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वेट लॉस करने के साथ आपको हैप्पीनेस भी देता है हूला हूप, इन 3 वेरिएंट्स के साथ करें ट्राई

कमर पर गोल गोल घूमने वाला रिंग देखने में भले ही बच्चों का खेल लगता है, मगर हूला हूप की मदद से वज़न कम करने के साथ स्वास्थ्य को कई लाभ भी मिलने लगते हैं। जानें बॉडी को टोन करने के लिए की जाने वाली हूला हूप एक्सरसाइज़ के कुछ फायदे
Updated On: 30 Jul 2024, 07:03 pm IST
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Hula hoop exercise ke fayde
हूला हूप से न केवल शरीर के पोश्चर में सुधार होता है बल्कि मसल्स की स्ट्रेंथ को भी बढ़ाया जा सकता है।

शरीर को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज़ करना आवश्यक है। मगर एक्सरसाइज़ में अगर रोमांच को एड कर दिया जाए, तो फिजिकल फिटनेस के साथ मेंटल हेल्थ में भी सुधार नज़र आने लगते हैं। जी हां हूला हूप एक्सरसाइज़ (Hula hoop exercise) की एक ऐसी ही फॉर्म है, जिसे करने से तन और मन झूमने लगता है और वेटलॉस में भी मदद मिलती है। कमर पर गोल गोल घूमने वाला रिंग देखने में भले ही बच्चों का खेल लगता है, मगर हूला हूप (Hula hoop) की मदद से वज़न कम करने के साथ स्वास्थ्य को कई लाभ भी मिलने लगते हैं। जानें बॉडी को टोन करने के लिए की जाने वाली हूला हूप एक्सरसाइज़ (Benefits of Hula hoop exercise) के कुछ फायदे।

हूला हूप किसे कहते हैं (What is hula hoop)

इस बारे में फिटनेस ट्रेनर पूजा मलिक बताती हैं कि हूला हूप करने से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिससे ऑक्सीज़न के फ्लो को नियमित बनाया जा सकता है। हड्डियों की मज़बूती बढ़ाने वाली इस एक्सरसाइज़ को घर में ही कुछ वक्त निकालकर आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए भारी सामान की नहीं बल्कि केवल रिंग की आवश्यकता होती है।

हूला हूप से न केवल शरीर के पोश्चर में सुधार होता है बल्कि मसल्स की स्ट्रेंथ (Muscles strength) को भी बढ़ाया जा सकता है। एक्सरसाइज के लिए हूप चुनने से पहले अपने बॉडी वेट और हाईट का ख्याल रखें। रेगुलर प्रेक्टिस से शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद मिलती है। इसके अलावा पेट की मांसपेशियां भी मज़बूत बनने लगती हैं।

Hula hoop se karein weight loss
रेगुलर प्रेक्टिस से शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद मिलती है। इसके अलावा पेट की मांसपेशियां भी मज़बूत बनने लगती हैं।

जानते हैं हूला हूप एक्सरसाइज़ से मिलने वाले फायदे

1. वज़न को करे कंट्रोल

शरीर में बढ़ते फैट्स मोटापे का कारण बन जाते है। इससे पेट पर चर्बी जमा होने लगती है, जिससे एब्डॉमिनल फैट्स बढ़ने लगते हैं। ऐेसे में हूला हूप एक्सरसाइज़ (Hula hoop exercise) बेहद कारगर साबित होती है। रोज़ाना दिनभर में 10 से 15 मिनट इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करने से वेटलॉस में मदद मिलती है।

2. पोश्चर में सुधार

देर तक बैठने से बॉडी के पोश्चर में परिवर्तन नज़र आने लगता है। इससे कमर और कंधों में झुकाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अपनी बॉडी को टोन और एक्टिव करने के अलावा पोश्चर में सुधार लाने के लिए हूला हूप का प्रयास करें। इससे मसल्स ओपन होते हैं और स्टिफनेस की समस्या हल हो जाती है।

3. कोर मसल्स की मज़बूती को बढ़ाएं

अपने वर्कआउट रूटीन में हूला हूप को शामिल करने से कोर मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है। इसके अलावा शरीर का संतुलन बना रहता है। इससे हिप्स, कमर और बाजूओं पर जमा चर्बी को भी आसानी से बर्न किया जा सकता है। इसके अलावा मांसपेशियांं में बढ़ने वाली स्टिफनेस दूर होने लगती हैं और वो स्ट्रॉन्ग बन जाती हैं।

4. तनाव को करे दूर

दिनों दिन बढ़ने वाले तनाव के चलते शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल रिलीज़ होने से मोटापे का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हूला हूप को रोज़ाना करने से मन में उत्साह बढ़ने लगता है, जिससे तनाव से मुक्ति मिल जाती है और शरीर भी स्वस्थ बना रहता है। इसके अलावा चीजों को याद रखने की क्षमता में भी सुधार आने लगता है।

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हूला हूप को रोज़ाना करने से मन में उत्साह बढ़ने लगता है, जिससे तनाव से मुक्ति मिल जाती है

जानें हूला हूप्स करने के लिए कौन सी एक्सरसाइज़ को करें रूटीन में शामिल

1. स्टैडिंग टविस्ट (Standing twist)

इस एब्स वर्कआउट को करने के लिए हाथों और कमर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए हूला हूप को दोनो हाथों से पकड़ लें। उसके बाद एक टांग को बाहर की ओर खोलें और हूप को कमर पर घुमाएं। पहले हूप को दाहिनी ओर घुमाएं और फिर बाई ओर घुमाएं।

2. आर्म सर्कल्स (Arm circles)

बाजूओं पर जमा फैट्स को बर्न करने के लिए आर्म सर्कल्स का रोज़ाना अभ्यास करे। इसके लिए हूप को दोनों हाथों से पकड़े और अपनी दोनों बाजूओं पर आसमान में गोल गोल घुमाएं। इसे करने से पहले कोहनियों को थोड़ा सा मोड़ लें और फिर हाथों से प्रयास करें।

3. ट्री प्रेस (Tress press)

इस एक्सरसाइज़ के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाएं। सर्कल को पीछे की ओर रखें। अब दांई टांग को बाई टांग की इन्नर साइड टिकाएं। इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें। 30 सेकण्ड तक इस पोज़िशन में रहने के बाद अब बाई टांग को दाई टांग की इन्नर साइड में रखें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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