पर्सनलाइज्ड कंटेंट, डेली न्यूजलैटरससाइन अप

आचार्य प्रतिष्ठा बता रही हैं वेट लॉस के ऐसे 7 उपाय, जो सर्दियों में भी काम आ सकते हैं

सर्दी एक ऐसा मौसम है, जिसमें लोगों को वेटगेन की शिकायत रहती है। मगर उचित दिनचर्या को अपनाकर आसानी से वज़न को घटाया जा सकता है। इससे शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है। साथ ही शरीर में जमा कैलोरीज़ को बर्न करने में भी मदद मिलती है।
कुछ चीजों को दिनचर्या में शामिल करने से वेटलॉस की प्रक्रिया आसान होने लगती है। चित्र : हेल्थशॉट्स
Updated On: 16 Jan 2025, 02:38 pm IST
इनपुट फ्राॅम

अक्सर सर्दियों में वज़न बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। वेटगेन से बचने के लिए जहां कुछ लोग व्यायाम का रूख करते हैं, तो कुछ इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद लेते हैं। मगर इससे शरीर में बाउंस बैक का जोखिम बना रहता है। अगर आप वज़न को घटाने और शरीर पर जमा चर्बी को बर्न करने के लिए किसी नेचुरल तरीके की तलाश में हैं, तो कुछ आसान टिप्स इसमें आपकी मदद कर सकती है। योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा बता रही है सर्दियों में वेटगेन से बचने की 7 आसान टिप्स (weight loss in winters)।

इस बारे में आचार्य प्रतिष्ठा बताती हैं कि सर्दी एक ऐसा मौसम है, जिसमें लोगों को वेटगेन की शिकायत रहती है। मगर उचित दिनचर्या को अपनाकर आसानी से वज़न को घटाया जा सकता है। शरीर पर आत्म नियंत्रण रखकर और कुछ चीजों को अपने आहार में शामिल न करके इस समस्या को हल किया जा सकता है। दरअसल, कुछ चीजों को दिनचर्या में शामिल करने से वेटलॉस की प्रक्रिया आसान होने लगती है। सर्दी के जुड़ी गलत अवधारणा को दूर करने के लिए इन बातों का अवश्य ख्याल रखें।

कुछ चीजों को दिनचर्या में शामिल करने से वेटलॉस की प्रक्रिया आसान होने लगती है।

इन टिप्स को अपनाकर सर्दियों में वेटलॉस में मिलती है मदद (weight loss in winters)

1. ताजे़े फलों और सब्जियों का करें सेवन

ठंड के मौसम में पत्तेदार सब्जियों की आमद बढ़ने लगती है। फिर चाहे वो मेथी हो बथुआ हो या सरसों का साग। इसके अलावा गाजर, मूली और चुकंदर भी बाज़ारों में आसानी से उपलब्ध होती है। इनका सेवन करने से शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे बार बार होने वाली क्रेविंग से बचा जा सकता है और शरीर को पोषण की प्राप्ति हेती है। इसके अलावा विटामिन सी को आहार में शामिल करने के लिए आंवला, संतरा और किन्नू का भी सेवन करें।

2. हॉट ड्रिंक्स को करें दिनचर्या में शामिल

शरीर में गर्माहट के स्तर को बए़ाने के लिए अक्सर चाय और कॉफी का भरपूर मात्रा में सेवन किया जाता है, जो एसिडटी का कारण साबित होता है। ऐसे में कैफीन युक्त पेय पदार्थों को जिंजर वॉटर, तुलसी टी, लेमन टी और ग्रीन टी से रिप्लेस कर सकते है। इससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है, जिससे शरीर में बढ़ने वाले संक्रमण के प्रभाव से बचा जा सकता है। इससे शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है। साथ ही शरीर में जमा कैलोरीज़ को बर्न करने में भी मदद मिलती है।

कैफीन युक्त पेय पदार्थों को जिंजर वॉटर, तुलसी टी, लेमन टी और ग्रीन टी से रिप्लेस कर सकते है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

3. वॉकिंग, जॉगिंग और योग की लें मदद

तापमान में आने वाली गिरावट शरीर में आलस्य का कारण बनने लगती है, जिसका असर वर्कआउट रूटीन पर भी दिखने लगता है। ऐसे में नियमित रूप से कुछ देर वॉक के लिए जाएं और शरीर में ब्लड के सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए योगाभ्यास करें। साथ ही शरीर में जमा फैट्स को भी कम किया जा सकता है और जोड़ों में बढ़ने वाली ऐंठन से भी राहत मिल जाती है।

4. हाई प्रोटीन डाइट लें

शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए पकौड़े और सैंडविच को मूंग की दाल का चीला और राजमा समेत अन्य लेग्यूम्स से रिप्लेस कर सकते हैं। सर्दी में प्रोटीन डाइट को पचान में भी मदद मिलती हैं। इससे शरीर में कैल्शियम का उबजॉर्बशन भी बड़ने लगता है, जिससे हड्डियों और मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ने लगती है।

सर्दी में प्रोटीन डाइट को पचान में भी मदद मिलती हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

5. डिनर के लिए सूप का चयन करें

विटामिन, मिनरल और आयरन से भरपूर सूप से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है। ऐसे में डिनर को हेल्दी बनाए रखने के लिए मशरूम, टमाटर, मिक्स वेजिटेबल और ब्रोकली सूप ले सकते है। डिनर में कुछ हेल्दी और लाइट लेने के लिए सूप एक बेहतरीन विकल्प है, जिससे पाचनतंत्र को भी मज़बूती मिलती है और अपच व ब्लोटिंग का खतरा कम होने लगता है। कार्ब्स को नियंत्रित करके ये वेटलॉस में सहायक साबित होता है।

6. वॉटर इनटेक को बढ़ाएं

गर्मी के समान सर्दी में प्यास न लगना निर्जलीकरण का कारण बनने लगता है। इससे शरीर में कवशैले पदार्थो की मात्रा बढ़ने लगती है। दरअसल, सर्द हवाओं के चलते से पानी की प्यास नहीं लगती है और वॉटर इनटेक कम होने लगता है। ऐसे में शरीर में जमा फैट्स को बर्न करने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। पानी का उच्च् स्तर त्वचा को हेल्दी और नमीयुक्त बनाए रखता है।

7. सोने और उठने का समय तय करें

नींद पूरी न करने से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस बढ़ने लगता है। इसके चलते तनाव की मात्रा बढ़ती है, जिससे मोटापे का सामना करना पड़ता है। 8 घंटे की भरपूर नींद लें और सोने व उठने का एक समय तय कर लें। इससे शरीर में एनर्जी का लेवल दिनभर बना रहता है और हार्मोन बैलेंसिंग से वेटगेन से बचा जा सकता है।

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख