जब वजन कम करने की बात आती है, तो ज्यादातर लोग लो-कार्ब (Low carbs) डाइट का सहारा लेते हैं। यह मानते हुए कि कार्बोहाइड्रेट में हमारे रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने की क्षमता होती है और वजन भी बढ़ता है, तो कई लोग इसे बंद रखना पसंद करते हैं। हालांकि, यह याद रखने की जरूरत है कि सभी कार्ब्स खराब नहीं होते हैं।
मगर लो कार्ब डाइट का चयन करना और यह सोचना कि इससे आपको कुछ किलो वजन कम करने में मदद मिलेगी, वजन घटाने का एक गलत तरीका हो सकता है। इस बारे में सही जानकारी जुटाने के लिए हमने मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम की क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स विभाग की हेड क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट – उपासना शर्मा से बात की।
उनका मानना है कि ”कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को ऊर्जा देने वाला पहला स्त्रोत है, लेकिन वहीं इसका अधिक मात्रा में सेवन करना शरीर में फैट को बढ़ा सकता है। यही कारण है कि ज्यादातर लोग लो-कार्ब डाइट पसंद करते हैं।”
लो कार्ब डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम से कम किया जाता है। इसमें कार्ब्स से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन कम कर दिया जाता है और उन्हें उच्च वसा और उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थों से बदल दिया जाता है। वजन घटाने के लिए इस प्रकार का आहार कारगर साबित हुआ है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने के लिए भी जाना जाता है।
जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के एक अध्ययन के अनुसार, कम वसा वाले आहार की तुलना में कम कार्ब आहार का प्रभाव उतना ही अधिक होता है। हालांकि, यह पाया गया कि कार्ब के सेवन को सीमित करने वाली डाइट का सहारा लेने के बाद कुछ लोगों को कम ऊर्जावान महसूस हुआ।
लो कार्ब डाइट में कार्बोहाइड्रेट के सभी संभावित स्रोतों को हटा दिया जाता है। यह आमतौर पर शरीर को मांसपेशियों के ऊतकों में ग्लाइकोजन को जलाने के लिए ट्रिगर करता है। एक बार जब शरीर में ग्लाइकोजन की कमी हो जाती है, तो वह फैट बर्न करता है। ये वसा जब रक्त शर्करा में बदल जाते हैं तो कीटोन्स नामक रसायन उत्पन्न करते हैं, जो आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं।
लो कार्ब डाइट वज़न तो कम कर सकती है। मगर आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। आपके पाचन स्वास्थ्य को बाधित करने से लेकर आपको ज्यादातर समय थका हुआ बनाने तक, यह संभव है कि लो कार्ब डाइट आपको डिमोटिवेटेड महसूस करवा सकती है, इसलिए आपकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
लो कार्ब डाइट से आपको कुछ किलो वजन कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह आपके शरीर को अन्य गतिविधियों को करने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित कर सकता है। इसलिए, कार्ब के सेवन को हटाने के बजाय, जटिल कार्बोहाइड्रेट का सहारा लें जो फाइबर से भरपूर हों और आपके चयापचय को बढ़ावा देने में मदद करें।
डॉ उपासना शर्मा के अनुसार – ”लो-कार्ब डाइट का पालन करने वाले लोगों को चॉकलेट, आइसक्रीम, सोडा या जूस, केक, पेस्ट्री, बन और कैंडी जैसे उत्पादों, जिनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है, उनके सेवन से बचना चाहिए।”
इसके साथ ही, पत्तेदार हरी सब्जियां जैसे पत्ता गोभी, ब्रोकली, पालक के साथ तोरी, बैंगन, खीरा, गाजर, मशरूम, प्याज और टमाटर में कार्ब्स की मात्रा कम होती है। जमीन के ऊपर उगने वाली ज्यादातर सब्जियों का सेवन इस तरह के आहार में किया जा सकता है।”
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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