अपने गर्भाशय को स्वस्थ रखना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो हर महिला को करनी चाहिए। एक स्वस्थ गर्भाशय आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाएगा और गर्भावस्था के दौरान किसी भी जटिलता को रोकेगा। एक स्वस्थ गर्भाशय के लिए आप जो सबसे बुनियादी चीजें कर सकती हैं, वे हैं अपनी स्वच्छता का ध्यान रखना और किसी भी समस्या से बचने के लिए अपने डॉक्टर से नियमित जांच कराएं। मगर, एक और बात है जिसका आप ध्यान रख सकती हैं। इसलिए गर्भाशय की देखभाल के लिए कुछ योग (Yoga poses for uterus) मुद्राएं आजमाएं।
हेल्थ शॉट्स ने अक्षर योग अनुसंधान और विकास केंद्र के संस्थापक, हिमालयन सिद्ध अक्षर से संपर्क किया, जिन्होंने गर्भाशय को स्वस्थ रखने के लिए 6 योगासन बताए।
“हर महिला को खुद को फिट और सक्रिय रखने के लिए नियमित योगा करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप संतुलित आहार का सेवन करें जिसमें फल, सब्जियां और नट्स शामिल हों क्योंकि ये आपके गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
इस पोज़ के लिए आप अपने पैर को आगे की ओर फैलाकर बैठें और अपनी पीठ को सीधा रखें।
अपने पैरों को अपनी कमर के पास लाएं और अपने पैरों या पंजों को अपनी बाहों से पकड़कर अपने पैरों के तलवों को आपस में मिला लें।
अब अपने कूल्हों को स्ट्रेच करने के लिए सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें।
इस मुद्रा को स्पिलट के रूप में भी जाना जाता है, जिसे आप ताड़ासन में खड़े होकर शुरू कर सकती हैं और किसी भी पैर से पीछे हट सकती हैं।
सुनिश्चित करें कि आप पैर को जितना संभव हो सके पीछे की ओर खींचे और पैर की उंगलियों को नीचे रखें।
अब पैर की एड़ी को आगे की ओर धकेलना शुरू करें, जिससे आपकी हथेलियां पैर के दोनों ओर नीचे की ओर हों।
इस मुद्रा को करने के लिए, आगे की ओर झुकें, अपने पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसांस छोड़ें, आगे झुकें और अपने ऊपरी शरीर को अपने निचले शरीर पर रखने की कोशिश करें।
देखें कि क्या आप अपने पैर की उंगलियों को अपनी हाथों की उंगलियों से पकड़ सकती हैं।
इस मुद्रा में आने के लिए अपनी पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें। अपनी हथेलियों को अपने शरीर के बगल में फर्श पर रखें।
अपने पैरों को ऊपर उठाएं और अपने पैर की उंगलियों को अपने पीछे छोड़ने के लिए अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा दें। इस आसन में कुछ देर रुकें।
फर्श पर लेट जाएं, और अपने पैरों को फर्श पर रखते हुए अपने घुटनों को मोड़ें, एड़ियों को जितना हो सके करीब रखें।
सांस छोड़ते ही, अपनी टेलबोन को ऊपर की ओर धकेलें और नितंबों को फर्श से ऊपर उठाएं।
आप अपनी एड़ियों को हथेलियों से पकड़ सकती हैं। ऊपर उठाएं जब तक कि जांघें फर्श के समान न हों।
पुल की मुद्रा बनाने के लिए अपनी थोड़ी को ऊपर उठाएं।
श्वास लें और श्वास छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें।
अब पेट से सांस लेते हुये अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करें। और इस प्रक्रिया को बार – बार दोहराएं।
इस मुद्रा का अभ्यास किसी भी स्थिर आसन जैसे सुखासन (आसान मुद्रा) या पद्मासन (कमल मुद्रा) में किया जा सकता है।
हाथों को गोद में लेकर आएं।
मध्यमा, अनामिका और छोटी उंगलियों को आपस में गूंथ लें।
अंगूठे और तर्जनी को एक साथ दबाएं।
आप किसी भी सप्लीमेंट के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करके अपने गर्भाशय के स्वास्थ्य का समर्थन कर सकती हैं जो आपकी मदद कर सकता है। आपको कैफीन का सेवन कम करने और धूम्रपान जैसी अनहेल्दी आदतों से छुटकारा पाने का भी प्रयास करना चाहिए।
यह भी पढ़ें ; क्या आप जानती हैं वेजाइना को साफ करने का सही तरीका? ये 5 तरीके करेंगे आपकी मदद