दिन भर कुर्सी पर बैठकर काम करने से पीठ में स्टिफनेस और कॉफ मसल्स में ऐंठन महसूस होने लगती है। इसके चलते शारीरिक अंगों में दर्द और बॉडी में कैलोरीज़ जमा होने लगती है। जो डायबिटीज, हृदय रोग और ब्लड प्रेशर समेत कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन जाता है। अपने शरीर को हेल्दी रखने और खुद को दर्द व मोटापे समेत कई समस्याओं से बचाने के लिए एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन में शामिल करना ज़रूरी है। एक्सरसाइज़ के यूं तो कई रूप हैं। अगर आप दिनभर में 15 से 20 मिनट एक्सरसाइज़ के लिए निकाल पाते हैं, तो इससे आपके शरीर को ये फायदे मिल सकते हैं (benefits of exercise)।
अगर आप रोज़ाना कुछ देर स्वीमिंग, रनिंग या हाई इंटेसिटी वर्कआउट (high intensity workout) के लिए निकालते हैं, तो इससे आप एक्टिव रहते हैं। इसके अलावा आपको मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है। जो पाचन संबधी समस्याओं को दूर रखता है। इससे शरीर में अतिरिक्त फैट्स जमा नहीं हो पाते हैं और आप मोटापे (Obesity) की समस्या से बच जाते हैं।
लगातार घंटों बैठकर काम करने से शरीर में स्टिफनेस बढ़ने लगती है। ऐसे में बहुत से लोग नीचे झुककर कुछ उठाना, जमीन पर बैठना और लंबे वक्त तक खड़े रहने में खुद असमर्थ महसूस करने लगते हैं। शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन और दर्द से मुक्ति पाने के लिए बॉडी का फलैक्सिबल (flexible) होना ज़रूरी है। इसके लिए कुछ देर योग व रनिंग के लिए ज़रूर निकालें।
व्यायाम की मदद से हमारे मसल्स और हड्डियों दोनों को ही मज़बूती मिलने लगती है। एनसीबीआई के मुताबिक एक्सरसाइज़ के दौरान प्रोटीन इनटेक से मांसपेशियों के निर्माण में मदद मिलती है। दरअसल एक्सरसाइज के ज़रिए हमारे शरीर में वे हार्मोंस रिलीज़ होते हैं, जिससे मसल्स में अमीनो एसिड को एब्जार्ब करने की क्षमता बढ़ जाती है। इससे चोट के दौरान हड्डियों के टूटने का खतरा कम हो जाता है। एम्र के साथ लोगों की हड्डियों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज़ अवश्य करें।
एनसीबीआई के रिसर्च के अनुसार एक्सरसाइज़ लोगों के शरीर के लिए रियल एनर्जी बूस्टर के तौर पर काम करता है। एक स्टडी के मुताबिक 6 सप्ताह तक 36 लोगों ने लगातार एक्सरसाइज़ की, जिससे उनमें हर वक्त रहने वाली थकान की समस्या खत्म हो गई। अगर आप एरोबिक एक्सरसाइज़ को अपने वर्कआउट रूटीन में एड करते हैं, तो इससे हार्ट बेहतर तरीके से पम्प करता है। इससे वो नियमित तौर पर ब्रेन और मसल्स में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। इससे वर्क प्रोडक्टिविटी बढ़ने लगती है।
रेगुलर व्यायाम से शरीर में टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा कम होने लगता है। दरअसल, एक्सरसाइज करने से शरीर में फैट मास, ब्लड प्रेशर, इंसुलिन रसिसटेंस और ग्लाइसेमिक नियंत्रण में मदद मिलती है। इसके अलावा शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जो हृदय संबधी रोगों के जोखिम को कम कर देता है। साथ ही उम्र के साथ बहुत से लोगों में बढ़ने वाली हाइपरटेंशन की समस्या से भी बचा जा सकता है।
हर उम्र के लोगों में तनाव की समस्या लगातार बढ़ रही है। इससे राहत पाने के लिए वर्कआउट एक आसान और सटीक उपाय है। कुछ देर साइकलिंग, स्वीमिंग, एरोबिक्स या कोई अन्य एक्सरसाइज़ करने से ब्रेन से एंडोर्फिन यानि हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं। जो मेंटल हेल्थ को बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।
उम्र के साथ अधिकतर लोगों में नींद न आने की समस्या बढ़ने लगती है। फिजिकल एक्टीविटी की कमी इसका एक प्रमुख कारण है। ऐसे में खुद को फिज़िकली एक्टिव रखने के लिए एक्सरसाइज़ अवश्य करें। जो शारीरिक थकान में सहायक साबित होता है। इससे आपके सोने और उठने का नियम अपने आप बनने लगेगा, जिससे आप 8 से 10 घण्टे की भरपूर नींद ले पाएंगे।
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