योग से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह नींद में सुधार और तनाव कम करता है। इससे मेंटल हेल्थ को मजबूती मिलती है। साथ ही, यह मांसपेशियों को मजबूत कर फिजिकल हेल्थ में भी सुधार करता है। कई योग मुद्रा हैं, जो वजन घटाने में भी मदद कर सकता है। एक योग मुद्रा नौकासन है, जो सरल तरीके से वजन घटाने में मदद करता है। योगाचार्य वरुण आर्या बताते हैं कि सांसों पर ध्यान देने और सही तरीके से करने पर नौकासन वजन घटाने (boat Pose for belly fat) में मदद कर सकता है।
नौकासन संस्कृत शब्द नौका से आया है, जिसका अर्थ है नाव। नौका की तरह मुद्रा नौकासन कहा जाता है। नौकासन में शरीर नाव का आकार ले लेता है। यह कई शारीरिक विकारों को दूर करने में मदद करता है। यदि योग सही तरीके से किया जाए, तो यह जीवनशैली में भी बदलाव ला सकता है। शारीरिक गतिविधि को बढ़ाने और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। यह तनाव को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है, जो वजन बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। नौकासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाकर वजन कम करने में मदद करता है। इस आसन की गिनती पीठ के बल लेटकर किये जाने वाले आसनों में किया जाता है। इसे रूपांतरित करके पेट के बल लेटकर भी किया जा सकता है।
पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
पैर और बांह की मांसपेशियों को टोन करता है।
यह शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है।
हर्निया वाले लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है।
यह योगासन पाचन में सुधार करता है।
नौकासन फेफड़े, लीवर और पैनक्रेआज को मजबूत बनाने में मदद करता है।
यह पेट के चारों ओर ब्लड और ऑक्सीजन का संचार करता है।
यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने और शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है।
नौकासन से स्वस्थ तरीके से जिद्दी चर्बी से छुटकारा पाया जा सकता है। बोट पोज़ का अभ्यास करने के दौरान पेट के मसल्स में खिंचाव आता है। इससे मसल्स संकुचित हो जाते हैं। ये पेट की चर्बी कम करने में सहायता करता है। ध्यान दें कि 20 मिनट का योग सत्र वजन कम करने में मदद (Boat Pose for weight control) कर सकता है। बढ़िया परिणाम के लिए दैनिक दिनचर्या में कम कैलोरी वाला आहार शामिल करना भी जरूरी है।
पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को एक साथ रखें। हाथों को शरीर के बगल में रखें।
गहरी सांस लें। जैसे ही सांस छोड़ें, छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं। बाहों को पैरों की ओर खींचें।
आंखें, उंगलियां और पैर की उंगलियां एक लाइन में होनी चाहिए।
पेट की मांसपेशियों के सिकुड़ने पर नाभि क्षेत्र में तनाव महसूस होगा।
इस मुद्रा में रहते हुए आराम से गहरी सांस लेते रहें।
कुछ सेकंड के लिए उसी स्थिति (boat Pose for belly fat) में रहें।
जैसे ही सांस छोड़ें, धीरे-धीरे जमीन पर वापस आएं और आराम करें।
प्रतिदिन इस पोज को 3-4 रेपिटिशन से अधिक नहीं करना चाहिए।
यदि लो ब्लड प्रेशर, गंभीर सिरदर्द या माइग्रेन का दर्द रहता है, तो नौकासन नहीं करें। यदि आप कुछ पुरानी बीमारियों (Avoid Naukasana for Chronic Diseases) या रीढ़ की हड्डी संबंधी विकारों से पीड़ित हैं, तो इस योग मुद्रा का अभ्यास न करें।
अस्थमा और हृदय रोगियों को इस आसन से बचने की सलाह दी जाती है।
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और मासिक धर्म (Menstrual Period Precautions) के पहले दो दिनों के दौरान नौकासन करने से बचना चाहिए।
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