अधिकतर लोग चावल पकाने के बाद उसका बचा हुआ पानी स्टार्च के कारण फेंक देते हैं। हांलाकि इन दिनों स्किन केयर को लेकर कोरियन ब्यूटी टिप्स के रूप में चावल का पानी खूब इस्तेमाल किया जाता है। इससे जहां स्किन को फायदा मिलता है, तो वहीं इसका सेवन करने से वेटलॉस में भी मदद मिलती है। पोषक तत्वों से भरपूर उबले हुए चावल के पानी में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इससे इम्यून सिस्टम और डाइजेशन बूस्ट होता है। जानते हैं चावल वेटलॉस में किस तरह से होता है मददगार साबित (Rice water for weight loss)।
जर्नल ऑफ फार्माकोग्नॉसी और फाइटोकेमिस्ट्री के अनुसार इसके सेवन से शरीर को 80 फीसदी कार्ब्स, 8 फीसदी प्रोटीन, 3 प्रतिशत फैट्स और 3 फीसदी ही फाइबर की प्राप्ति होती है। चावल को ग्रेन ऑफ लाइफ या फिर फूड फॉर एशिसन्स भी कहा जाता है।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि चावल को उबालकर अलग किया गया पानी शरीर को हाइड्रेट रखने के अलावा वेटलॉस में भी मदद करता है। लोग इसे राइज़ कांजी के रूप में पीते है। इससे शरीर को प्रोबोयाटिक्स की भी प्राप्ति होती है। अगर आप सामान्य चावल का पानी पीती है, तो इससे शरीर को विटामिन ई, मैग्नीशियम, फाइबर और जिंक की भी प्राप्ति होती है।
एक्सपर्ट के अनुसार हेल्दी और हॉट ड्रिंक का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे शरीर में कैलोरी को स्टोर होने से रोका जा सकता है। रोज़ाना इसका सेवन करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं और बढ़ते वज़न को भी रोका जा सकता है।
इस हाइड्रेटिंग एजेंट की मदद से सर्दियों में बढ़ने वाली निर्जलीकरण की समस्या हल होने लगती है और इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा उचित बनी रहती है। इसके अलावा शरीर में ऊर्जा का उचित स्तर बना रहता है। इसके सेवन से शरीर को फाइबर के अलावा कार्ब्स और विटामिन न मिनरल की भी प्राप्ति होती है।
फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन की रिसर्च के अनुसार उबले चावल के पानी को हाइड्रेट रखने से क्रेविंग्स शांत होने लगती हैं। भूख कम लगने से मेटाबॉलिज्म को बढावा मिलता है। ऐसे में वजन घटाने के लिए चावल का पानी पीना एक बेहतरीन विकल्प है। इससे कैलोरीज़ बर्न होती है और पोषण की प्राप्ति होती है।
इसका सेवन करने से पेट में हेल्दी एंजाइम्स की मात्रा बढ़ने लगती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, चावल के पानी में मौजूद स्टार्च पाचन संबंधी समस्याओं को हल करने में मदद करता है। वे लोग जिन्हें ब्लोटिंग, अपच या दस्त की समस्या है, चावल को उबालकर तैयार किए गए पानी का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, पानी में स्टार्च की मात्रा शरीर के लिए एक बाइंडिंग एजेंट का काम करती है। फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी की रिसर्च के अनुसार इसमें पाई जापे वाली स्टार्च न केवल पाचन में मदद करती है बल्कि एबजॉर्बशन में भी मददगार साबित होती है।
नेचुरल प्रोडक्ट रिसर्च के अनुसार चावल का पानी जहां कैलेरी स्टोरेज को रोकता है, तो वहीं इससे आंतों से जड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके सेवन से शरीर को हेल्दी बैक्टीरिया की प्राप्ति होती है, जिससे वेटगेन की समस्या से बचा जा सकता है। इससे गट की लाइनिंग व माइक्रोबायोम स्वास्थ्य को फायदा मिलता है। है और पुरानी बीमारियों को रोकने में भी मदद कर सकता है।
नियमित रूप से खाली पेट चावल उबालकर तैयार किए गए पानी को पीने से पेट भरा हुआ महसूस होता है। इसमें मौजूद फाइबर और कार्ब्स संतुष्ट रखने में मदद करते हैं। इससे पेट भरा हुआ महसूस होने लगता है। इससे एपिटाइट नियंत्रित होने लगता है और वेटलॉस को आसान बनाया जाता है। इसे आहार में शामिल करने से शरीर को पोटेशियम और मैग्नीशियम की प्राप्ति होती है।
चावल को पकाने के बाद उसके बचे हुए पानी को हल्का गर्म करने के बाद पीएं। इससे वेटलॉस की समस्या हल होने लगती है। खाली पेअ इसका सेवन करने से शरीर को फायदा मिलता है।
उबले हुए चावल के पानी को पानी समेत रख देने से प्रोबोयोटिक्स की मात्रा बढ़ जाती है। इससे गट हेल्थ मज़बूत बनने लगती है। इसके आवा चावल की कांजी में अपने अनुसार प्याज, हरी मिर्च और मसालों को एड कर सकते हैं।
इसमें जहां कार्ब्स की मात्रा है, तो वहीं विटामिन और मिनरल की प्राप्ति होती है। आटे को गूंथने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे आटा मुलायम व हेल्दी बन जाता है।
सभी सब्जियों को पकाकर पैन में डालें और सामान्स पानी की जगह सूप में इसे एड कर दें। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होता है। इससे संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है।
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