आपने कैट वॉक तो जरूर ही सुना होगा जिसे एक टोंड और स्लिम मॉडल करती है और उन्हें देखकर आपका भी मन करता है कि आप भी वैसा वॉक करें लेकिन उसे करने से पहले आपको आपनी बॉडी को कैट वॉक के लायक बनान पड़ेगा। इसलिए आपको कैट वॉक से पहले डक वॉक करने की जरूरत है। जी हां डक वॉक, डक वॉक एक ऐसी वॉक है जिसमें आप स्क्वाट करने की स्थिति में होकर आगे की तरफ चलना होता है। दोनों बाजूओं को आगे की ओर ले जाकर हाथ बांध लें और फिर धीरे धीरे कदमों को आगे बढ़ाना शुरू करें। इसमें आपको धीमे-धामे चलना है। इस फॉर्म को डक वॉक कहा जाता है। ये एक्सरसाइज प्रेगनेंट महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ पूजा दिवान का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान सभी महिलाओं को हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। पर ध्यान रखें कि एक्सरसाइज की शुरुआत हमेशा विशेषज्ञ की देखरेख में करें। इस दौरान आपके शरीर का वजन बढ़ रहा होता है और बहुत सारे बदलाव हो रहे होते हैं। ऐसे में जरा सी भी लापरवाही आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए अपने शरीर की क्षमता को समझकर ही एक्सरसाइज का चुनाव करें।
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डक वॉक एक्सरसाइज रिवर्स लंज, स्क्वैट्स, क्रैब वॉक, फॉरवर्ड लंज जैसी एक्सरसाइज के समान है, क्योंकि इसमें कुल्हों और जांघों पर जोर दिया जाता है। आमतौर पर ग्लूट्स और जांघ की मांसपेशियां बड़ी मांसपेशियां होती हैं, जिन पर काम करना आम तौर पर मुश्किल होता है और इसलिए डक वॉक एक्सरसाइज जैसे व्यायामों के लाभों में से एक लाभ मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करना और उन्हें मजबूत बनाना होता है।
डॉ. पूजा दिवान के अनुसार डक वॉक एक बेहतरीन कीगल एक्सरसाइज है। कीगल व्यायाम आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करता है, और इसी तरह बत्तख भी चलती है। इसीलिए विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप गर्भवती हैं या अन्यथा पेल्विक मसल्स को टाइट करना चाहती हैं, तो आप निश्चित रूप से डक करने की कोशिश कर सकती हैं।
डॉ. दिवान मानती हैं, “डक वॉक हमारे कूल्हों की गति में सुधार करके इन्हें अधिक लचीला बनाता है। वे पीठ दर्द को कम करने में भी मदद करते हैं और शरीर के बेहतर संतुलन को बनाए रखने में हमारी मदद करते हैं। डक वॉक गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज साबित हुई है। जांघ की मांसपेशियों को मजबूत करके, वे प्रसव के दौरान महिलाओं को होने वाले दर्द को कम करने में मदद करते हैं।”
सबसे पहले, दोनों पैरों को कूल्हे की चौड़ाई में खोलें और सीधे खड़े हों जाएं।
अब अपने बट को पीछे धकेलें, अपने घुटनों को मोड़ें जिस स्थिति में आप स्क्वाट करते हैं वैसे ही आपको खड़े होना है। आप अपने शरीर के वजन को संतुलित करें।
इस बात का ध्यान रखें कि आपकी छाती ऊपर की और रहे और संतुलन के लिए अपने हाथों को सामने की ओर आगे बढ़ाएं।
अब इस स्क्वाट स्थिति को बनाए रखें। अपने आप को कंफर्टेबल करें। अब दोनों पैरों को एक-एक कर आगे बढ़ाएं और आगे की तरफ बढ़ें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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