scorecardresearch

Fitness 2023 : थायराइड को कंट्रोल करना है तो फिटनेस रिजीम में शामिल करें ये 5 योगासन 

बालों का झड़ना, कब्ज, रूखी त्वचा और बढ़ता चिड़चिड़ापन थायराइड के लक्षण हो सकते हैं। अगर आप भी इन दिनों थायराइड से जूझ रहीं हैं, तो दवाओं के साथ इन 5 योगासनों को भी अपनी रुटीन में शामिल करें। 
Updated On: 20 Oct 2023, 10:00 am IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
Yoga se thyroid kaise hoga kum
योग के दौरान गर्दन पर प्रेशर बढ़ने लगता है, जिससे हार्मोन का रिलीज़ बढ़ने लगता है। इससे शरीर में स्थिरता बढ़ने लगती है। चित्र : एडोबीस्टॉक  

मेडिकल मैनेजमेंट पूरी तरह लक्षणों पर आधारित होती है। इसलिए किसी भी रोग का पूरी तरह से इलाज नहीं हो पाता है। जबकि योग विकारों के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाता है। इसमें लक्षण के साथ-साथ रोग के कारणों की भी खोज की जाती है। ताकि इसका जड़ से इलाज किया जा सके। विभिन्न योगासन या योग मुद्राएं शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह शरीर के न्यूरोएंडोक्राइन सिस्टम को संतुलित और उत्तेजित करता है। योगासन थायराइड और पिट्यूटरी ग्लैंड को उत्तेजित करके शरीर में हार्मोनल संतुलन को बहाल करने में मदद करते हैं। कुछ योगासन ऐसे हैं, जो थायराइड की समस्या (yogasana for thyroid problem) से निजात दिलाने में भी आपकी मदद कर सकते हैं। इसलिए इन्हें अपने फिटनेस रुटीन में जरूर शामिल करें। इसके लिए हमने बात की योग थेरेपिस्ट और डीवाइन सोल योग के डायरेक्टर डॉ. अमित खन्ना से।

क्या है थायराइड और उससे होने वाली समस्याएं 

थायराइड ग्लैंड हॉर्मोन बनाता है, जो शरीर को सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करता है। जब थायराइड बहुत अधिक हार्मोन बनाता है, तो आपका शरीर बहुत जल्दी ऊर्जा का उपयोग करने लगता है। इसे हाइपर थायरॉयडिज्म कहा जाता है। जब हॉर्मोन कम बनता है, तो इसे हाइपो थायरॉयडिज्म कहते हैं। थायराइड के कारण थकान, कब्ज, ड्राई स्किन, आवाज में बदलाव, बाल झड़ने आदि समस्या हो जाती है।

थायराइड की समस्या के प्रबंधन में ये 5 योगासन हो सकते हैं मददगार

ताड़ासन (Tadasana)

डॉ. अमित बताते हैं,  ‘ यह खड़े होने का मूल आसन है। यह आसन स्थिरता और दृढ़ता प्राप्त करना सिखाता है।

कैसे करें आसन

पैरों को 2 इंच की दूरी पर रखकर खड़े हो जाएं।

उंगलियों को इंटरलॉक करें। कलाई को बाहर की ओर मोड़ें। सांस लें,  बाजुओं को ऊपर उठाएं और

उन्हें कंधों के बराबर लाएं।

Pollपोल
नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

एड़ियों को फर्श से ऊपर उठाएं और पंजों पर संतुलन बनाएं।

10 -15 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।

सांस छोड़ते हुए एड़ियों को नीचे लाएं।

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

उंगलियों के इंटरलॉक को रिलीज करें और बाहों को ट्रंक के समानांतर नीचे लाएं और

वापस खड़े होने की मुद्रा में आ जाएं।’

सावधानी: एक्यूट कार्डियक प्रॉब्लम, वैरिकॉज वेन्स और चक्कर आता हो तो इस आसन को न करें।

उर्ध्व-हस्तोतानासन (Urdhava Hastotanasana)

जब भुजाएं ऊपर की ओर फैली हों, इसे उर्ध्व हस्तोत्तानासन के नाम से जाना जाता है।

कैसे करें आसन

पैरों को एक साथ या 2 इंच अलग करके जमीन पर खड़े हो जाएं।

बाहों को उठाएं और उंगलियों को गूंथ लें।

धीरे-धीरे ऊपर और सीधे देखते हुए शरीर को बाईं ओर झुकाएं।

सांस छोड़ें और कमर को नीचे झुकाएं।

morning yoga
सांस छोड़ें और कमर को नीचे झुकाएं। चित्र: शटरस्टॉक।

15-20 सेकंड तक सामान्य श्वास के साथ आसन बनाए रखें।

केंद्र में वापस आएं और दूसरी तरफ भी यही अभ्यास दोहराएं।

सावधानी: कंधे में तेज दर्द होने पर इस आसन से बचें।

अर्ध-चक्रासन (Ardha chakrasana)

डॉ. अमित बताते हैं, ‘ इस योग मुद्रा को करने से शरीर आधे पहिये का आकार ले लेता है। इसलिए इसे आधा कहा जाता है, पहिया आसन या अर्ध-चक्रसान।

कैसे करें अर्ध-चक्रासन

सभी अंगुलियों को एक साथ आगे की ओर बढ़ाते हुए कमर पर पीठ को सहारा दें।

सिर को पीछे की ओर झुकाएं और गर्दन की मांसपेशियों को खींचे।

सांस लेते हुए  कमर से पीछे की ओर झुकें, सांस छोड़ें और आराम करें।

सामान्य श्वास के साथ आसन को 10-30 सेकेंड तक रोके रखें।

श्वास लें और धीरे-धीरे ऊपर आएं।

सावधानी: कृपया चक्कर आने या चक्कर आने की प्रवृत्ति के मामले में इस आसन से बचें। उच्च रक्तचाप के रोगियों को सावधानी से झुकना चाहिए।’

4 नटराजासन (Natarajasana)

इसे किंग ऑफ डांस पोज के नाम से भी जाना जाता है।

कैसे करें आसन

पैरों को एक साथ मिलाकर खड़े हो जाएं।

आंखों के स्तर पर एक निश्चित बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।

दाहिने घुटने को मोड़ें और टखने को शरीर के पीछे दाहिने हाथ से पकड़ें।

दोनों घुटनों को एक साथ रखें और संतुलन बनाए रखें।

धीरे-धीरे दायें पैर को पीछे की ओर जितना संभव हो उतना ऊपर उठायें।

सुनिश्चित करें कि दाहिना कूल्हा मुड़े नहीं और पैर सीधे शरीर के पीछे उठा हुआ हो।

तर्जनी की नोक को आगे लाते हुए बाएं हाथ से ऊपर आगे की ओर आयें।

ज्ञान मुद्रा बनाने के लिए बाएं हाथ का अंगूठा एक साथ रखें।

नजर को बाएं हाथ पर केंद्रित करें।

यह अंतिम स्थिति है। जब तक संभव हो स्थिति को बनाए रखें।

बाएं हाथ को बगल में नीचे की ओर रखें। घुटनों को एक साथ लाते हुए दाहिना पैर नीचे करें।

दाहिना टखना आगे की ओर बढायें और पैर को फर्श पर नीचे की ओर करें।

दाहिने हाथ को बगल में नीचे की ओर करें।

आराम करें, फिर बाएं पैर से दोहराएं।

सावधानी: लो ब्लड प्रेशर, घुटने और कूल्हे की चोट के मामले में अभ्यास से बचें।

5 वीरभद्रासन (Virabhadrasana) 

यह आसन पौराणिक कहानियों पर आधारित है।

कैसे करें आसन

सीधे खड़े हो जाएं। पैरों को लगभग तीन से चार फीट की दूरी पर फैला लें।

दाएं पैर को लगभग 90 डिग्री बाहर की ओर करें। बाएं पैर को अंदर की ओर घुमाएं।

सुनिश्चित करें कि दाहिने पैर की एड़ी पूरी तरह से एक सीध में है।

दोनों भुजाओं को इस प्रकार उठाएं कि वे कंधे की ऊंचाई पर हों। हथेलियों को ऊपर की ओर करें।

आपकी बाहें जमीन के समानांतर होनी चाहिए।

Yoga-to-increase-height
दोनों भुजाओं को इस प्रकार उठाएं कि वे कंधे की ऊंचाई पर हों। चित्र शटरस्टॉक

दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। सिर तथा धड़ को दाहिनी ओर मोड़ें।

गहरी सांस लें। जैसे ही आप सांस छोड़ें,  दाहिने घुटने को मोड़ें।

एक सीधी रेखा बनाने के लिए दाहिने घुटने और दाहिने टखने को एक सीध में रखा जाना चाहिए।

जैसे ही आप मुद्रा में सहज हो जाती हैं, आपको अपने आप को और आगे बढाने की आवश्यकता है।

बाहों और पेल्विक को नीचे की ओर धकेलें।

योद्धा के रूप में चेहरे पर मुस्कान के साथ मुद्रा में रहें।

सांस अंदर लें और मुद्रा से बाहर आ जाएं। सांस छोड़ते हुए अपनी बाहों को नीचे करें।

बाएं पैर पर मुद्रा दोहराएं।

सावधानी : घुटने के जोड़, गर्दन और पीठ दर्द, गठिया से बचें।

यह भी पढ़ें :- स्वेटर-जैकेट से नहीं बन रही बात, तो ये 3 योगासन रखेंगे सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

अगला लेख