धन, सुविधाएं, यश सब बढ़ रहा है। पर कम हो रही है जीवन प्रत्याशा यानी लाइफ एक्सपेक्टेंसी। हृदय स्वास्थ्य में लापरवाही इसका एक सबसे बड़ा कारण है। आम व्यक्ति हो या बॉलीवुड के बड़े-बड़े जीम फ्रिक सेलिब्रिटी दिल की सेहत बिगड़ने से लोग एक बड़ी संख्या में अपनी जान गवा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण दिल की सेहत के प्रति बरती गई लापरवाही है। एक तो पहले से ही लाइफस्टाइल, खानपान की आदत, रहन-सहन और वातावरण सभी नकारात्मक रूप से दिल को प्रभावित कर रहे हैं, ऊपर से यदि इन्हें उचित देखभाल न दी जाए तो इनकी सेहत का बिगड़ना बिल्कुल सामान्य है। खासकर कोविड-19 के बाद दिल से जुड़ी तमाम समस्याओं का खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है।
यदि आप आज तक अपने दिल की सेहत को नजरअंदाज करती आई हैं, तो अब सावधान हो जाएं। नियमित दिनचर्या की कुछ गलतियां और जीवनशैली की गलत आदतों को नजरअंदाज करना आपके दिल की सेहत पर भारी पड़ सकता है, जिसकी वजह से हार्ट फेलियर, स्ट्रोक, अटैक आदि का खतरा बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं, दिल की सेहत को बनाये रखने के लिए किन चीजों पर ध्यान देना है जरूरी (Akshaya Tritiya Mantra for Healthy life)।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार दुनिया भर में बढ़ते मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण कार्डियोवैस्कुलर डिजीज है। हर वर्ष दिल से जुड़ी बीमारी के कारण लगभग 17.9 मिलियन लोग अपनी जान गवा देते हैं।
2016 में भारत में हुई कुल मौतों में से 27% मौतें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की वजह से हुई थी। इसके अलावा 40 से 59 ऐज ग्रुप के लोगों में से 45% लोगों की मौत की जिम्मेदार भी दिल की बीमारी थी। वहीं कोरोनावायरस के बाद से दिल से जुड़ी बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गयी।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार इनसोम्निया यानी कि नींद की कमी हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज को बढ़ावा देती हैं। इसके साथ ही दिल से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा देने वाली अन्य समस्याएं जैसे कि हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, ओबेसिटी, डायबिटीज, इत्यादि को भी बढ़ावा देते हैं।
रात को न सोने से हम अपने अंदर खराब आदतें विकसित कर लेते हैं जिसकी वजह से भी दिल की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है।
जब आप नींद में सो रही होती हैं, तो आपका ब्लड प्रेशर बिल्कुल सामान्य हो जाता है। ऐसी स्थिति में नींद की कमी के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, जो हार्ट अटैक हार्ट और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जब आप भावनात्मक यानी कि इमोशनल स्ट्रेस में होती हैं, या किसी तरह के भावनात्मक दबाव से घिरी रहती हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल हॉर्मोन्स का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है। लंबे समय तक यदि कॉर्टिसोल हार्मोन बड़ा रहता है, तो कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगते हैं। इसके साथ ही स्ट्रेस आर्टरीज में प्लाक जमा होने के फैक्टर्स को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार इमोशनल स्ट्रेस दिल की सेहत को प्रभावित करता है।
स्वस्थ हृदय स्वास्थ्य के लिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण पाना बहुत जरूरी है। कई लोग छोटी-छोटी बातों को दिल पर ले लेते हैं और उसी बात को लेकर कई दिनों तक भावनात्मक रूप से तनाव से घिरे रहते हैं, जिसकी वजह से खुद के शरीर को काफी हानि पहुंचता है। ऐसे में खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से जितना हो सके उतना मजबूत बनाएं और हर किसी की बातों से खुद को चोट न पहुंचने दें।
फाइनेंशियल स्ट्रेस भी दिल की बिगड़ती सेहत के लिए जिम्मेदार हो सकती है। फाइनेंशियल स्ट्रेस असल में पैसे की वजह से नहीं होता, आप चाहे कितना भी पैसा कमा लें आपके पास किसी न किसी चीज की कमी जरूर रह जाएगी। ठीक इमोशनल स्ट्रेस की तरह फाइनेंशियल स्ट्रेस में भी बॉडी में कॉर्टिसोल हॉर्मोन्स बढ़ने लगता है। इसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर लेवल, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है जो दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देती हैं।
फाइनेंशियल स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए सबसे पहले आपको खुद को संतुष्ट रखना होगा। इसके बाद बजट प्लानिंग और फाइनेंशियल मैनेजमेंट सबसे जरूरी है। जब आप अपने फाइनेंस को प्लानिंग के साथ लेकर चलेंगी तो आपको फाइनेंशियल स्ट्रेस का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय स्वास्थ्य को बिगाड़ने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जीवनशैली से संबंधित ये गलत आदतें हृदय पर दबाव बढ़ा देती हैं साथ ही चिंता और अवसाद को ट्रिगर करती हैं। इससे आपकी इम्युनिटी पर असर पड़ता है और एलडीएल के स्तर में वृद्धि होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार यह सभी फैक्टर दिल से जुड़ी बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए धूम्रपान और शराब के सेवन से पूरी तरह से परहेज रखें।
दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों एवं स्वस्थ दिल की तमन्ना रखने वाले लोगों को दी जाने वाली सबसे बुनियादी सलाह व्यायाम और योग है। शारीरिक स्थिरता शरीर में चर्बी पैदा करती है जो लीवर में फैट के जमाव को बढ़ा देती है। साथ ही शरीर में एलडीएल (LDL) का स्तर तेजी से बढ़ता है जिससे आर्टरीज के ब्लॉक होने का खतरा बना रहता है। इस प्रकार शारीरिक स्थिरता दिल से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा देती है।
नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज में भाग लें। यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देता है, जिससे कि दिल को ब्लड सप्लाई करने के लिए अधिक जोर नहीं लगाना पड़ता।
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