कोविड-19 ने हम सभी को आज फिर वही सबक सिखाया, जिसे हमारे पूर्वज बरसों से बताते आ रहे हैं, – स्वास्थ्य ही धन है। और इस स्वास्थ्य का ख्याल रखना हम सब की जिम्मेदारी है। हम जब छोटे थे, तब हमारे पेरेंट्स हमारा ख्याल रखते थे। अब जब उनकी उम्र बढ़ने लगी है और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, तब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके रूटीन में कुछ हेल्दी आदमें शामिल करें।
ऐसी ही एक हेल्दी आदत है, नियमित योगाभ्यास। फादर्स डे (Fathers Day) के अवसर पर योग (Yoga) से बेहतर उपहार भला और क्या होगा। हम आपको बता रहे हैं ऐसे आसान योगाभ्यास (International Yoga Day), जो आपके पापा की उम्र में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करेंगे।
आपको पीकू फिल्म याद है! जी हां, इस उम्र की सबसे बड़ी समस्या होती है खराब पाचन। जिसके कारण आपके पापा को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मगर चिंता न करें, क्योंकि योग में हर चीज का समाधान है।
मत्स्यासन करने से न केवल पाचन संबधी समस्याओं से राहत मिलती है, बल्कि यह कमर का लचीलापन भी बढ़ाता है। मत्स्यासन (Matsyasana) से पेट की संचित मल आदि गंदगी मलाशय में आ जाती है। कब्ज़ दूर होता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और पाचन शक्ति बढ़ती है।
नोट- जिन व्यक्तियों से पद्मासन नहीं हो पा रहा है, वो पैरों को सीधा फैलाकर भी रख सकते हैं।
आपके एजिंग पेरेंट्स के लिए यह एक बेहतरीन मुद्रा है। यह मानसिक स्वस्थ्य के लिए एक बेहतर आसन है।
यह आसन पैर और पेट की ताकत के लिए बहुत बढ़िया है। साथ ही इसके नियमित अभ्यास से संतुलन और एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है।
नोट- सीनियर्स बेबी ट्री या सपोर्ट के लिए कुर्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस आसन को करने से सिर का तनाव दूर होता है। इसके अलावा, इस मुद्रा से आप सांस पर ध्यान देते हैं, जिससे चिंता दूर हो जाती है। ये शांति प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है।
नोट- आप इसे रिलैक्स होकर करें।
यह बेहद सरल आसन है जो डायबिटीज़ के मरीज़ों को ज़रूर आज़माना चाहिए। इससे मन शांत और पाचन तंत्र ठीक रहता है। साथ ही स्पाइन की हड्डियों और शरीर के निचले हिस्से का मसाज हो जाता है। जिस कारण शरीर पर इसका काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
नोट– यह प्रारंभिक आसन है। जिसे सहजता से किया जा सकता है। लेकिन अगर आपके पापा के घुटनों में दर्द है तो उन्हें ये आसन न करवाएं।
इससे न सिर्फ मोटापा घटता है बल्कि पाचन क्रिया भी दुरुस्त हो जाती है। यह आसन शरीर की सेंट्रल नर्व पर काम करता है| जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि नौका यानी नाव के आकार पर यह आसन आधारित है। इस आसन में बैलेंसिंग सबसे अहम होता है।
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