HeartMatters : न कम, न ज्यादा, इन 3 व्यायाम के संतुलित अभ्यास से रखें अपने दिल का ख्याल
मौजूदा समय में हृदय संबंधी बीमारियों (Heart disease) के बढ़ते मामले काफी चिंताजनक हैं। इससे भी अधिक दुख पहुंचाने वाली बात यह है कि हृदय संबंधी बीमारियां अब कम उम्र के लोगों (Heart attack at early age) को भी अपना शिकार बना रही हैं और ये काफी जटिल होती हैं। इन बीमारियों से उत्पादकता व स्वस्थ जीवन को काफी नुकसान पहुंच रहा है। अलग-अलग अध्ययन बताते हैं कि संतुलिल व्यायाम हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानें उन एक्सरसाइज के बारे में जो आपके हृदय स्वास्थ्य (best exercise for heart at home) के लिए फायदेमंद हैं।
मोटापे, डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और स्ट्रेस के बढ़ते मामलों के साथ हृदय संबंधी बीमारियों की समस्या भी बढ़ेगी। आज के इस युग में जहां संसाधनों और जानकारी की कमी नहीं है, हम सोशल मीडिया और सेल्फ टेस्टिंग के पीछे भागते हुए जीवन जीने के अपने सहज या सरल तरीके को भूलते जा रहे हैं।
इसलिए हृदय संबंधी बीमारियों से खुद को बचाने के लिए एक साधारण व्यायाम (best exercise for heart at home) कर सकते हैं, जो हृदय का स्वास्थ्य बेहतर और आपके जीवन को स्वस्थ बनाने में काफी चामत्कारिक साबित हो सकता है।
ऐसे कई सारे व्यायाम हैं जो आप स्वस्थ हृदय के लिए कर सकते हैं। ऐसा देखा गया है कि जो लोग किसी भी प्रकार का व्यायाम नहीं करते हैं उनमें नियमित तौर पर व्यायाम करने वालों की तुलना में हृदय संबंधी बीमारियां होने का जोखिम दोगुना होता है। चूंकि हृदय एक मांसपेशी है, तो ऐक्टिव जीवनशैली बनाए रखने से इसे मज़बूत और स्वस्थ रखा जा सकता है।
नियमित तौर पर व्यायाम करने से न सिर्फ हृदय स्वस्थ रहता है, बल्कि इससे आप वज़न कम कर सकते हैं, डायबिटीज़ व हाइपरटेंशन को नियंत्रित कर सकते हैं, बैड कोलेस्ट्रोल को घटा सकते हैं, गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ा सकते हैं और मानसिक व शारीरिक तनाव को कम कर संपूर्ण शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि इन 3 प्रकार के व्यायाम करने से हृदय स्वस्थ रहता है (best exercise for heart at home):
1. ऐरोबिक व्यायाम, 2. रेज़िस्टेंस ट्रेनिंग, 3. स्ट्रेंथेनिंग, फ्लेक्सिबिलिटी और बैलेंस व्यायाम।
1. ऐरोबिक व्यायाम:
लोगों के बीच ये ‘कार्डियो’ व्यायाम के नाम मशहूर हैं। मुख्य तौर पर यह व्यायाम आपका हार्ट रेट बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने के साथ ही ब्लड प्रेशर घटाता है। सुझाव दिया जाता है कि व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट ऐरोबिक व्यायाम करना चाहिए। यानी सप्ताह में कम से कम पांच दिन 30 मिनट/दिन।
ऐरोबिक व्यायाम के विभिन्न प्रकार हैं: ब्रिस्क जॉगिंग (तेज़ चाल से सैर करना), रनिंग (दौड़ना), साइक्लिंग, स्विमिंग (तैराकी), टेनिस खेलना, डांस करना और रस्सी कूदना। हमेशा ऐसे व्यायामों को कम अवधि के लिए धीमी गति से शुरू करें और फिर धीरे-धीरे समय व गति बढ़ाएं।
2. रेज़िस्टेंस ट्रेनिंग:
यह शरीर के अन्य हिस्सों की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है। इससे शरीर फैट को कम करने में मदद मिलती है और लीन बॉडी मास विकसित होता है। यह बैड कोलेस्ट्रोल घटाता और गुड कोलेस्ट्रोल बढ़ाता है।
व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम दो दिन रेज़िस्टेंस या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए और इस बात का ध्यान रखें कि ये व्यायाम लगातार दो दिन नहीं करें।
इसके प्रकार हैं: पुश अप्स, सिट-अप्स, स्क्वॉट्स, रेजिस्टेंस बैंड्स।
3. स्ट्रेंथनिंग, फ्लेक्सिबिलिटी और बैलेंस व्यायाम:
ये व्यायाम स्वस्थ मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को बढ़ावा देकर अप्रत्यक्ष तौर पर स्वस्थ बनाते हैं।जिससे शरीर की मांसपेशियां व जोड़ों में किसी प्रकार की अकड़न, दर्द या बीमारी नहीं हो। जिससे व्यक्ति ऐरोबिक और स्ट्रेंथ व्यायाम आराम से कर सकता है।
फ्लेक्सिबिलिटी यानी लचीलापन और अच्छा बैलेंस संतुलन बनाए रखने से गिरने की घटनाएं कम होती हैं। जिससे मांसपेशियों के चोटिल होने से बचती हैं व व्यायाम करने की क्षमता सीमित नहीं होती।
इसके विभिन्न प्रकार हैं: योग, ताई—ची और पिलाटीज़। साधारण स्ट्रेचिंग व्यायाम भी शरीर के वॉर्मअप में मददगार साबित होते हैं। इसलिए इन व्यायामों को मिला—जुलाकर और अपनी शरीर की क्षमता को ध्यान में रखते हुए करना हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने व स्वस्थ जीवन जीने का आसान तरीका है।
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