सर्दी के मौसम में अधिकतर लोग व्यायाम और योग मुद्राओं से दूरी बना लेते हैं, जो शरीर में स्टिफनेस का कारण बनने लगता है। ऐसे में शरीर के पोश्चर में सुधार लाने और मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए अधोमुख श्वानासन एक बेहतरीन विकल्प है। इसे करने से शरीर की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ने लगता है और गर्दन, शोल्डर्स और पीठ के दर्द से भी राहत मिलती है। जानते हैं स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अधोमुख श्वानासन के लाभ (Benefits of Adhomukha Svanasana) और इसे करने के स्टेप्स भी।
इस बारे में बातचीत करते हुए योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी का कहना है कि योगासन के अभ्यास से दिन की शुरूआत करने से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। सर्दियों के मौसम में शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन और आलस्य को दूर करने के लिए अधोमुख श्वानासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इसे करने से शरीर में स्टेमिना बूस्ट होता है और बालों की ग्रोथ भी बढ़ने लगती है। इसके अलावा शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित हो जाता है।
वर्कआउट की कमी और ठण्डी हवाओं के संपर्क में आने से मांसपेशियों में तनाव बढ़ने लगता है। इससे शारीरिक अंगों में दर्द रहता है, जिससे उठने बैठने में भी तकलीफ बढ़ने लगती है। ऐसे में योग मुद्राओं का नियमित अभ्यास फायदेमंद है। इससे शरीर में होने वाली दर्द व ऐंठन से मुक्ति मिलती है। दिनभर में 2 से 3 बार 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक दस मुद्रा में शरीर को बनाए रखने से शरीर को फायदा मिलता है।
आगे की ओर झुककर किए जाने वाले इस योगासन को करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ता है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है। इससे शरीर में ब्लोटिंग, कब्ज और अपच की समसया से राहत मिलने लगती है। नियमित तौर पर इस योगासन को अपने रूटीन में शामिल करने से पेट संबधी विकारों को दूर किया जा सकता है।
वे लोग जो रात में नीं न आने की समस्या से ग्रस्त है, उन्हें भी इस योग मुद्रा से बेहद फायदा मिलता है। इस योग के अभ्यास से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन नियमित रूप से होने लगता है, जिससे दिमाग तनाव मुक्त रहता है और नींद न आने की समस्या हल होने लगती है।
अधोमुख श्वानासन को करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ने लगता है और शरीर दिनभर एक्टिव बना रहता है। इस योगासन को करते वक्त शरीर आगे की ओर झुकता है, जिससे शरीर के संभी अंगों की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह नियमित होता है। इसे रोज़ाना करने से सर्दी के मौसम में बढ़ने वाली आलस्य की समस्या से भी बचा जा सकता है।
इस योग को करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं अब दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें।
इसके बाद दोनों बाजूओं को नीचे लेकर आएं और हाथों को जमीन पर लगाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा रखें।
दोनों टांगों को पीछे की ओर लेकर जाएं। इस मुद्रा से टांगों में खिंचाव महसूस होने लगता है।
योग के दौरान दोनों एड़ियों को जमीन से लगाकर रखें और शरीर को वी आकार में लेकर आएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंकमर को उपर की ओर स्ट्रेच करें और अपना ध्यान नाभि की ओर केंद्रित करें।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
रोज़ाना 2 से 3 बार इस योग मुद्रा का अभ्यास करें ।
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