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पेट, जांघों और कूल्हों पर जमा होती है सबसे ज्यादा चर्बी, एक्सपर्ट बता रहे हैं कारण और इससे छुटकारा पाने के उपाय

खानपान और लाइफ्स्टाइल की बुरी आदतें बैली, थाई और हिप पर जमा होने वाले फैट का कारण बनती हैं। इसे कुछ उपाय कम कर सकते हैं।
Updated On: 27 Feb 2024, 05:33 pm IST
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Yash Agarwal
इनपुट फ्राॅम
सभी चित्र देखे shareer me fat deposition badhne se belly fat badhta hai.
शरीर में वसा का भंडारण बढ़ने से पेट, कूल्हों और नितंबों पर जिद्दी चर्बी जमा हो जाती है।चित्र : अडोबी स्टॉक

एक फेज़ ऐसा आता है जब हम बहुत सारा व्यायाम करते हैं और बहुत सोच-समझकर खाना खाते हैं। ये दोनों फिटनेस के लिए जरूरी काम हैं। इसके बावजूद हमारे पेट, जांघ और कूल्हों पर जमा चर्बी रत्ती भर भी कम नहीं होती। खासकर महिलाओं में अधिकांश वसा इन्हीं तीन जगहों पर जमा होती रहती है। एक्सपर्ट इसके लिए हमारी आदतों को ही जिम्मेदार बताते हैं। तो चलिए जानते हैं पेट, जांघ और कूल्हों पर फैट जमा (cause of stubborn fat of belly thighs and hips) होने के कारण और इन्हें घटाने के उपाय।

जानिए क्यों पेट, जांघ और कूल्हों पर जमा होती है सबसे ज्यादा चर्बी (cause of stubborn fat of belly, thighs and hips)

1 अनहेल्दी डाइट (Unhealthy diet)

फिटनेस कोच, न्यूट्रिशनिस्ट और यश फिटनेस के फाउंडर यश अग्रवाल बताते हैं, ‘ कई बार हम भोजन लेने के समय यानी सुबह, दोपहर और शाम में तो हेल्दी फ़ूड लेते हैं। लेकिन बीच-बीच में अनहेल्दी स्नैक्स की मंचिंग करते रहते हैं। प्रोसेस्ड फ़ूड, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और एडेड शुगर से तैयार ड्रिंक इस दौरान हम ले लेते हैं। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ इंसुलिन रेसिस्टेंस का कारण बनते हैं। इससे वसा का भंडारण बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप पेट, कूल्हों और नितंबों पर जिद्दी चर्बी जमा हो जाती है। फिर जमे हुए फैट को कम करना मुश्किल हो जाता है।’

2 धीमा मेटाबोलिक रेट (slow metabolic rate)

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, विशेष रूप से शुगर और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप जिद्दी फैट का कारण बन सकते हैं।
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और पेट की चर्बी बढ़ने के बीच सीधा संबंध है। सोडा वॉटर, कैन आइस्ड टी और कॉफ़ी जैसे मीठे पेय पदार्थ में चीनी और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप की मात्रा अधिक होती है। ये मेटाबोलिक रेट स्लो कर देते हैं। इससे शरीर की वसा जलाने की क्षमता कम हो जाती है।

3 ट्रांस फैट (Trans fat)

यश अग्रवाल बताते हैं, ‘ ट्रांस वसा खाने से पेट की चर्बी बढ़ सकती है। ये हाइड्रोजनीकृत तेल भी कहलाते हैं। ट्रांस वसा आर्टिफीशियल फैट होते हैं, जिनका उपयोग खाद्य कंपनियां पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों के स्वाद और सेल्फ एज बढ़ाने के लिए करती हैं।’

trans fat belly aur thigh fat badha dete hain.
ट्रांस वसा खाने से पेट की चर्बी बढ़ सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

4 लगातार तनाव में रहना (Chronic stress)

जब तनाव का स्तर ऊंचा होता है, तो शरीर तनाव हार्मोन- कोर्टिसोल जारी करता है। कोर्टिसोल फ्लाइट या फाइट प्रतिक्रिया को उत्तेजित करके शरीर को तनाव से निपटने के लिए तैयार करता है। जब लगातार तनाव में रहा जाता है, तो ब्लड में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। इससे विसेरल फैट का विकास होता है। यह पेट के आसपास बनती है।

यहां हैं वे उपाय जो बैली, थाई और हिप के फैट को कम कर सकते हैं (tips to reduce stubborn fat of belly, thighs and hips)

1 यश अग्रवाल के अनुसार, संपूर्ण और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ जैसे लीन प्रोटीन, ताजी सब्जियां, फल और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद खाएं।
2 एक दिन में 500-1000 कैलोरी की कमी करके प्रति सप्ताह सुरक्षित रूप से लगभग 1-2 पाउंड वजन घटाने का लक्ष्य रखा जा सकता है।
.3 एडेड शुगर और सोडियम का सेवन सीमित करें।
4 यदि आप महिला हैं, तो 1,200 कैलोरी से कम और यदि आप पुरुष हैं, तो 1,800 कैलोरी से कम कभी नहीं करें।

सुबह और शाम 15-20 मिनट वॉकिंग (15-20 minute walking) 

5 खाने के समय सबसे पहले अपनी प्लेट का आधा हिस्सा सलाद से भरें, फिर एक चौथाई हिस्सा साबुत अनाज से और आखिरी चौथाई हिस्सा प्रोटीन से भरें।
6 हर सुबह और शाम 15-20 मिनट वॉकिंग ((cause of stubborn fat of belly thighs and hips) करें।

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हर सुबह और शाम 15-20 मिनट वॉकिंग करें।  चित्र : अडोबी स्टॉक

7 सप्ताह में तीन दिन पचास मिनट का पावर ट्रेनिंग, दो दिन कार्डियो, दो दिन हल्का वर्कआउट जिसमें सीढ़ियां चढ़ना, कूदना और 10,000 कदम चलना शामिल है।
8 घर का बना खाना, बाहर खाना खाते समय भी हाइजीन और हेल्थ का ध्यान रखते हुए खाएं ।
9 कभी भी तुरंत और आश्चर्यजनक परिणाम मिलने की आशा नहीं ((cause of stubborn fat of belly thighs and hips) करें। तुरंत भोजन में कटौती संभव नहीं है। कुल मिलाकर कैलोरी की कमी, वर्कआउट से मदद मिलती है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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