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पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना है, तो वर्कआउट में शामिल करें ये 3 सबसे आसान योगासन

अगर आपकी स्किन ग्‍लोइंग है और आप फि‍ट नजर आती हैं, तो इसका श्रेय जाता है आपके पाचन तंत्र को। ये कुछ योगासन पाचन तंत्र को बूस्‍ट करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
Updated On: 2 Mar 2022, 06:25 pm IST
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pachan tantra ke liye faydemand hain
पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

शरीर की सारी तंदुरुस्ती आपके पाचन तंत्र पर निर्भर करती है। पाचन तंत्र की मदद से भोजन, विटामिन्स और मिनरल्स में बदलकर, आपके शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और मांसपेशियां ठीक रहती हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में योग आपकी बहुत मदद कर सकता है। हम बता रहे हैं उन योग मुद्राओं या योगासन के बारे में जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्‍त कर सकते हैं।

यहां हैं वे 3 योगासन जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में कर सकते हैं आपकी मदद

1 वज्रासन

यह सबसे आसान आसनों में से एक है और इसके फायदे अनेक हैं…यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, साथ ही फिगर को मेंटेन रखने में भी मददगार साबित होता है। वज्रासन करने से जठराग्नि बढ़ती है। जठराग्नि को आप उस ऊर्जा के रूप में समझ सकते हैं। यह भोजन पचाने और हमारे शरीर को शक्ति देने का काम करती है।

वज्रासन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
वज्रासन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आमतौर पर माना जाता है कि योगासन खाना खाने के 4 घंटे बाद ही करने चाहिए। लेकिन वज्रासन एक ऐसा योग है, जिसे आप खाना खाने के तुरंत बाद करेंगे तो आपको पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलेगा। खासतौर पर जिन लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद पेट में भारीपन महसूस होता है, खट्टी डकारें आती हैं या सुबह पेट ठीक से साफ नहीं होता है। उन लोगों को यह आसन जरूर करना चाहिए।

वज्रासन करने का तरीका

वज्रासन करने के लिए आप फ्लोर पर कोई भी दरी, चटाई या रुई का पतला गद्दा बिछा लीजिए। वज्रासन करने के लिए आप अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ मोड़ते हुए घुटनों के बल बैठ जाएं। कमर, पीठ और कंधे सीधे रखें। गर्दन को सीधा रखते हुए मुंह सामने की तरफ रखें। अब दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर, ध्यान मुद्रा में गोद में रखें। आंखें बंद कर मन को शांत करें और गहरी सांसे लें। आप चाहें तो टीवी देखते हुए या न्यूज सुनते हुए भी वज्रासन कर सकती हैं।

1 धनुरासन

यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। धनुरासन योग पूरी तरह से पीठ को मोड़ने वाला योग है। इसकी वजह से शरीर की सभी मांसपेशियों में खिंचाव बनता है, यानी वो स्ट्रेच होती हैं। यही वजह है कि धनुरासन रीढ़ के साथ-साथ पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।

धनुरासन स्‍वस्‍थ शरीर के लिए अनिवार्य मुद्रा है।
धनुरासन स्‍वस्‍थ शरीर के लिए अनिवार्य मुद्रा है।

धनुरासन करने का तरीका

सबसे पहले योगा मैट बिछा कर पेट के बल लेट जाएं। लेटने के बाद घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को पकड़ लें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने सिर, छाती व जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। इस मुद्रा के दौरान शरीर का आकार धनुष के समान होता है। ध्यान रखें कि इस दौरान शरीर के साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करें।

अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें। जब प्रारंभिक अवस्था में वापस आना हो, तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए वापस उसी मुद्रा में आ जाएं। इस आसन को दो से तीन बार किया जा सकता है।

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3 कपालभाति

यह असल में प्राणायाम का हिस्‍सा है। कपालभाति प्राणायाम रोज़ करने से गैस, कब्ज और अपच की समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही ये श्वसनतंत्र को भी मज़बूत करता है। कपालभाति करने से पेट की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

कपालभाति करने का तरीका

पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। हाथों को घुटनों पर रख लें, अब आंखों को मूंद कर अपनी श्वास अंदर लें। अब नासिका द्वारा ही एक हल्के झटके से श्वास बाहर निकालें। पुन: श्वास अंदर लेकर झटके से बाहर निकालें। यह कपालभाति क्रिया है। इसमें आवृत्तियों चक्रों की संख्या बढ़ाए और दोहराएं।

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डियर गर्ल्‍स अगर आपका पेट ठीक रहेगा तो उसका असर आपकी फि‍टनेस और ग्‍लो पर भी नजर आएगा। बस इस तीन योगासनों को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल करें और फर्क देखें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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