दाल-सब्जी के तड़के के लिए सबसे पहले इस्तेमाल किया जाने वाला जीरा देखने में भी भले ही छोटा सा लगे। पर इसके ये छोटे-छोटे दाने आपके स्वास्थ्य के लिए किसी हीरे से कम नहीं। असल में हम भोजन तैयार करने के लिए रोज जिन मसालों का प्रयोग करते हैं, वे सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि उनका असल मकसद हमें स्वास्थ्य लाभ देना है। ऐसा ही खास मसाला है जीरा। दाल, सब्जी, रायते आदि में अपनी अनोखी खुशबू और फ्लेवर एड करने वाला जीरा असल में वेट लॉस में भी आपकी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदे और इस्तेमाल का तरीका।
जीरा को बीज और पाउडर दोनों रूपों में खाया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे औषधीय मसालों की श्रेणी में रखा गया है। जीरे के पोषण मूल्यों पर हुए विभिन्न शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि जीरा आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इसके और भी सेहत लाभ जानने के लिए हमने बात की आयुर्वेदाचार्य आयुष अग्निहोत्रि से। वे इसे वेट लॉस ही नहीं, बल्कि कैंसर से लड़ने में भी कामयाब बताते हैं।
यह एंटी कॉन्जेस्टिव एजेंट है, यानी ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है। यह बढ़िया एक्सपेक्टोरेंट है, यानी यह लंग्स, ब्रॉन्काई में कफ को जमने नहीं देता। यह सब इसके एसेंशियल ऑयल रिच गुण के कारण होता है। इसमें रायबोफ्लेविन, विटामिन बी 6 और नियासिन भी है, जिसके कारण यह ब्रेन के कॉगनिटिव फंक्शन, यानी मस्तिष्क के किसी चीज के संज्ञान लेने के गुण को दुरुस्त करता है।
अमेरिका के कैंसर रिसर्च लेबोरेट्री, साउथ कैरोलिना में हुए शोध के अनुसार जीरा कैंसर से लड़ने में मदद करता है। इसमें क्यूमिन एल्डिहाइड नामक तत्व पाया जाता है, जो कैंसर ट्यूमर की ग्रोथ को धीमा करता है। जीरा में डिटॉक्सिफाइंग और एंटी कार्सिनोजेनिक एंजाइम के प्रोडक्शन को बढ़ाने के भी गुण हैं। इससे कोलन कैंसर की रोकथाम में मदद मिलती है। इसके अलावा, जीरा में विटामिन ई होता है जो स्किन टोन और टेक्सचर को इंप्रूव करता है।
आयुर्वेद ने जीरा पर कई शोध किए। इसके निष्कर्ष के आधार पर कहा गया कि वेट लॉस का प्रयास कर रहे लोगों के आहार में कुछ ग्राम जीरा शामिल करने से उनके लिए वेट मैनेजमेंट करना आसान हो जाता है। एक चम्मच जीरा बॉडी फैट को घटा देता है। इसलिए वेट लॉस ट्रीटमेंट में इसका प्रयोग किया जाता है।
आयुष अग्निहोत्रि के अनुसार, जीरा को धनिया के साथ मिलाकर प्रयोग करने पर इसका फायदा डबल हो जाता है। जीरा में थायमॉल पाया जाता है, जो सेलिवा और बाइल के प्रोडक्शन का बढ़ाता है। इससे डायजेस्टिव सिस्टम ठीक होता है। जीरा और धनिया को मिलाकर प्रयोग करने से पेट ठंडा रहता है। जिन लोगों का पेट अदरक या काली मिर्च जैसे तीखे मसाले का प्रयोग बर्दाश्त नहीं कर पाता, उनके लिए जीरा और धनिया मिश्रण सही होता है। यह उनके पेट को आराम पहुंचाता है।
इसके लिए धनिया और जीरा को बराबर मात्रा में पीस लें। इस पाउडर की एक चम्मच मात्रा रात को पानी में भिगो दें। सुबह इसे छानकर खाली पेट पी लें। इससे सेहत को दोगुना फायदा मिल सकता है।
इस सुपर इफैक्टिव मसाले का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। यहां है जीरा के प्रयोग के 5 तरीके
पकाने से पहले सभी तड़के में बेस मसाले के रूप में जीरा डालें। बीज के रूप में डालने पर यह अधिक फायदा करता है। जीरा पाउडर भी लाभदायक होता है।
जीरा को तवे पर भुनकर पाउडर बना लें। इस चूर्ण को छाछ में मिलाकर रोजाना पिएं। यह बेहतर हाइड्रेशन और पाचन सुनिश्चित करेगा।
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बीएमआई चेक करेंसत्तू ड्रिंक और दहीबड़े में भुने जीरे का पाउडर डालने से न सिर्फ स्वाद बढ़ेगा, बल्कि गैस की समस्या भी नहीं रहेगी।
एक टी स्पून जीरा को एक गिलास पानी में रात भर भिगो दें। इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं। आयुर्वेद में पाचन को ठीक करने के लिए जीरा पानी का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है।
पुदीना और तुलसी की पत्तियों के साथ जीरा को उबाल लें। इसे अपनी बोतल में भर लें और दिन भर थोड़ा-थोड़ा पियें। वेट लॉस करने में और प्रसव बाद शरीर को तंदुरुस्त करने में यह बेहद उपयोगी है।
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