मानसून के दिनों में पाचन संबधी समस्याएं बढ़ने लगती है। इसके लिए अधिकतर लोग आहार में बदलाव लेकर आते हैं। मील में चेंजिज़ के अलावा शारीरिक सक्रियता भी आवश्यक है। सुबह और शाम कुछ देर योगासन का अभ्यास पाचनतंत्र (digestion) को मज़बूती प्रदान करता है। धनुरासन का अभ्यास करने से पेट में दर्द, ब्लोटिंग (bloating) और एसिडिटी (acidity) से राहत मिलती है। इसके अलावा मसल्स को मज़बूती भी मिलने लगती है। रोज़ाना इस योगासन से शरीर मानसून में एक्टिव और हेल्दी रहता है। जानते हैं धनुरासन क्या है और इससे शरीर को क्या फायदे मिलते हैं (Dhanurasana benefits) ।
इस बारे में बातचीत करते हुए योग एक्सपर्ट सुमिता गुप्ता बताती हैं कि धनुरासन (Bow pose) को करने के दौरान शरीर की स्थिति धनुष के समान हो जाती है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है और कंधों के मसल्स (shoulders muscles) को मज़बूती मिलती है। वे लोग जो डाइजेशन संबधी समस्याओं से ग्रस्त है, उनके लिए ये योगासन कारगर है। इसके अलावा टांगों की स्टिफनेस को दूर किया जा सकता है। साथ ही शरीर के पोश्चर (Body posture) में सुधार आता है। सुबह उठकर इसका अभ्यास करने से एसिडिटी (acidity) और ब्लोटिंग (bloating) से राहत मिलती है।
मानूसन के दिनों में अधिकतर लोगों को पाचन संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अपच, ब्लोटिंग और पेटदर्द से बचने के लिए धनुरासन का अभ्यास करें। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है।
मांसपेशियों में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर करने के लिए धुनरासन को रूटीन में शामिल करें। इससे शारीरिक अंगों में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है। इसका नियमित अभ्यास शरीर को फलेक्सीबल बनाए रखने में मदद करता है।
रोज़ाना धनुरासन का अभ्यास करने से कंधों के मसल्स में खिंचाव बढ़ता है, जिससे शरीर के उपरी हिस्से को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा बॉडी पोश्चर (body posture) में भी सुधार आने लगता है। लगातार बैठने से कंधों में आने वाले झुकाव को कम करके अपर बॉडी को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।
योग से दिन की शुरूआत करने से शारीरिक अंगों में बढ़ने वाले दर्द से बचा जा सकता है। धनुरासन का अभ्यास करने से पेट की मांसपेशियों के अलावा रीढ़ की हड्डी (Spine bone) को मज़बूत बनाने में मदद मितली है। इससे शारीरिक थकान दूर होती है और लोअर बैक पेन से राहत मिल जाती है।
इस योगासन को रोज़ाना करने से शरीर के मसल्स स्ट्रेच (muscles stretch) होने लगते हैं, जिससे अपर बॉडी को फायदा मिलता है। इससे कंधों की मज़बूती के अलावा महिलाओं में सैगी ब्रेस्ट यानि स्तनों के लटकने की समस्या भी हल हो जाती है। इसके नियमित प्रयास से ब्रेस्ट अपलिफ्ट होने लगती है।
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