योगाभ्यास (Yoga practice) के आठ मुख्य अंग माने गए हैं – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। परंतु योग का जो मौजूदा प्रचलित स्वनरूप है इसमें योग, प्राणायाम और ध्यान पर ही अधिक जोर दिया जाता है।
कुछ लोगों को लग सकता है कि योग केवल कुछ खास तरह के व्यायाम का ही नाम है, जिससे शरीर लचीला बनता है। पर यह असल में तन, मन और प्राण तीनों का सामंजस्य है। जो न केवल आपको शारीरिक रूप से हृष्ट –पुष्ट रखता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
प्राणायाम का मुख्य उद्देश्य अपने श्वास को महसूस करना और नियंत्रित करना है। इसलिए अगर आप योगासन शुरू करने जा रहीं हैं, तो हम आपको बताते हैं कि आपको इसके लिए क्या तैयारियां करनी हैं।
कोरोना वायरस और सोशल डिस्टेंसिंग के समय में यह मुश्किल है कि आप किसी योग गुरू के पास जाकर उनसे योग सीख सकें। पर हमारे पास कुछ ऐसे योगा एक्सपर्ट और योग गुरू हैं जो आपको ऑनलाइन योग सिखा सकते हैं। इसलिए शुरूआत में हमेशा वही और उतना ही फॉलो करें जितना योग गुरू आपको बता रहे हैं। आप चाहें तो किसी योग गुरू की ऑनलाइन क्लास में भी शामिल हो सकती हैं।
योग करने के लिए सुबह का समय ही सर्वोत्तम बताया गया है। जब सूर्य उग रहा होता है, माहौल शांत होता है और वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ा नहीं होता। इस समय अल्ट्रावॉयलेट रेज भी नहीं होतीं। पर अगर आप सुबह के समय व्यस्त रहती हैं, तो योग क्लास का तनाव न लें। आप शाम के समय भी योगासन, ध्यान और प्राणायाम कर सकती हैं। बस जरूरत है अपने नियम को बनाए रखने की। योग के आठ अंगों में एक महत्वापूर्ण अंग नियम भी है।
यह जरूरी है कि आप इस दौरान ऐसे कपड़े पहनें जो आपके लिए कम्फर्टेबल हों। कपड़ों का चुनाव किसी भी काम की सफलता की संभावना को बढ़ा देता है। कपड़े न ज्यादा ढीले होने चाहिए और न ही ज्यादा तंग। एक खास बात और, ये जो बाल खोलकर या फैंसी आउटफिट में योगा होता है न, वह सिर्फ दिखाने के लिए होता है। अगर आप सीरियसली योगाभ्यास करना चाहती हैं तो अपने लिए सुविधाजनक कपड़ों का चयन करें और बालों को बांध कर योगाभ्यास शुरू करें।
योग आपके शरीर को लचीला बनाने वाले अभ्यास हैं। इनमें आपको अलग-अलग मुद्राओं में उठना, बैठना, मुड़ना, पलटना होगा। अगर इस दौरान आपका खाना पचा नहीं होगा तो योग की प्रक्रिया के दौरान आप असहज महसूस करेंगे।
इसलिए जरूरी है कि खाना खाने के बाद योगाभ्यास शुरू करने से पहले कम से कम आधा-एक घंटे का गैप दें। इससे पहले कुछ हल्का खाएं, जैसे नट्स, जूस, फल और दही आदि। प्रोटीन और कार्ब का मिश्रण आपको एनर्जी देगा। पानी पीने के लिए भी वही नियम लागू होगा। कम से कम आधा घंटे पहले तक पानी न पिएं।
हो सकता है कि आप कोई विशेष आसन करने की सोच रहीं हो और आप उसे कर ही न पाए। तो ऐसे में बिल्कुल भी निराश न हो। अभी आपकी बॉडी में काफी स्टिफनेस है। यह धीरे-धीरे कम होगी। इसलिए योगाभ्यास के दौरान किसी भी आसन में जल्दबाजी न करें। धीरे-धीरे इनकी शुरूआत करें।
जिन योग गुरू को आप फॉलो कर रहीं हैं, उन्हें भी इस पॉजीशन तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी है। इसलिए धैर्य रखें और अपने शरीर के अनुकूल शुरूआत करें। शुरू के कुछ दिन हो सकता है कि आपको कुछ दर्द भी हो। पर यह मांसपेशियों के खुलने का संकेत है। अभ्यास करते रहने से यह दर्द खत्म हो जाएगा और बॉडी रूटीन में आ जाएगी।
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बीएमआई चेक करेंहर एक की जरूरत और हर एक की बॉडी अलग-अलग होती है। इसलिए अपने लिए अपने अनुकूल आसन का खुद चुनाव करें। एक-दूसरे से होड़ की कतई जरूरत नहीं है। योगाभ्यास आपको तन और मन से मजबूत करने के लिए है। न कि अनावश्यक तनाव लेने के लिए। अपने लचीलेपन, सहनशक्ति और संतुलन को ध्यान में रखते हुए शुरुआत में वही आसन चुनें, जिसे करने में सहज हों। चिंता खत्म होना, दिमाग को शांत करना और शरीर को आराम देना जैसे फायदे योग के बाद ही दिखते हैं। इसमें अपने योग गुरू की मदद लें।
योग, ध्यान और प्राणायाम केवल सीखने की चीज नहीं है, बल्कि यह अभ्यास की वस्तु है। आप योग के बारे में कितना जानती हैं, यह जरूरी नहीं है। जरूरी यह है कि आप योगाभ्यास करने के लिए कितना समय निकाल पाती हैं। इसका बेहतर लाभ लेने के लिए जरूरी है कि आप नियमित योगाभ्यास करें।
नियमित योगाभ्यास से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहती हैं। इससे शरीर लचीला बनता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है। इससे तनाव दूर होता है, तंत्रिका तंत्र को विश्राम मिलता है तथा मन शांत होता है।