Hakini Mudra Benefits: फोकस और आत्मविश्वास बढ़ाती है हाकिनी मुद्रा, दिलजीत दोसांझ भी करते हैं इसका अभ्यास

हाकिनी मुद्रा को पावर पोज़ भी कहा जाता है। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से फोकस बढ़ने लगता है। वे लोग जिनके मन में स्थिरता नहीं है और उनका ध्यान इधर से उधर भटक रहा है, तो इस मुद्रा का अभ्यास कारगर साबित होता है। इससे मन को संयम की प्राप्ति होती है।
Hakini mudra ke fayde
हाकिनी मुद्रा को पावर पोज़ भी कहा जाता है। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से फोकस बढ़ने लगता है। चित्र कर्मा सर्कस
Published On: 2 Feb 2025, 08:00 am IST

दिनों दिन बढ़ने वाला तनाव जहां एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन का कारण साबित हो रहा है, तो वहीं इससे मेमोरी लॉस की समस्या भी बढ़ रही है। ऐसे में हाकिनी योग मुद्रा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने का बेहतरीन विकल्प है। इससे किसी भी चीज़ पर फोकस करने में आने वाली मुश्किलात को हल करके ब्रेन को एक्टिव रखने और नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करने में भी मदद मिलती है। इन दिनों पापुलर पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ भी हाकिनी योग मुद्रा से लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। हाथों से की जाने वाली इस योग मुद्रा में दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ा जाता है। सबसे पहले जानते हैं हाकिनी योग मुद्रा (Hakini mudra) क्या है और इसे करने का तरीका भी।

इस बारे में अक्षर योग के संस्थापक हिमालयन सिद्ध अक्षर बताते हैं कि कुछ मुद्राएं सरल होती है, तो कुछ कठिन होती है, मगर शरीर पर होने वाला उनका लाभ आश्चर्यनजक होता है। इसका असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर दिखने लगता है। इसे करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन नियंत्रित होता है। इसका शरीर पर इस कदर प्रभाव पड़ने लगता है कि शरीर की शक्ति बढ़ने लगती है और आत्मा का प्रकाश बढ़ना शुरू हो जाता है।

क्या है हाकिनी मुद्रा (What is Hakini Mudra)

हाकिनी मुद्रा उस मुद्रा को कहते है, जिसमें शरीर पांचों तत्वों के बीच तालमेल को बढ़ाने का काम करता है। हकीनी मुद्रा का नाम तीसरी आँख की देवी हकीनी कहा जाता हैं। देवी हकीनी तीसरी आँख चक्र की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसकी मदद से सोच, समझ स्पष्टता और अंतर्ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। इस हस्त मुद्रा का अभ्यास सुखासन में बैठकर किया जाता है। मन को एकाग्रचित्त करके की जाने वाली इस मुद्रा से मन में स्पष्टता बढ़ने लगती है।

इस मुद्रा को पावर पोज़ भी कहा जाता है। इस का अभ्यास करने से फोकस बढ़ने लगता है। वे लोग जिनके मन में स्थिरता नहीं है और उनका ध्यान इधर से उधर भटक रहा है, तो इस मुद्रा का अभ्यास कारगर साबित होता है। इससे मन को संयम की प्राप्ति होती है और तनाव दूर होता है। वे स्थिति जहां आप खुद को नर्वस महसूस कर रहे हैं, तो वहीं इस योगिनी मुद्रा से शरीर को कई फायदे मिलते हैं।

Benefits of hakini Mudra
हाकिनी मुद्रा से मन को संयम की प्राप्ति होती है और तनाव दूर होता है।चित्र : शटरस्टॉक

जानते हैं इस मुद्रा से मिलने वाले फायदे (Hakini Mudra benefits)

1. एकाग्रता बढ़ने लगती है

दोनों हाथों की उंगलियों की टिप्स को एक दूसरे से मिलाकर रखने से फोकस और स्पष्टता बढ़ने लगती है। इससे ब्रेन के दोनों हेमीस्फेयर यानि गोलार्ध उत्तेजित होने लगते है, जिससे शक्ति बढ़ने लगती है। इससे चीजों को याद रखने की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।

2. इमोशनल हेल्थ होगी बूस्ट

तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है। इस मुद्रा का अभ्यास करने से मेंटल पीस बढ़ने लगता है, जिससे चीजों की स्पष्टता बढ़ने लगती है। इसके अलावा छोटी छोटी बातों पर बढ़ने वाली एंग्ज़ाइटी से राहत मिल जाती है। वे लोग जो डिप्रेशन का शिकार है, उन्हें भी इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए।

Mind relax rehta hai
तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है। इस मुद्रा का अभ्यास करने से मेंटल पीस बढ़ने लगता है,

3. आत्मविश्वास का बढ़ना

वे लोग जो खुद को कम आंकते है, उन्हें इस मुदा का अभ्यास करना चाहिए। इससे मन में मोटिवेशन और कॉफिंडेंस की भावना बढ़ने लगती है। इससे कार्यक्षमता में सुधार आने लगता है और किसी भी कार्य को करने में हिचकिचाहट महसूस नहीं होती है। इससे नर्वस सिस्टम, टिशूज और सेल्स की फंक्शनिंग बढ़ने लगती है।

Pollपोल
नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

4. नींद की गुणवत्ता में बढ़ोतरी

रात में जिन्हें भरपूर नींद नहीं आती है और जो अनिद्रा से पेरशान हैं। उन्हें इस योग मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए। इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह उचित बना रहता है।

जानें इसे करने की विधि (Hakini Mudra steps)

  • योग मुद्रा को दोनों हाथों से किया जाता है। इसे करने के लिए दोनों हाथों को खोल लें। अब दोनों हाथों की उंगलियों को सीधा कर लें।
  • दोनों हाथों को करीब लेकर आएं और उंगलियों की टिप्स को एक दूसरे के साथ मिलाएं और हाथों को इसी मुद्रा में रखें।
  • बाजूओं को कोहनी से मोड़ते हुए हाथों को सामने की ओर रखें। इस दौरान गहरी सांस लें और फिर छोड़ें।
  • इसका नियमित अभ्यास करने से इसका प्रभाव नर्वस सिस्टम, टिशूज़ और सेल्स पर दिखने लगता है।
  • शुरूआत में 2 से 3 मिनट तक इसका अभ्यास करें। उसके बाद इसे बढ़ाते जाएं और 5 मिनट तक इसका अभ्यास करें।
  • इस मुद्रा के अभ्यास के दौरान दोनों हाथों को आपस में जुड़ा रहने दें। इससे शरीर को कई लाभ मिलेंगे। तनाव को दूर करने में भी फायदा मिलता है।
  • सुबह खाली पेट 10 से 20 मिनट इसका अभ्यास करने से फायदा मिलता है। वहीं शाम में भी इसे करें। इस दौरान अन्य प्राकर के विचार और चिंतन से दूर रहे।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख