क्राॅस लेटरल एक्सरसाइज बढ़ाती हैं ब्रेन और बॉडी का संतुलन, दिमाग के काम करते हैं तो जरूर करें वर्कआउट में शामिल
शारीरिक अंगों में बढ़ने वाली स्टिफनेस, दर्द और सूजन को दूर करने के लिए एक्सरसाइज़ की मदद ली जाती है। मगर दिनों दिन बढ़ रही मानसिक थकान और एकाग्रता की कमी से बचने के लिए भी व्यायाम की मदद ली जा सकती है। क्रास लेटरल एक्सरसाइज़ ब्रेन को एक्टिव रखने के साथ शरीर को संतुलित रखने में भी मदद करती है। जानते हैं क्रास लेटरल एक्सरसाइज (Cross lateral exercises) के फायदे और इसे करने का तरीका भी।
क्रास लेटरल एक्सरसाइज़ (Cross lateral exercises)
खुद को एक्टिव रखने के लिए व्यायाम बेहद ज़रूरी है। इससे शारीरिक, बौद्धिक और भावनात्मक विकास बढ़ने लगता है। अधिकतर लोग वेटलॉस के लिए हाई इंटैसिटी और कोर एक्सरसाइज़ की मदद लेते हैं। ठीक उसी तरह से क्रास लेटरल मूवमेंट (Cross lateral exercises) का अभ्यास करने से मस्तिष्क को फायदा मिलता है। दरअसल, इसमें बाएं और दाएं हेमीस्फेयर एक साथ मिलकर काम करने लगते हैं, जिससे मस्तिष्क की गतिविधि में सुधार आने लगता है। इसका असर ओवरऑल पर्सनेलिटी पर दिखने लगता है।
फिटनेस एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि क्रॉस लेटरल एक्सरसाइज़ को क्रॉस बॉडी एक्सरसाइज़ (Cross lateral exercises) कहा जाता है। इसे करने के दौरान शरीर के दोनों हिस्से एक साथ इस्तेमाल किए जाते है। इसमें शरीर और ब्रेन संतुलन बना रहता है। अक्सर स्पोर्टस पर्सन खेलों के दौरान इन मूवमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं। इससे ओवरऑल हेल्थ के अलावा ब्रेन को भी फायदा मिलता है। इसके नियमित अभ्यास से बॉडी बैलेंस और कॉर्डिनेशन बना रहता है। इससे ब्रेन पूरी तरह से एक्टिवेटेड रहता है। इसके लिए क्रास क्रालिंग और क्रास नी टू एल्बो टच जैसी एक्सरसाइज़ का अभ्यास किया जाता है।
क्रास लेटरल एक्सरसाइज़ के फायदे (Benefits of Cross lateral exercises)
- चलने के दौरान और व्यायाम करते समय बाजूओं और पैरों में कॉर्डिनेशन बनाए रखें। इससे कोर मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है और एनर्जी का लेवल बढ़ता है।
- इससे मेंटल ल्थ बूस्ट होती है, जिससे ध्यान केंद्रित करने, पढ़ने और लिखने में मदद मिलती है। साथ ही आइ टीमिंग स्किल्स में सुधार आने लगता है।
- हमारे बाएं और दाएं हेमीस्फेयर एक साथ मिलकर काम करने लगते हैं, जिससे मस्तिष्क की सोच में सुधार आने लगता है।
- इससे नर्वस सिस्टम रिलैक्स होने लगता है।, जिससे मन और शरीर को एकीकृत करके तनाव को दूर किया जा सकता है।
- मस्तिष्क के अधिक क्षेत्रों के जुड़ने से आत्म जागरूकता में वृद्धि होती है।
- अंतर्दृष्टि और स्पष्टता में वृद्धि होती है क्योंकि दोनों गोलार्ध एक साथ काम करने के लिए सक्रिय होते हैं।
- प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स के एक्टिवेटेड होने से इंपल्स नियंत्रण में सुधार होता है।
यहां जानें क्रास लेटरल एक्सरसाइज़ (Cross lateral exercises)
1. साइड शफल एक्सरसाइज़ (Side shuffle exercise)
इसे करने के लिए मैट पर खड़े हो जाएं और शरीर को चेयर पोज़ में लेकर आएं। हिप्स को बाहर की ओर रखें और फिर दाएं से बाएं की ओर तेज़ी से बढ़ें। उसके बाद बाएं से दाएं की ओर आएं। इस दौरान सांस पर ध्यान केंद्रित करें। साथ दोनों हाथों को भी आगे की ओर रखें। शरीर की क्षमता के अनुसार इस व्यायाम का अभ्यास करें।
2. क्रास क्रॉल एक्सरसाइज़ (Cross crawl Exercise)
मैट पर खड़े हो जाएं और दाईं बाजू को उपर की ओर लेकर जाएं। उसके बाद बाई टांग को घुटने से मोड़ते हुए उपर उठाएं और फिर दाई कोहनी से छुएं। उसके बाद दाईं टांग को उपर उठाते हुए उसे बाई कोहनी से टच कर लें। 10 से 20 बार 2 सेट्स में इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करे।
3. लेटरल लंजिज़ (Lateral lunges)
3. क्रॉस लंजिज़ (Cross lunges)
दोनों टांगों के मध्य कंधों जितनी दूरी बनाकर रखें। सीधे खड़े हो जाएं और उसके बाद दाई टांग को घुटने से मोड़ते हुए बाई टांग को दूसरी ओर झुका लें। इस दौरान हाथों को बंद करके रखें। फिर बाई टांग को घुटने से मोड़ते हुए दाईं टांग को सीधा कर लें। स्टेमिना के अनुसार 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस व्यायाम का अभ्यास करें। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है और शरीर का संतुलन बना रहता है।
4. लेटरल बियर क्राल (Lateral Bear crawl)
घुटनों को मोड़ कर मैट पर बैठ जाएं अब दोनों हाथों को मैट पर रख दें। उसके बाद शरीर को कमर से उपर उठाएं और कंधों को जमीन पर लगाने से बचें। अब बॉडी कॉर्डिनेशन को बढ़ाने के लिए शरीर को बाईं से दाई ओर लेकर जाएं। इसके लिए एक एक कर कदम को आगे बढ़ाते जाएं।
5. डंबल वुडवॉप (Dumbbell Wood chop)
शरीर को एक्टिव बनाए रखने के लिए दोनों बाजूओं से डंबल को उपर उठाएं। दोनों हाथों को दाई ओर लेकर जाएं। उसके बाद बाजूओं को नीचे लाते हुए बाई ओर शरीर को नीचे की ओर झुकाएं। इस प्रकार से शरीर क्रास लेटरल पोज़िशन में आने लगता है। शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करे।
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