बेहतर पॉश्चर और मूवमेंट के लिए जरूरी है ग्लूट्स का मजबूत होना, एक्सपर्ट बता रहीं हैं इसके लिए 3 योगासन

ग्लूट्स को मजबूत करने के लिए केवल वेट ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि आपको कई तरह के व्यायाम और योगाभ्यास भी करने चाहिए।
glutes ke liye yogasan
कालियासना को देवी स्क्वाट पोज भी कहा जाता है। जो कूल्हों, पेट, छाती, कमर और पैर की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 18 May 2023, 08:00 am IST
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आपकी बूटी को तकनीकी रूप से ग्लूट्स के रूप में जाना जाता है। यह शरीर का सबसे बड़ा मांसपेशी समूह है। गतिहीन जीवन शैली और गतिविधि की कमी अक्सर कमजोर ग्लूट्स का कारण बन सकती है। ग्लूट्स को शेप देना और उसे मजबूत करने से आप कई समस्याओं से बच सकती हैं। व्यायाम हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा होना चाहिए। हालांकि कई लोग नियमित रूप से वर्कआउट करते हैं। पर वे अपने वर्कआउट सेशन में ग्लूट्स पर ध्यान नहीं दे पाते। ग्लूट्स को मजबूत बनाने और टोन करने के लिए हम लाए हैं कुछ योगासन।

ग्लूट्स शरीर की सबसे महत्वपूर्ण मांसपेशियों में से एक हैं और बेहतर समन्वय के लिए नियमित व्यायाम की आवश्यकता होती है। ग्लूट्स पेल्विक एलाइनमेंट को बढ़ाने और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सहारा देने में मदद करते हैं।

योगा ट्रेनर अंशुका परवानी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की। जिसमें उन्होंने ग्लूट्स को मजबूत करने के लिए कुछ व्यायाम बताए हैं। इस पोस्ट में वे लिखती हैं, “शरीर की स्थिति को सीधा बनाए रखने के लिए और चलने, दौड़ने आदि के दौरान इसे आगे बढ़ाने के लिए मजबूत ग्लूट्स का होना बहुत महत्वपूर्ण हैं।

गलूट्स को मजबूत करने के लिए व्यायाम

1 उत्कट कोणासन (Kaliasana)

कालियासना को देवी स्क्वाट पोज भी कहा जाता है। जो कूल्हों, पेट, छाती, कमर और पैर की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। महिलाओं के लिए गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय को चौड़ा और मजबूत करने के लिए ये आसन फायदेमंद है।

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कैसे करें कालियासना

अपने दोनों हाथों को बगल में स्वतंत्र रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं।

आपके पैर 3 से 4 फीट तक खुल हुए होने चाहिए।

अपने पैरों को बाहर की ओर मोड़ें। पैर ऐसे हो कि पंजें शरीर से विपरित हों और एड़ियां शरीर की तरफ हों।

अब अपने घुटनों को मोड़ें और नीचें की तरफ जाएं। जांघ जमीन के समानांतर होनी चाहिए।

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दोनों हथेलियों को आपस में जोड़ें और नमस्कार की मुद्रा बनाएं।

छाती को आगे की तरफ धकेलने की केशिश करते हुए अपने कंधे को थोड़ा पीछे की ओर खींचें। अपना सिर ऊंचा रखें और आगे देखें।

इस स्थिति में सामान्य और गहरी सांस लें। सांस छोड़ने के दौरान पेट पर थोड़ा बल दें और पीठ के निचले हिस्से को नीचे दबाएं और जांघों को पीछे की ओर खींचते हुए कूल्हों और टेल बोन पर दबाव महसूस करें। जब तक आप सहज हों तब तक इस स्थिति को बनाए रखें।

मुद्रा को छोड़ने के लिए सबसे पहले एड़ियों को घुमाएं और पंजों को आगे की ओर कर लें। साथ ही साथ खुद को ऊपर उठाएं और घुटनों को सीधा कर लें। अपने हाथों को नीचे लाते हुए पैरों को फिर से एक साथ लाएं।

2 व्याघ्रासन (Vyaghrasana)

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व्याघ्रासन रीढ़ की हड्डी और कूल्हे की गतिशीलता को बनाए रखता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

व्याघ्रासन रीढ़ की हड्डी और कूल्हे की गतिशीलता को बनाए रखता है। यह पेट, पीठ, बट, कूल्हे और टांगों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

 

कैसे करें व्याघ्रासन

सबसे पहले टेबल के पोज में आएं। अपनी हथेलियों को जमीन पर रखकर और घुटनों को जमीन पर रखें।

सांस छोड़ते हुए दाहिने पैर को ऊपर की ओर छत की ओर ले जाएं, रीढ़ की हड्डी को मोड़ें और छत की ओर देखें।

3-5 सांसों के लिए रुकें। घुटने को ज़मीन पर टिका दें और दूसरी तरफ इसी मुद्रा को दोहराएं।

अपने अभ्यास को आगे बढ़ाने से पहले, टेबल पोज में कुछ देर आराम करें।

3 उर्ध्व मुख श्वानासन (Urdhva Mukha Svanasana)

kaise krna hai Urdhva-Mukha-Svanasan jane
उर्ध्व मुख श्वानासन छाती और पेट को स्ट्रेच करते हुए बाजुओं, कंधों और पीठ के लिए अच्छा है।

यह छाती और पेट को स्ट्रेच करते हुए बाजुओं, कंधों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

कैसे करें उर्ध्व मुख श्वानासन

सबसे पहले फर्श पर लेट जाएं और अपने पैरों को पीछे की तरफ फैला लें।

अपने हाथों की हथेलियों को फर्श पर सामानांतर रखें और कोहनी से मोड़ें। कोहनी छत की तरफ होनी चाहिए।

इसके बाद अपने सिर, छाती और जांघों को फर्श से ऊपर उठाते हुए सांस लें और शरीर के वजन को हाथों और पैरों के शीर्ष पर डालें।

अपने धड़ को उठाते हुए अपने हाथों को सीधा रखें। छाती को ऊपर उठाते हुए अपनी जांघों और ग्लूट्स को व्यस्त रखें और ऊपर की ओर देखें।

5-10 सांसों के लिए मुद्रा में रहें। वापस जाने के लिए सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपने धड़ और जांघों को वापस फर्श पर नीचे करें।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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