछित वजन बढ़ने को रोकने में मदद कर सकता है।

विटामिन डी और वजन बढ़ाने के बीच संबंध

अधिक वजन वाले और मोटापे से ग्रस्त लोगों में विटामिन डी का स्तर कम होने की संभावना अधिक होती है, “सामान्य” बॉडी मास इंडेक्स (BMI) सीमा के भीतर वजन वाले लोगों की तुलना में। इससे पता चलता है कि कम विटामिन डी का स्तर वजन बढ़ाने का कारण हो सकता है।

इस सिद्धांत का समर्थन करने के लिए कुछ अध्ययन किए गए हैं। एक अध्ययन में, महिलाओं को 12 सप्ताह के लिए प्रति दिन 1,000 आईयू (25 एमसीजी) विटामिन डी या एक प्लेसबो दिया गया था।

क्‍या रहा परिणाम

अध्ययन के अंत तक, प्लेसबो समूह के वाले लोग जिन्होंने लगभग 1.1 पाउंड (0.5 kg) वजन कम किया, उनकी तुलना में विटामिन डी समूह वाली महिलाओं ने 5.9 पाउंड (2.7 kg) वसा को कम किया।

विटामिन डी समूह वाली महिलाओं ने प्लेसबो समूह की तुलना में 3.1 पाउंड (1.4 kg) अधिक मांसपेशियों को प्राप्त किया। फिर भी, कमर की परिधि या शरीर के कुल वजन में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ।

विटामिन डी समूह की महिलाओं ने प्लेसबो समूह में उन लोगों के लिए लगभग 1.1 पाउंड (0.5 किलोग्राम) की तुलना में 5.9 पाउंड (2.7 किलोग्राम) फैट बर्न किया।

इसी तरह, 11 वजन घटाने के अध्ययनों की हालिया समीक्षा ने सुझाव दिया कि 1-12 महीनों के लिए मासिक 25,000-600,000 IU (625-15,000 mcg) विटामिन डी के साथ पूरक करने से अधिक वजन या मोटापे वाले लोगों में बीएमआई और कमर की परिधि कम हो सकती है।

मोटापा आपके स्वास्थ्य को कई स्तरों पर प्रभावित कर सकता है. चित्र : शटरस्टॉक
मोटापा आपके स्वास्थ्य को कई स्तरों पर प्रभावित कर सकता है. चित्र : शटरस्टॉक

अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त लोगों में अक्सर विटामिन डी का स्तर कम क्यों होता है?

वर्तमान में, अधिकांश शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोगों में विटामिन डी का स्तर अन्य कारकों द्वारा समझाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, चूंकि विटामिन डी वसायुक्त ऊतकों में जमा होता है, शरीर में वसा की बड़ी मात्रा वाले लोगों को कम शरीर भार वाले लोगों के समान रक्त स्तर बनाए रखने के लिए अधिक मात्रा में विटामिन डी की आवश्यकता हो सकती है।

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

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अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त लोग भी बाहर कम समय बिता सकते हैं, या कम विटामिन-डी-समृद्ध या विटामिन-डी-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ खा सकते हैं।

तदनुसार, विशेषज्ञों का सुझाव है कि “सामान्य” श्रेणी में बीएमआई वाले व्यक्तियों की तुलना में अधिक वजन वाले लोगों को विटामिन डी की तुलना में 1.5 गुना अधिक विटामिन डी की आवश्यकता हो सकती है, जबकि मोटापे से पीड़ित लोगों को 2-3 गुना अधिक की आवश्यकता हो सकती है।

क्या हो सकते हैं विटामिन-डी कमी के प्रभाव

1. कमजोर इम्‍युनिटी 

शरीर में विटामिन-डी की कमी होने पर व्यक्ति के किसी भी संक्रमण से ग्रसित होने की अधिक संभावना होती है। क्योंकि इसकी कमी के कारण हमारी इम्युनिटी कमजोर होने लगती है। जिससे हम बदलते मौसम में बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं।

2. लगातार थकान

इसकी कमी से आपको थकान की समस्या हो सकती है। आप एक अच्छी नींद लेने के बावजूद सारा दिन थकान महसूस कर सकती हैं।

खाना खाने के बाद अकसर लोग सुस्‍ती दूर करने के लिए कॉफी पीते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
विटामिन डी की कमी के चलते आप थका हुआ महसूस कर सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. कमजोर बोन हेल्‍थ 

हमारी हड्डियों व जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। विटामिन-डी की कमी होने पर आपको पीठ दर्द व घुटनों व जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। कई बार इसका प्रभाव अधिक दर्दनाक हो सकता है। जिससे कि आपको अपने रोजमर्रा के कामकाज को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

4. अवसाद

हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी विटामिन-डी बहुत जरूरी होता है। इसकी कमी के चलते आपको कई बार अवसाद और चिंता जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए क्या करें

  1. विटामिन-डी रिच फूड्स का सेवन करें

डी- विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए आप अपनी डाइट में विटामिन-डी से भरपूर फूड्स को शामिल कर सकती हैं। अंडे, दही, दूध, टोफू, मशरूम, ऑरेंज जूस, ओकरा, केल, पालक, सार्डिन मछली, सैल्मन, पनीर, चीज विटामिन-डी के कुछ बेहतरीन स्रोत हैं। इनको अपनी डाइट में शामिल कर के विटामिन-डी की कमी से राहत पाने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।

  1. घर से बाहर जाकर कुछ समय धूप जरूर लें

धूप की किरणें विटामिन-डी की एक बेहतरीन स्रोत हैं। सुबह की हल्‍की धूप आपके लिए सबसे अच्‍छी है। इसमें अल्‍ट्रा वॉयलेट प्रभाव कम होते हैं। सप्ताह में 3-4 बार 20-30 मिनट धूप में बैठने से आपको विटामिन-डी की समस्या से जल्द राहत पाने में मदद मिल सकती है।

  1. विटामिन-डी सप्लीमेंट्स ले सकती हैं

अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में विटामिन-डी की मात्रा का स्तर अधिक कम हो गया है, तो आप अपने चिकित्सक से इसके लिए जांच की मांग कर सकती हैं। वे आपके वर्तमान स्तरों का आकलन करने के बाद आपको विटामिन-डी के सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं।

बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन D सप्लीमेंट्स न लें. चित्र : शटरस्टॉक
बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन D सप्लीमेंट्स न लें. चित्र : शटरस्टॉक

वैसे तो बाजार में कई तरह के विटामिन-डी सप्लीमेंट मौजूद हैं, लेकिन वे कई बार आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसलिए बेहतर है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इनका सेवन करें।

तो क्या है अंतिम निर्णय

अकसर मोटापे से ग्रस्‍त लोगों में विटामिन डी की कमी भी एक प्रमुख समस्‍या होती है। यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं या अप्रिय लक्षणों का कारण हो सकता है, जिनसे बचा जाना चाहिए। सीमित धूप के संपर्क, विटामिन-डी से भरपूर आहार, और विटामिन डी की खुराक के संयोजन के साथ आप शरीर में पर्याप्त विटामिन डी के स्तर को बनाए रख सकती है।

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