सूर्य नमस्‍कार के दौरान की जाने वाली ये गलतियां नहीं लेने देती आपको इसका पूरा लाभ

सूर्य नमस्कार सर्वश्रेष्ठ आसन है। लगातार अभ्यास के बावजूद अगर आपको इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो आपको अपनी इन गलतियों पर ध्यान देने की जरूरत है।
Surya-Namaskar
सूर्य नमस्कार सर्वश्रेष्ठ आसन है। चित्र : शटरस्टॉक

अगर आप योग के बारे में जानती हैं, योगाभ्यास करती हैं, तो आप जानती होंगी कि सूर्य नमस्कार इनमें सर्वश्रेष्ठ योगासन माना जाता है। यह आपकी सभी मांसपेशियों को शामिल करने वाला अकेला आसन है। वेट लॉस से लेकर मानसिक शांति के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ बताया जाता है। पर अगर लगातार सूर्य नमस्कार करने के बाद भी आपको इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो आपको अपने योगाभ्यास पर फिर से विचार करना चाहिए। असल में अभ्यास के दौरान कुछ आम गलतियां हैं, जो हमें इसका पूरा लाभ नहीं लेने देतीं। आइए आज इन्हीं पर बात करते हैं।

क्या है सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार योग का मूल है। यह शरीर की संपूर्ण शक्ति में सुधार कर, सहनशक्ति का निर्माण करता है और लचीलापन बढ़ाता है। 12 आसनों की इस श्रृंखला में आसन और प्राणायाम दोनों के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। यह आदर्श रूप से सुबह जल्दी उठकर, उगते सूरज के सामने करना चाहिए। सूर्य नमस्कार में शरीर के प्रत्येक मूवमेंट को सांस के साथ सिंक्रनाइज़ किया जाता है।

वैसे सूर्य नमस्कार को कभी भी किया जा सकता है, जब आपका पेट खाली हो। मगर गलत तरह से किया गया सूर्य नमस्कार आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए, अगर आप भी अपने योगा रूटीन में सूर्य नमस्कार का अभ्यास करती हैं, तो एक बार इन सामान्य गलतियों पर गौर करें –

सूर्य नमस्कार के दौरान की जाने वाली आम गलतियां –

1. मूवमेंट्स को करते समय सांस न लेना

प्रत्येक स्टेप को मूवमेंट्स के साथ सिंक्रनाइज़ करें, जैसे पीठ को झुकाते और मूवमेंट बदलते हुए सांस लेना और छोड़ना ध्यान रखें। इसके, अलावा सूर्य नमस्कार कभी भी तेज गति से नहीं किया जाता है, इससे पूरे अभ्यास का सार खो सकता है।

2. लिफ्ट करने के दौरान रीढ़ की हड्डी को न उठाना

अर्ध उत्तानासन करते समय बहुत से लोग अपनी रीढ़ की हड्डी को पूरा ऊपर नहीं उठाते हैं। यह मूवमेंट इतना छोटा होता है कि लोग काफी बार इसे करना ही भूल जाते हैं। मगर ऐसा न करने से आपका पोस्चर बिगड़ सकता है और गर्दन में भी तकलीफ हो सकती है।

3. लोअर स्पाइन का ध्यान रखें

अक्सर लोग अर्ध चतुरंग करते वक्त निचली रीढ़ पर दबाव डालते हैं। इससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। इससे बेहतर है कि बस आप हथेलियों और पैर की उंगलियों को जमीन पर रखें, ऊपरी शरीर और एब्डोमिनल का प्रयोग करते हुए।

भुजंग आसन और उर्ध्वामुख श्वानासन दोनों अलग - अलग हैं. चित्र : शटरस्टॉक
भुजंग आसन और उर्ध्वामुख श्वानासन दोनों अलग – अलग हैं. चित्र : शटरस्टॉक

4. भुजंग आसन और उर्ध्वामुख श्वानासन के बीच अंतर न समझना

लोग न तो भुजंगासन करते हैं और न ही उर्ध्वमुख श्वानासन करते हैं, और इसके बजाय कुछ बीच-बीच में मुद्रा करते हैं। सबसे पहले भुजंगासन में महारत हासिल करें, ताकि आप ऊपर की ओर मुंह करके उर्ध्वामुख श्वानासन के लिए ताकत हासिल कर सकें।

5. लो लंज में पैर आगे लाने में दिक्कत

अधो मुख श्वानासन से अंजनेयासन में आना, और हाथों के बीच पैर आगे बढ़ाना लोगों के लिए एक संघर्ष हो सकता है। गलत मुद्रा करने से घुटनों पर बहुत अधिक दबाव पड़ेगा और हिप फ्लेक्सर्स नहीं फैलेंगे। एक सेकंड के लिए घुटनों को नीचे करने की कोशिश करें और फिर धीरे से पैर को आगे लाएं।

तो डियर गर्ल्स, अब आप जान गई होंगी कि सूर्य नमस्कार करने के बावजूद आप उसका लाभ पूरी तरह से क्यों नहीं ले पा रहीं। असल में हर आसन उपयोगी है, बस आप उसे करने का ठीक तरीका जान जाएं। हैप्पी योगा।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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