शरीर की सारी तंदुरुस्ती आपके पाचन तंत्र पर निर्भर करती है। पाचन तंत्र की मदद से भोजन, विटामिन्स और मिनरल्स में बदलकर, आपके शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और मांसपेशियां ठीक रहती हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में योग आपकी बहुत मदद कर सकता है। हम बता रहे हैं उन योग मुद्राओं या योगासन के बारे में जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त कर सकते हैं।
यह सबसे आसान आसनों में से एक है और इसके फायदे अनेक हैं…यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, साथ ही फिगर को मेंटेन रखने में भी मददगार साबित होता है। वज्रासन करने से जठराग्नि बढ़ती है। जठराग्नि को आप उस ऊर्जा के रूप में समझ सकते हैं। यह भोजन पचाने और हमारे शरीर को शक्ति देने का काम करती है।
आमतौर पर माना जाता है कि योगासन खाना खाने के 4 घंटे बाद ही करने चाहिए। लेकिन वज्रासन एक ऐसा योग है, जिसे आप खाना खाने के तुरंत बाद करेंगे तो आपको पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलेगा। खासतौर पर जिन लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद पेट में भारीपन महसूस होता है, खट्टी डकारें आती हैं या सुबह पेट ठीक से साफ नहीं होता है। उन लोगों को यह आसन जरूर करना चाहिए।
वज्रासन करने के लिए आप फ्लोर पर कोई भी दरी, चटाई या रुई का पतला गद्दा बिछा लीजिए। वज्रासन करने के लिए आप अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ मोड़ते हुए घुटनों के बल बैठ जाएं। कमर, पीठ और कंधे सीधे रखें। गर्दन को सीधा रखते हुए मुंह सामने की तरफ रखें। अब दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर, ध्यान मुद्रा में गोद में रखें। आंखें बंद कर मन को शांत करें और गहरी सांसे लें। आप चाहें तो टीवी देखते हुए या न्यूज सुनते हुए भी वज्रासन कर सकती हैं।
यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। धनुरासन योग पूरी तरह से पीठ को मोड़ने वाला योग है। इसकी वजह से शरीर की सभी मांसपेशियों में खिंचाव बनता है, यानी वो स्ट्रेच होती हैं। यही वजह है कि धनुरासन रीढ़ के साथ-साथ पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
सबसे पहले योगा मैट बिछा कर पेट के बल लेट जाएं। लेटने के बाद घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को पकड़ लें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने सिर, छाती व जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। इस मुद्रा के दौरान शरीर का आकार धनुष के समान होता है। ध्यान रखें कि इस दौरान शरीर के साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करें।
अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें। जब प्रारंभिक अवस्था में वापस आना हो, तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए वापस उसी मुद्रा में आ जाएं। इस आसन को दो से तीन बार किया जा सकता है।
यह असल में प्राणायाम का हिस्सा है। कपालभाति प्राणायाम रोज़ करने से गैस, कब्ज और अपच की समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही ये श्वसनतंत्र को भी मज़बूत करता है। कपालभाति करने से पेट की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। हाथों को घुटनों पर रख लें, अब आंखों को मूंद कर अपनी श्वास अंदर लें। अब नासिका द्वारा ही एक हल्के झटके से श्वास बाहर निकालें। पुन: श्वास अंदर लेकर झटके से बाहर निकालें। यह कपालभाति क्रिया है। इसमें आवृत्तियों चक्रों की संख्या बढ़ाए और दोहराएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंडियर गर्ल्स अगर आपका पेट ठीक रहेगा तो उसका असर आपकी फिटनेस और ग्लो पर भी नजर आएगा। बस इस तीन योगासनों को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल करें और फर्क देखें।
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