वज़न को कम करने के लिए लोग कई तरह की काशिशें करते हैं। कोई जिम जा रहा है, कोई एरोबिक्स (aerobics) कर रहा है, तो कोई खाने में कटौती कर रहा है। सब लोग अलग-अलग तरीके से वज़न कम करने में जुटे हैं। कैलोरीज़ इनटेक (Calories intake) से लेकर एक्सरसाइज करने तक हर व्यक्ति की अपनी अलग राय और सुझाव हैं। जिसका परिणाम कई बार खतरनाक भी हो सकता है। ऐसे में पोषण विशेषज्ञों की सलाह आपको सही रास्ते पर लाने में कारगर साबित हो सकती है। अगर आप भी वज़न कम करने के दौरान इन गलतियों को कर रहे है (mistakes to avoid during weight loss), तो कुछ खास बातों का ख्याल अवश्य रखें।
इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बता रही हैं कि वज़न कम करने के चलते लोग खाना बंद कर देते हैं। ऐसे में खाली पेट (Empty stomach) रहना सबसे बड़ी गलती है। जब हम एक मील स्किप कर देते हैं, तो उसके बाद अगली मील में बिना सोचे समझे खाने लगते हैं। इससे ओवरइटिंग(Overeating) होती है और न चाहते हुए भी एक्सेसिव कैलोरी इनटेक हो जाता है। इसके अलावा बेकरी प्रोडक्टस (Bakery products) यानि कुकीज़, केक, मफिंस और आइसक्रीम को खरीदने और खाने से बचें। इसकी जगह डाइट में फ्रूटस और वेजिटेबल्स को एड करें।
डब्ल्यू एच ओ (WHO) की रिपोर्ट की मानें, तो विश्वभर के आंकड़े ये कहते हैं कि 1.9 अरब आबादी ऐसी है, जिसका वेट नॉर्मल वेट से ज्यादा आंका गया है।
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक जो लोग फैट, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को सही प्रपोर्शन में अपनी डाइट में शामिल करते है। उनका वज़न भी कम हो सकता है। रिसर्च के अनुसार डॉक्टर अक्सर वजन नियंत्रण के लिए लो फैट या लो कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट सजैस्ट करते हैं। रिसर्च में ये पाया गया है कि एक ही प्रकार की डाइट हर व्यक्ति के लिए सही साबित नहीं हो सकती है। स्टडीज की मानें, तो दो बायोलॉजिक्ल फैक्टर्स यानि मेटाबॉलिक प्रीडिसपोज़िशन और जेनेटिक प्रीडिसपोज़िशन डाइट की सक्सेस का कारण बनते हैं।
मोटापे को कम करने के लिए डेली एक्सरसाइज़ (Exercise) ज़रूरी है। अगर आप जिम नहीं जाना चाहते हैं, तो नियमित तौर पर वॉक पर जाना आरंभ करें। कुछ मिनटों की वॉक शुरूआत में बॉडी के अंदर स्टेमिना बिल्ड (stemina build) करने का काम करती है। वॉकिंग के साथ आप जॉगिंग, रनिंग, साइकिलिंग और स्विमिंग को भी अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। चलने से न केवल तनाव से मुक्ति मिलती है बल्कि आसानी से आप वेटलॉस जर्नी में आगे बढ़ सकते हैं। वॉक करने से सेल्स को ऑक्सीजन मिलती है। इससे सेल्स की रिपेयरिंग (cells repairing) बेहतर होती है और मेटाबोलिज्म (metabolism) फ़ास्ट हो जाता है। इससे वेट लॉस में मदद मिलती है।
इस बात का ख्याल ज़रूर रखें कि आप कब और क्या खा रही हैं। इस बात का ख्याल रखें कि अपनी डाइट में माइक्रो न्यूट्रीएंटस यानि सूक्ष्म पोषक तत्वों को ज़रूर एड करें। आपकी मील में जिंक, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और विटामिन्स होने ज़रूरी हैं। पोषाहार विशेषज्ञ की सलाह से आप अपनी डाइट को प्लान करें और समय के अुनसार खाना खाएं। इससे शरीर में कैलोरी इनटेक उचित तरीके से होने लगेगा। जो मोटापे को कम करने में आपकी मदद करेगा। इसके अलावा खाने का चबाचबाकर खाएं।
ओमेगा 3 फैटी एसिड समेत अन्य गुड फैट्स को अपनी मील का हिस्सा बनाएं। इसके लिए डाइट में फिश, नट्स और पंपकिन, अल्सी, समेत अन्य प्रकार के सीड्स को डेली डाइट में लें। साथ ही खाना बनाने के लिए सीमित मात्रा में अलग अलग आयल का इस्तेमाल करें।
खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए वॉटर इनटेक को बढ़ाने की ज़रूरत है। इसके लिए रोज़ाना नियमबद्ध तरीके से 9 गिलास पानी पीने की आदत डालें। ध्यान रखें कि खाने के दौरान पानी पीने से बचें। साथ ही खाने से 30 मिनट पहले पानी पी लें। एक स्टडी में सामने आया है कि ऐसा प्रयोग करने से तीन महीनों में 44 फीसदी वज़न कम किया जा सकता है। दरअसल पहले पानी पीने से हमें भूख कम लगेगी क्यूंकि पेट पहले से ही भरा होगा। वेटलॉस जर्नी के दौरान नींबूं पानी और ग्रीन टी लें। वहीं जूस, सोडा, और अन्य पेश् पदार्थों से खुद को दूर रखें। खाना खाने के बाद पानी पीने से डाईजेस्टिव जूस डिल्यूट हो जाते हैं।
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