scorecardresearch

डियर न्यू मॉम्स पोस्टपार्टम फिटनेस के लिए जरूर आजमाएं ये 6 सुरक्षित योगासन

योगा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शरीर को तंदरूस्त करने के लिए योगा बहुत अच्छा है। पोस्पार्टम के लिए भी योगा काफी लाभदायक होता है।
Updated On: 23 Oct 2023, 09:28 am IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
Anand balasan ke fayde jaanein
आनंद बालासन का अभ्यास करने से जीवन में बढ़ रहा तनाव कम हो जाता है और पेट से जुड़ी समस्याएं भी हल होने लगती है। चित्र : शटरस्टॉक

पोस्पार्टम के दौरान योग का अभ्यास नई माताओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह विश्राम, शक्ति के पुनर्निर्माण, शरीर के लचीलेपन में सुधार और तनाव से राहत देने में मदद करता है। योग आपको नई ऊर्जा देता है। योग से आप मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को शांत कर पाएंगी। पोस्टपार्टम के बाद योग आपके वजन को भी कम करने में मदद करता है।

प्रेगनेंसी हर किसी के लिए नए अनुभव लेकर आती है। किसी को प्रेगनेंसी से काफी मानसिक तनाव भी होता है। कई महिलाएं पोस्तपार्टम डिप्रेशन का शिकार भी होती है। इन सभी चीजों को ठीक करने के लिए योगा आपकी काफी मदद कर सकता है। प्रेगनेंसी के बाद हर महिला को योगा के लिए कुछ समय देना चाहिए क्योंकि ये आपको स्वस्थ्य रखने में मदद करेगा।

नई मां के लिए योगासन से हो सकते है बहुत सारे लाभ।

पोस्पार्टम के लिए कौन से योगा है फायदेमंद

1 गहरी सांस लेना (Deep Breathing)

अपने योगाभ्यास की शुरुआत गहरी सांस लेने के व्यायाम से करें, जैसे डायाफ्रामिक सांस लेना या नाक से सांस लेना। ये तकनीक विश्राम को बढ़ावा देने और तनाव को कम करने में मदद करती हैं।

2 कैट काउ पोज (Cat-Cow Pose)

अपने हाथों और घुटनों पर शुरू करते हुए, अपनी कलाई को अपने कंधों के नीचे और अपने घुटनों को अपने कूल्हों के नीचे रखें। जब आप अपनी पीठ को झुकाते हैं और अपनी छाती (काउ पोज़) को ऊपर उठाते हैं, तब साँस छोड़ते हैं और अपनी रीढ़ को गोल करते हुए और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से सटाते हैं। यह मुद्रा रीढ़ और पैल्विक क्षेत्र को फैलाने और मजबूत करने में मदद करता है।

yh aasan aapki reed ki haddi ko santulit kar sakta hai
यह आसान आपकी रीढ़ की हड्डी को संतुलित कर सकता है। चित्र ; शटरस्टॉक

3 ब्रिज पोज (Bridge Pose)

अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को फर्श के समतल करके अपनी पीठ के बल लेट जाएं। सांस लें और अपने पैरों को फर्श पर दबाते हुए अपने कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाएं। आप सहारे के लिए अपनी उंगलियों को अपने कूल्हों के नीचे रख सकते है। यह मुद्रा पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों, ग्लूट्स और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाने में मदद करती है।

ये भी पढ़े- Yoga success stories : मिलिए उन 4 महिलाओं से, जिन्होंने योग से पाई मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती

4 वीरभद्रासन II (Warrior Pose)

अपने पैरों को चौड़ा करके खड़े हो जाएं, अपने दाहिने पैर को बाहर की ओर और अपने बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें, इसे अपने टखने के ऊपर रखें, और अपनी भुजाओं को फैलाएँ। यह मुद्रा पैरों को मजबूत करने, कूल्हों को खोलने और संतुलन में सुधार करने में मदद करती है।

Pollपोल
नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?
warrior pose
वीरभद्रासन आपके बैलंस को वापस लाने मेंं मदद कर सकता है। चित्र- शटरस्टॉक

5 फॉरवर्ड फोल्ड (Forward Fold)

अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई तक खोलें और कूल्हों से आगे की ओर झुकें, जिससे आपका ऊपरी शरीर नीचे लटक सके। जरूरत पड़ने पर अपने घुटनों को मोड़ें। ऊपरी शरीर में तनाव मुक्त करने के लिए विपरीत कोहनी पर पकड़ें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें। यह मुद्रा पीठ, हैमस्ट्रिंग और कंधों में तनाव को दूर करने में मदद करती है।

6 चाइल्ड पोज (Child Pose)

फर्श पर घुटने टेकें और अपनी एड़ी पर वापस बैठें। अपने माथे को ज़मीन से नीचे करें, अपनी भुजाओं को आगे या अपने शरीर के साथ फैलाएं। यह मुद्रा आपको आराम देने में मदद करती है और धीरे से पीठ के निचले हिस्से को फैलाती है।

ये भी पढ़े- Yoga for depression and anxiety : किसी बात के लिए चिंता और अवसादग्रस्त महसूस कर रही हैं, तो ये 5 योगासन इनसे उबरने में मदद करेंगे

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

अगला लेख