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सर्वाइकल के दर्द से राहत दिला सकते हैं ये 3 योगासन, इन स्टेप्स के साथ हर रोज़ करें अभ्यास

गर्दन से कंधों और फिर पीठ में ऐंठन पैदा करने वाला ये दर्द सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस है। गलत लाइफस्टाइल के चलते हर उम्र के लोगां को अपनी चपेट में लेने वाले इस दर्द से राहत पाने के लिए रोज़ाना करें ये तीन योगासन।
Published On: 11 May 2023, 08:00 am IST
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Energy badhaane ke liye inn yogasano ko karein
योगा शरीर के लिए रियल एनर्जी बूस्टर के तौर पर काम करता है। चित्र शटरस्टॉक

घंटों तक बिना किसी ब्रेक के कुर्सी पर बैठकर लैपटॉप पर उंगलियां दौड़ाना हमारे शारीरिक अंगों में स्टिफनेस का कारण बन जाता है। इसके चलते आंखों से लेकर गर्दन और कमर तक शरीर का हर अंग प्रभावित होने लगता है। लंबे वक्त तक बैठने से गर्दन में दर्द उठने लगता है, जो पीठ और कमर में दर्द का कारण बन जाता है। उम्र दराज लोगों से लेकर युवाओं तक हर कोई सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Cervical Spondylosis) के दर्द से परेशान है। इससे गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द बना रहता है। आइए जानते हैं इस दर्द से राहत पाने के लिए कुछ आसान योगासन (Yoga poses for Cervical Spondylosis) ।

इन तीन योगासनों को नियमित तौर पर करने से पाएं सर्वाइकल के दर्द से राहत, जानते है इन्हें करने का तरीका

locust pose iss arah se karein
जानिए पीठ की अकड़न से राहत के लिए कैसे करना है शलभासन। चित्र शटरस्टॉक।

1. अर्ध शलभासन (Half locust pose)

सर्वाइकल के चलते गर्दन में रहने वाले दर्द से राहत पाने के लिए अर्धशलभासन एक बेहतरीन उपाय है। इससे गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो दर्द को दूर करती है। इसके अलावा बैठे बैठे वज़न बढ़ने की समस्या से भी राहत मिल जाती है।

इस आसन को करने की विधि

इस योग का करने के लिए पेट के बल ज़मीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथों को सीधा कर लें और पीठ व पांव भी एकदम सीधा रखें।

अब गर्दन को उपर की ओर उठाएं। गहरी सांस नें और फिर दाईं टांग को हवा में उठाएं।।

दोनों हाथों को ज़मीन पर टिकाएं रखें। कुछ सेकण्ड इस पोज़ में रहने के बाद चिन को ज़मीन पर लगाएं।

उसके बाद दाईं टांग को नीचे रखकर बाईं टांग को उठाएं। इस योग को करने के दौरान जितना संभव हो सके गर्दन को उपर ओर रखें।

रखें इन बातों का ख्याल

इस योग को करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। ऐसे में अर्निया के रोगी इसे न करें।

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इसके अलावा गर्भवती व पीरियड के दौरान भी इस योग को करने से बचें।

अगर आप स्लि डिस्ट की समस्या से जूझ रही हैं, तो ये योग आपको नहीं करना चाहिए।

2. मकरासन (Crocodile pose)

मकर यानि मगरमच्छ के आकार में लेटकर किए जाने वाले योगासन को मकरासन कहा जाता है। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी और गर्दन में होने वाला दर्द दूर हो जाता है। इस योग को करने के दौरान सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया में जल्दबाजी न करें। गहरी सांस लें और उसे धीरे धीरे छोड़ें। इससे फेफड़े भी मज़बूत होते हैं। इसे नियमित तौर पर करने से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण पीठ और गर्दन में में बढ़ने वाला स्ट्रेस कम होने लगता है।

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इस आसन को करने की विधि

इस योग को करने के लिए मैट पर ज़मीन के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों के मध्य गैप मेंटेन रखें।

वहीं दोनों हाथों को उपर की ओर खीचें। धीरे धीरे पैरों को उपर की ओर उठाएं। उसके बाद दोनों हाथों पर चिन को टिकाकर सामने की ओर देखें।

योग के दौरान कंधों को भी उपर की ओर उठाने का प्रयास करें।

रखें इन बातों का ख्याल

गर्दन, पीठ या टांग पर अगर किसी प्रकार की कोई चोट आई है, तो इस योग को करने से बचें। इससे शरीर में खिंचाव महसूस होता है।

अगर आप पेट संबधी किसी रोग से परेशान है, तो इस योग को न करें। इससे पेट की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं, जो आपकी मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

हाई ब्लड प्रेशर के दौरान भी ये आसन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

3. शशांक भुजंगासन

इस योग को करने से पूरी बॉडी में खिंचाव महसूस होने लगता है, जिससे मसल्स को मज़बूती मिलती है। इस योग को निरंतर करने से रीढ़ की हड्डी का दर्द दूर होकर शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। इसकी मदद से कंधों और गर्दन में महसूस होने वाला दर्द दूर होकर मसल्स को
स्ट्रेंथ मिलती है।

इसे करने की विधि

सबसे पहले मैट पर एड़ियों के भार बैठ जाएं। उसके बाद दोनों हाथों को थाइज़ पर टिका लें और आंखें बंद कर लें।

इसके बाद सिर को मैट पर लगाएं और दोनों हाथों को सीधा करके आगे की ओर फैला लें। अब धीरे धीरे चेस्ट और पेट को भी ज़मीन पर लगाएं।

इसके बाद शरीर के आगे के हिस्से को उपर ओर उठा लें। नाभि तक शरीर उंचा उठाएं और गर्दन को उपर ओर रखें। इसके बाद दोबारा से वज्रासन में लौटकर आ जाएं।

इस प्रकार से योग मुद्रा को 5 से 6 बार दोहराएं। इससे मसल्स रिलैक्स रहने लगते हैं।

Bhujangasana hamari body mei cervical se rahat deta hai
इस योग को करने से पूरी बॉडी में खिंचाव महसूस होने लगता है, जिससे मसल्स को मज़बूती मिलती है।चित्र : शटरस्टॉक

रखें इन बातों का ख्याल

गर्भवती महिलाओं को इस प्रकार के येग करने से बचना चाहिए। इसके अलावा स्लिप डिस्क और ब्लड प्रेशर की समस्या के चलते भी ये योग शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

अगर आप किसी सर्जरी से गुज़रे हैं, तो कुछ दिन तक योग और किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज़ से परहेज करें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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