नियमित रूप से वर्कआउट करने के फायदों को लेकर लोग दिन-प्रतिदिन जागरूक हो रहे हैं। 21वीं सदी में गतिशील जीवन शैली स्वास्थ्य की सबसे बड़ी दुश्मन बनती जा रही है। हालांकि, धीरे-धीरे ही सही लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो रहे हैं। इसके साथ ही इस बात को समझना भी उतना ही जरूरी है कि किस तरह एक हेल्दी लिविंग को अपनाया जाए। वहीं एक्सरसाइज भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि एक्सरसाइज करने का सही तरीका आपको जरूर मालूम होना चाहिए अन्यथा आपकी छोटी गलती (Workout mistakes) परेशानी का कारण बन सकती है।
जब बात फूड्स की आती है, तो हमें अक्सर बताया जाता है कि संयम के साथ ही किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का सेवन उचित होता है। यही बात वर्कआउट के साथ भी अप्लाई होती है। शारीरिक क्षमता को नजरअंदाज करते हुए एक्सरसाइज करने से शरीर पर कई तरह के नकारात्मक साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
फिटनेस ट्रेनर मितेन काकैया ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए कुछ ऐसी ही सामान्य गलतियों के बारे में बताया है। तो जानते हैं क्या हैं वे वर्कआउट मिस्टेक्स जो हम नियमित रूप से दोहराया करते हैं।
वार्म अप करने के बाद मसल्स में ब्लड अच्छी तरह पहुंच पाता है। वार्म अप मस्क्यूलर टेंपरेचर को संतुलित रखता है। ताकि किसी भी प्रकार की चोट ज्यादा प्रभावित न कर सके। इसके साथ ही यदि एक्सरसाइज शुरू करने से पहले प्रॉपर वार्म अप किया जाए तो यह शरीर के मोशन को भी बढ़ाता है।
बिना वार्म अप किये एक्सरसाइज करने से हार्ट और लंग्स पर अधिक प्रेशर पड़ता है और यह स्वास्थ्य जोखिमों की संभावना को भी बढ़ा देता है।
एक्सरसाइज करने के बाद कूल डाउन पोस्ट वर्कआउट को स्किप करने से बॉडी टेंपरेचर, ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट कम हो जाता है। इस वजह से बेहोशी, चक्कर आने जैसी समस्यायों की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में कूल डाउन एक्सरसाइज करना जरूरी है। यह आपके मसल्स को रिलैक्स और स्ट्रेच करने में मदद करता है।
यदि आप क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज कर रही है तो इसका प्रभाव नकारात्मक रूप से आपके शरीर पर देखने को मिलेगा। ओवरट्रेनिंग हार्ट रेट को बढ़ाकर भूख को कम कर देती है। वहीं अचानक से वजन कम होने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज करने की वजह से रात को बार-बार प्यास लगती है। यह नींद की कमी का कारण बन सकता है।
गलत मुद्रा में एक्सरसाइज करना आपके शरीर को काफी ज्यादा प्रभावित कर सकता है। वहीं गलत फॉर्म में एक्सरसाइज करने से जोड़ो पर अनिश्चित भार पड़ता है। जो जॉइंट पेन का कारण बन सकता है। आपने भी कभी न कभी एक्सरसाइज करने वाले लोगों को घुटने के दर्द से पीड़ित देखा होगा।
एक्सरसाइज के सेट्स के बीच एक सीमित अवधि का ब्रेक लेना जरूरी है। परंतु यदि आप ऐसा नहीं करती है तो यह आपके फिजिकल परफॉर्मेंस को कम कर देता है। इसके साथ ही एक्सरसाइज से होने वाले लाभों को भी सीमित कर देता है। इस बात की जानकारी रखें कि एक दिन में कितनी देर और कितना एक्सरसाइज करना उचित रहेगा।
जरूरत से ज्यादा कार्डियो एक्सरसाइज करने से आपकि शरीर कैटाबोलिक अवस्था में चली जाती है। वहीं यह मेहनत से बनाई गई आपकी मांसपेशियों को बर्न कर सकता है। इसके साथ ही लंबे समय तक कार्डियो एक्सरसाइज करने से ताकत और मसल्स कम होने लगते है और यह मेटाबॉलिज्म को स्लोडाउन कर देता है। यदि आपकी मेटाबॉलिज्म ज्यादा धीमी हो जाए तो फैट बर्न करना काफी मुश्किल होता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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