वजन कम नहीं होने पर हम सभी चिंतित हो जाते हैं। आयुर्वेद मानता है कि तरीका सही नहीं होने पर वजन घटाना मुश्किल हो जाता है। साथ ही लगातार कई घंटों तक भूखे रहने पर वजन घट तो जाता है, लेकिन कमजोरी बहुत अधिक हो जाती है। वजन घटाना हमेशा लगातार और प्रभावी रूप से हेल्दी होना चाहिए। इसके लिए कुछ बातों पर ध्यान देना (weight loss in Ayurveda) जरूरी है।
शरीर से बहुत अधिक पोषक तत्व नहीं खोना चाहिए। इसके लिए वजन घटाने की तकनीकों की एक सटीक प्रणाली का पालन करना जरूरी है। वजन घटाना हमेशा लगातार और प्रभावी रूप से स्वस्थ होना चाहिए। आयुर्वेदिक प्रणाली के कुछ सरल दिशानिर्देशों के पालन से हेल्दी वेट लॉस और लंबी आयु को भी बढ़ावा मिल सकता है। वजन घटाने के लिए आयुर्वेदिक युक्ति कभी भी रासायनिक या प्रोसेस्ड फ़ूड या फैड डाइट पर जोर नहीं देती है।
आयुर्वेद के अनुसार, वजन कम करने के लिए सबसे पहले हेल्दी और नियमित रूप से भोजन करना जरूरी है। दिन में तीन बार भोजन करें, जिसमें अनहेल्दी स्नैक्स की बजाय मौसमी फल और सब्जियां शामिल होनी चाहिए। भोजन को हमेशा शरीर के लिए तेजी से जलने वाला ईंधन माना जाता है। इसे ठीक से पचाने के लिए इसे समय पर खाना चाहिए। सुबह 8 से 9.30 बजे के बीच हमेशा हेवी ब्रेकफास्ट करें। दोपहर के आसपास बहुत सारी सब्जियों, अनाज और प्रोटीन के साथ मीडियम आकार का भोजन करें। शाम 7.30 बजे से पहले बहुत हल्का डिनर लें। रात में सर्वोत्तम पाचन प्रक्रिया के लिए सूप और सलाद लेना चाहिए।
एक बार जब आप अनहेल्दी स्नैकिंग को पूरी तरह से नहीं खाना सीख जाती हैं, तो स्वस्थ तरीके से वजन कम करने पर ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाता है।आपको वास्तव में स्नैक्स खाने का मन है, तो तले हुए चिप्स या नमकीन की बजाय फल या ड्राई फ्रूट्स खाना सबसे अच्छा है। पाचन पर ध्यान देना जरूरी है। भोजन के बीच कम से कम चार घंटे का टाइम गैप रखना सबसे अच्छा है।
वजन कम करने का सबसे अच्छा आयुर्वेदिक तरीका मौसम के अनुसार और व्यक्ति जिस क्षेत्र से है उसके अनुसार खाना खाये। गर्म और उमस भरी गर्मियों में हाई कार्बोहाइड्रेट आहार खाने की ज़रूरत होती है, जिसमें ताजे फल और सब्जियां शामिल होती हैं। ये हमें ताज़ा और ऊर्जावान बनाए रखती हैं। सर्दियां हमें ठंड से बचाने के लिए जड़ वाली सब्जियों, सीड्स, ड्राई फ्रूट्स, मीट और पनीर के लिए एकदम सही हैं। बारिश और मानसून के दौरान हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित अनाज हमें डिटॉक्सीफाई करने में मदद करते हैं। मौसम और क्षेत्र के अनुसार भोजन करने से तेजी से पाचन होता है और शरीर द्वारा पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है।
भोजन आम तौर पर हमें सुस्त या नींद लेने वाला बना देता है। हेल्दी वेट लॉस के लिए पाचन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रत्येक भोजन के बाद थोड़ी सैर करना महत्वपूर्ण है।
कफ दोष की अधिकता हमें सुस्त, अधिक वजन वाला और मेटाबोलिज्म को काफी हद तक धीमा कर देती है। इससे वॉटर रिटेंशन भी होता है, जो कई बीमारियों की जड़ है। कफ को शांत करने बाले आहार खाने से शरीर से कई विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। चयापचय को बढ़ावा मिलता है। प्रोसेस्ड, ठंडे या बासी खाद्य पदार्थों की तुलना में ताजा तैयार और मौसम के अनुसार उपयुक्त खाद्य पदार्थों का चयन करें।
नींबू पानी एक प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सीफाइंग घटक है। इसका नियमित रूप से सेवन करने पर शरीर को अत्यधिक लाभ होता है। रोजाना सुबह गर्म पानी के साथ एक बड़ा गिलास नींबू का रस पीने से न केवल पाचन तंत्र को बढ़ावा मिलता है, बल्कि वजन घटाने में भी मदद मिलती है। नींबू में शुद्ध करने वाले गुण होते हैं, जो गर्म पानी के साथ मिलकर मेटाबॉलिज्म को बढ़ातेहैं । ये वसा को आसानी से तोड़ने में मदद करते हैं। यह दिन भर आपको ऊर्जावान और हल्का महसूस करने में मदद करता है।
यह जानना भी बहुत जरूरी है कि वजन कम करने के आयुर्वेदिक तरीके का मतलब यह नहीं है कि आपको अपना पसंदीदा खाना छोड़ना होगा। संतुलन बनाए रखने के लिए मुख्य बात यह है कि हर चीज़ को संयमित मात्रा में खाया जाए। इस प्रक्रिया में समय लगता है और धैर्यवान और लगातार बने रहना जरूरी है।
यह भी पढ़ें :-इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कमजोरी महसूस करती हैं, तो इन 4 तरीकों से रखें खुद को एनर्जेटिक
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें