रोज़ाना जिम जाना और शरीर को फिट रखने के लिए नियमित रूप से कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) करना एक हेल्दी हेबिट है। मगर बावजूद इसके कई बार फिटनेस गोल्स (fitness goals) को प्राप्त करने में मुश्किलात का सामना करना पड़ता है। दरअसल, रोज़मर्रा के जीवन में अनियमित खानपान और नींद की कमी वज़न बढ़ने (causes of weight gain) का मुख्य कारण साबित होते हैं। इसके अलावा गैजेट्स का इस्तेमाल आलस्य को बढ़ाता है। खुद को हेल्दी और एक्टिव रखने के लिए व्यायाम के लिए कुछ खास चीजों का ख्याल रखना आवश्यक है। जानते हैं किन टिप्स की मदद से फिटनेस गसेल्स को अचीव करने में मिलती है मदद ( how to achieve fitness goals)।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ के अनुसार फिटनेस गोल्स (fitness goals) को अचीव करने के लिए स्मार्ट मैथड को अपनाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए वर्कआउट रूटीन (workout routine) को सप्ताह में तीन बार अवश्य फॉलो करें। इसके अलावा रोज़ाना अपनी अचीवमेंटस को इवेल्यूएट करना न भूलें। साथ ही अपने गोल्स को तय करने के लिए एक समय सीमा बना लें। दरअसल, एक डेडलाइन सेट करने से गोल्स को अचीव करना आसान हो जाता है। इस बात को भी अवश्य ख्याल रखें की इससे शरीर को मज़बूती और लचीलापन प्राप्त हो।
इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट पूजा मलिक बताती हैं कि शारीरिक क्षमता के अनुसार व्यायाम करें और अगर आप बिगनर्स है, तो किसी एक्सपर्ट की मदद से शुरूआत करें। वर्कआउट रूटीन की शुरूआत में आसान एक्सरसाइज़ को शामिल करें। इसके अलावा वॉर्मअप सेशन (warmup session) में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ (stretching exercise) को नियमित रूप से करें। इससे शरीर में बढ़ने वाले आलस्य, ऐंठन और अधिक वज़न को आसानी से दूर किया जा सकता है। गोलस को अचीव करने के लिए सेल्फ मोटिवेशन को बढ़ाएं। इसके लिए डाइट का ख्याल रखें और शरीर को हाइड्रेट बनाए रखें। इसके अलावा गैजेट्स से दूरी बनाकर शरीर को आराम करने दें।
फिटनेस जर्नी को आसान बनाने के लिए शरीर में पानी की उचित मात्रा को बनाए रखें। इससे न केवल शरीर के तापमान को रेगुलेट (regulate body temperature) करने में मदद मिलती है बल्कि इससे थकान और आलस्य की समस्या हल हो जाती है। पानी की उच्च मात्रा शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के बैलेंस (electrolyte balancing) को मेंटेन रखती है। इससे मसल्स क्रैंप्स से बचा जा सकता है और ज्वाइंटस में चिकनाई का प्रभाव रहता है, जिससे गतिशीलता बनी रहती है।
एक्सपर्ट के अनुसार व्यायाम शुरू करने से 30 मिनट पहले पानी पीएं। वहीं व्यायाम करने के 10 से 15 मिनट के बाद ही पानी पीने की सलाह दी जाती है। वे लोग जो पानी भरपूर मात्रा में नहीं पीते हैं, वे हेल्दी ड्रिंक्स को रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
हर वर्कआउट सेशन के बाद 15 मिनट की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ (stretching exercise) शरीर में लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करती है। इससे शरीर फिट और एक्टिव रहता है। साथ ही मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। रनिंग करने के बाद मसल्स को मज़बूत बनाने के लिए हैमस्ट्रिंग स्ट्रेचिंग करें। वहीं कोर फोकस्ड पिलेट्स सेशन के बाद कोबरा पोज़ से मसल्स में खिंचाव बढ़ता है। शरीर की क्षमता के अनुसार ही स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करें अन्यथा शरीर में थकान का स्तार बढ़ने लगता है।
संतुलित आहार स्वस्थ जीवनशैली का मूलमंत्र है। समयानुसार आहार लेने से शरीर में ऊर्जा का स्तर उचित बना रहता है। दरअसल, पौष्टिक भोजन खाने से शरीर का स्टेमिना इंप्रूव होने लगता है। आहार में विटामिन और मिनरल के अलावा प्रोटीन और हेल्दी कार्ब्स को शामिल करें। इसके अलावा शरीर की मज़बूती बढ़ाने के लिए संतुलित आहार लें और मील स्किप करने से बचें।
खाना खाने के एकदम बाद एक्सरसाइज करने से बचें। आहार में मौसमी फल और सब्जियों को शामिल करने से जहां इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है, तो वहीं हाई प्रोटीन डाइट के सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वेटलॉस में मदद मिल जाती है।
मांसपेशियों में बढ़ने वाली थकान को दूर करने और टिशूज की रिपेयरिंग के लिए भरपूर नींद लेना आवश्यक है। इससे लिए 9 घंटे की नींद अवश्य लें और नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्लीप पैटर्न को बनाए रखना आवश्यक है। भरपूर नींद लेने से इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है और मानसिक तनाव से भी राहत मिल जाती है।
मोटिवेशन लेवल को बनाए रखने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान तैयार करें। इससे धीरे धीरे शरीर एक्टिव और हेल्दी बनने लगता है। साथ ही वर्कआउट के दौरान चोटिल होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा अपनी अचीवमेंट को सप्ताह अनुसार इवेल्यूएट करे। इससे उत्साह बना रहता है और एक के बाद एक माइल स्टोन्स को तय करने में मदद मिलती है।
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