पूरी दुनिया इस वक्त कोरोनावायरस संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के प्रकोप से जूझ रही है। कुछ लोगों में ओमिक्रोन (omicron) के लक्षण (symptom) गंभीर देखने को मिल रहे हैं तो कुछ लोगों में बहुत माइल्ड (mild symptom) लक्षण दिख रहे हैं। इनसे लड़ने के लिए हमें काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। लेकिन अगर आप ओमिक्रोन वेरिएंट की चपेट में आ गए हैं तो प्राणायाम (Pranayam for omicron) आपकी फास्ट रिकवरी(Fast omicron Recovery) में मदद कर सकता है।
केवल कोरोना वायरस संक्रमण(Covid-19) से रिकवरी के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक शांति (mental peace) के लिए भी प्राणायाम महत्वपूर्ण है। यदि आपका कोविड रिजल्ट पॉजिटिव आता है, तो चिंता और नकारात्मक विचार आना स्वाभाविक है। ऐसे में प्राणायाम आपको मानसिक स्थिरता और शांति प्रदान कर सकता है।
प्राणायाम (Pranayama) भी एक प्रकार का योग (Yoga) है। असल में इसे सांस की कसरत (breathing exercise) के रूप में भी जाना जाता है। सांस के नियंत्रण को प्राणायाम कहते हैं। प्राण का संदर्भ यहां सांस से है आयम का अर्थ है नियंत्रण। यह स्वस्थ मन और शरीर की एकाग्रता को बढ़ाने में अहम योगदान देता है। ऐसे कई प्राणायाम हैं जो कोरोना से जंग जीतने में आपकी मदद कर सकते हैं क्योंकि:
ज्यादातर कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज तानव से जूझते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण एक फैलने वाली बीमारी है। प्राणायाम हमारे तनाव को कम करने में सक्षम है। एनसीबीआई (NCBI) के अनुसार साल 2013 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि प्राणायाम ने स्वस्थ युवा वयस्कों में कथित तनाव के स्तर को काफी कम किया। शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि प्राणायाम तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, जिससे आपकी तनाव प्रतिक्रिया में सुधार होता है।
किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए एक अच्छी नींद बहुत जरूरी है। लेकिन कई कारणों से हमें सोने में काफी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में जो संक्रमित मरीज रोजाना प्राणायाम करते हैं उनके स्लीप क्वालिटी काफी बेहतर होती है। साल 2019 में स्लीप एपनिया वाले लोगों पर एक अध्ययन किया गया था जिसमें पाया गया की प्राणायाम स्लिप क्वालिटी में सुधार करता है।
कोरोना से जंग जीतने के लिए सबसे जरूरी है इम्युनिटी बेहतर होना। जिसमें प्राणायाम आपकी काफी मदद कर सकते हैं। दरअसल यह डायाफ्रामिक मूवमेंट लिम्फ (lymph) की गति को प्रोत्साहित करने में मदद करता है, जो वाइट ब्लड सेल में फ्लूट लगता है।
रोज सुबह 5 से 10 मिनट के लिए कपालभाति करना कोरोना मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। इसको करने के लिए सबसे पहले लंबी सांस लें और धीरे-धीरे सांस को छोड़ें। संक्रमित मरीजों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सांस छोड़ते वक्त उन्हें किसी प्रकार का दबाव ना हो।
वैसे तो ओमिक्रोन वेरिएंट संक्रमित मरीजों को सांस से संबंधित ज्यादा समस्या नहीं हो रही है। हालांकि जिन लोगों को डाटा और ओमी क्रोन वैरीअंट ने एक साथ अपनी चपेट में लिया है उन्हें सांस की दिक्कत भी हो रही है। उन मरीजों के लिए अलोम विलोम एक अच्छा प्राणायाम है। इसमें अपनी एक नथुने को दबा कर दूसरे नथुने से सांस छोड़ते हुए किया जाता है।
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