गेहूं, बेसन या मैदे से बनी रोटी भारतीय खाने का अभिन्न हिस्सा है। लगभग हर घर में ये हर रोज़ बनती है। ये आमतौर पर गेहूं के आटे को पानी के साथ गूंद कर बनाई जाती है। रोटी में विटामिन और खनिज जैसे विटामिन-B और E, कॉपर, कैल्शियम, आयोडीन, मैंगनीज, सिलिकॉन और पोटेशियम भी महत्वपूर्ण मात्रा में होते हैं। ये सभी आपके शरीर के लिए आवश्यक हैं। इन सबके बावजूद… क्या वज़न घटाने के लिए रोटी छोड़ना एक सही विकल्प है? आइये जानते हैं।
अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट में कटौती करने से कुछ लोगों को वजन घटाने में आसानी होती है। हमारे भारतीय आहार में, प्रमुख कार्ब चावल और रोटी हैं। इसलिए, लोग इन्हें छोड़ने के बारे में विचार करने लगते हैं।
पर यह आपकी सेहत के लिए फायदेमंद से ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। जब कोई गेहूं का सेवन छोड़ देता है या कम करता है, तो शरीर को बाहरी खाद्य स्रोत से पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा नहीं मिल पाती। इस प्रकार, यह आमतौर पर अपनी प्रोटीन पर हमला करता है और ऊर्जा प्राप्त करने के लिए उन्हें तोड़ देता है। जिसकी वजह से वेट लॉस होता है न कि फैट लॉस। इसके साथ ही शरीर में ऊर्जा कम होने लगती है और आप थकान महसूस कर सकती हैं।
रोटी में कम संख्या में कैलोरी (केवल लगभग 70 कैलोरी) होती है, जो उन्हें विशेष रूप से वजन कम करने की कोशिश करने वालों के लिए बेहतर विकल्प बनाती है। चूंकि भारतीय ब्रेड फाइबर, प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों में उच्च है, यह आपको लंबे समय तक तृप्त रख सकती है और आपके समग्र कैलोरी सेवन को कम कर सकता है। इसलिए रोटी वजन घटाने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की आप अपने आहार में रोटी की मात्रा बढ़ा लें। ऐसा करना गलत हो सकता है, क्योंकि आखिर है तो ये कार्बोहायड्रेट ही न? इसलिए एक दिन में 4 से ज्यादा रोटी न खाएं।
रोटी ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है, क्योंकि यह अच्छे कार्ब्स और वसा से भरपूर है। इसलिए पूरे गेहूं की चपाती खाने से लंबे समय तक निरंतर ऊर्जा का स्तर बना रहता है।
रोटी हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकती है क्योंकि इसमें आयरन होता है। अपने दैनिक भोजन में रोटी को शामिल करना हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने का एक स्वस्थ तरीका हो सकता है।
इसमें हाई फाइबर होता है जो आपके पाचन तंत्र के लिए एक बेहतरीन भोजन है। फाइबर में उच्च आहार कब्ज और अन्य पाचन परेशानियों को कम करने में मदद कर सकता है। अगर आपको अपच की समस्या नहीं है, तब भी आपके शरीर को स्वस्थ रहने के लिए फाइबर की आवश्यकता होती है।
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