जब बात आती है बेली फैट घटाने की तो इस मामले में हम सभी पिलेट्स के फैन है। फ्लैट टमी से लेकर मजबूत कोर मसल्स तक, पिलेट्स आपके इन गोल्स के लिए बेस्ट है।
पिलेट्स कोर मसल्स के लिए सबसे परफेक्ट एक्सरसाइज है। जब हम कोर मसल्स की बात करते हैं, तो सिर्फ पेट ही नहीं पीठ और साइड यानी ऑबलीक्स की भी बात करते हैं।
क्या आप जानती हैं कि पिलेट्स दो तरह की होती हैं- एक जिसे मैट पर किया जाता है और दूसरी जो इक्विपमेंट के साथ की जाती है। पहला लेवल होता है मैट का जिसमें आपको ट्रेन किया जाता है। अगर आप मैट पिलेट्स में सफल हो जाते हैं, तभी आप इक्विपमेंट के साथ वाले अगले लेवल पर बढ़ते हैं।
आपने अक्सर सोशल मीडिया पर सेलेब्रिटीज को पिलेट्स के मूव पोस्ट करते देखा होगा। अगर उन्हें देखकर आप यह सोचती हैं कि आप उस लेवल तक नहीं पहुंच सकती तो आप गलत हैं। आप भी उस स्तर का पिलेट्स कर सकती हैं, बस आपके बेसिक्स ठीक होने चाहिए।
अगर आप पिलेट्स करना चाहती हैं, तो पहले इन 5 टिप्स पर गौर करें।
किसी भी फिटनेस रूटीन की तरह पिलेट्स के लिए भी 15 से 20 मिनट वार्म अप करना चाहिए। पिलेट्स में कई मूव ऐसी होती हैं, जो आपके लिए जटिल हो सकती हैं, इसलिए पहले ही मांसपेशियों को स्ट्रेच करना जरूरी है।
आप हाथों को स्ट्रेच करें, लेटरल लंजेस, फॉरवर्ड बेंड करें, कुछ स्कवॉट्स और जम्पिंग जैक करें, कलाइयों को रोटेट करें इत्यादि। पैरों के लिए बैक किक्स, नी हाइस इत्यादि करें। इससे आपकी मांसपेशियां खुलेंगी जिससे पिलेट्स के दौरान कोई एक्स्ट्रा तनाव नहीं पड़ेगा।
हालांकि पिलेट्स का मुख्य प्रभाव कोर की मसल्स पर ही पड़ता है लेकिन इसके साथ साथ पूरे शरीर की मांसपेशियां भी प्रभावित होती हैं। पिलेट्स में एब्डोमेन की मसल्स के साथ-साथ हिप्स, इनर और आउटर थाइस भी हिस्सा लेती हैं। यही कारण है कि पिलेट्स पूरे शरीर के लिए परफेक्ट वर्कआउट है।
इसलिए हम एक प्रॉपर स्ट्रेचिंग का सुझाव देते हैं। इससे आपको होने वाले दर्द में काफी कमी आएगी।
पिलेट्स के दौरान सही कपड़े पहनना जरूरी है। आपका ऐक्टिव वियर फिटिंग का होना चाहिये ताकि एक्सरसाइज के वक्त कोई समस्या ना आए। आप कैप्री, लेग्गिंग, टैंक टॉप या कोई फिटिंग की टी शर्ट पहन सकती हैं।
और मोजे पहनना न भूलें, यह भी जरूरी हैं। पिलेट्स आप नंगे पांव नहीं कर सकती, खासकर अगर वह इक्विपमेंट डे हो। ऐसे मोजे चुनें जो फिसलते ना हों। बाजार में ऐसे मोजे मिलते हैं जिनमे रबर की डिजाइन होती है जिससे आप स्लिप नहीं होती। जूतों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंजिस तरह आपको वाट्सएप की भाषा मालूम है, उसी तरह पिलेट्स की भी भाषा है जिसे आपको समझना चाहिए। कुछ शब्द जैसे BEAM जिसका अर्थ है ब्रीथ, एनेरजाइज, अलाइन और मूव, C-कर्व यानी रीढ़ की हड्डी से C का आकार बनाएं और स्पाइन को पील करने का अर्थ है एक-एक करके वेर्टेब्रा को मूव करें। इस तरह की लिंगो आने से आपको सेशन के दौरान समस्या नहीं होगी।
पिलेट्स के इक्विपमेंट कुछ जटिल होते हैं, इसलिए इसका इस्तेमाल समझना जरूरी है। अपने ट्रेनर से कहें कि आपको सभी इक्विपमेंट की जानकारी दे। साथ ही डेमो भी लें। अगर आप चाहें तो गूगल की भी मदद ले सकती हैं। इससे आपको अपनी पहली क्लास में बहुत मदद मिलेगी।
बस इतना ही करना है, यह सब जानने के बाद आप अपने पहले पिलेट्स सेशन के लिए बिल्कुल तैयार हैं।