फिटनेस आपका जुुुुुनून है और इसके लिए आप किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। स्वच्छ, घर का पकाया भोजन और 30-45 मिनट (सप्ताह में तीन से पांच दिन) की लगातार वर्कआउट रूटीन। इसके बावजूद हो सकता है कि आप तय किए गए परिणाम तक नहीं पहुंच पा रहीं हों।
अगर सचमुच आपकी हालत ऐसी हो, तो आपको सिर्फ डाइट और वर्कआउट पर ही फोकस नहीं करना है। बल्कि उन कारणों को गहराई से समझने की जरूरत है, जो आपको कड़ी मेहनत के बावजूद वांछित परिणाम तक नहीं पहुंचने दे रहे।
न्यूट्रीएक्टिवनिया, दिल्ली की संस्थापक और पोषण विशेषज्ञ अविन कौल इस बारे में हमें और विस्तार से बताएंगी , कि आखिर क्यों लगातार मेहनत करने के बाद भी आप अपना वजन कम नहीं कर पाती हैं।
“इस समस्या के कारणों में से एक यह हो सकता है कि आप हेल्दी डाइट ले रहीं हैं पर वह बहुत ज्यादा मात्रा में है। इसलिए, बेहतर रिजल्ट पाने के लिए आपको इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है। दूसरा , वे एक से दूसरे भोजन के बीच लंबा अंतराल रखती हैं। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे कुछ विटामिन या खनिज की कमी की शिकार हैं। जैसे विटामिन डी, जो आपके वजन घटाने की कोशिश में बाधा बन रहा है।”
वह कहती हैं, “मांसपेशी और बोन्स का कमजोर स्वास्थ्य विटामिन डी की कमी का संकेत हैं।”
“विटामिन डी की कमी एक महत्वपूर्ण वजह है। कौल कहती हैं, अध्ययनों से पता चला है कि जब आपके शरीर में विटामिन डी का लेवल ठीक होता है तो आपके लिए वजन घटाना आसान होता है।”
वास्तव में, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंडिक्रोनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह सामने आया है कि : पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेने वाली महिलाओं को विटामिन-डी की कमी वाली महिलाओं की तुलना में अधिक वजन घटाने का अनुभव हुआ।
न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित एक अन्य शोध में पाया गया कि विटामिन डी के सेवन में वृद्धि से अध्ययन के प्रतिभागियों के शरीर में वसा प्रतिशत में कमी आई।
कौल बताती हैं, “ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन डी शरीर में वसा के भंडारण और उत्पादन को प्रभावित करता है।”
वे आगे कहती हैं, “यह आपके शरीर में अन्य हार्मोन (जैसे टेस्टोस्टेरोन) और न्यूरोट्रांसमीटर (सेरोटोनिन) को भी प्रभावित करता है।”
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंटेस्टोस्टेरोन शरीर में वसा को कम करने और अपने चयापचय को बढ़ाने और नए वसा कोशिकाओं के गठन को अवरुद्ध करके वजन घटाने को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। जबकि; सेरोटोनिन आपकी भूख और कैलोरी का सेवन कम कर सकता है। यह आपकी नींद के पैटर्न में भी सुधार करता है।
कौल के अनुसार विटामिन डी की कमी कई कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
वह कहती हैं, “विटामिन डी ज्यादातर फूड्स में नहीं होता। पर आपके लिए 15-20 मिनट सूरज की रोशनी में रहने पर विटामिन डी की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। पर इस दौरान सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से त्वचा को बचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सनस्क्रीन और अन्य मेकअप प्रोडक्ट त्वचा में इस जरूरी विटामिन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न करते हैं।”
जीवन शैली में आ रहा बदलाव, जिसमें ऑड आवर्स खासतौर से देर रात तक काम करना और बाहर जाने के दौरान अपने को यूवी रेज से बचाने के लिए खुद को ढक कर रखना सूर्य से मिलने वाले इसे जरूरी विटामिन के अवशोषण को कम कर देता है।
वजन घटाने के साथ-साथ कैल्शियम के अवशोषण के लिए (मजबूत हड्डियों के स्वास्थ्य और आपके अन्य शारीरिक कार्यों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए) आपको विटामिन डी का सेवन करना जरूरी है। ताकि इसकी कमी और इसके कई स्वास्थ्य परिणामों को खत्म किया जा सके।
कौल ने सिफारिश करती हैं, “विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे अच्छा और सबसे प्राकृतिक तरीका दैनिक रूप से कम से कम 15-20 मिनट के लिए सुबह की धूप में रहना। यदि किसी भी कारण से यह संभव नहीं है, तो अपने आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे मशरूम, अंडे की जर्दी, गाय का दूध /सोया दूध, और संतरे का रस शामिल करने का प्रयास करें।”
“फोर्टिफाइड अनाज और दूध और मछली भी विटामिन डी के समृद्ध स्रोत हैं,” वे जानकारी देने के साथ ही सुझाव भी देती हैं कि अगर जरूरी हो तो अपनी पोषण संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए आप विटामिन डी सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।
हालांकि ध्यान रखें…
जीवन में अन्य चीजों की तरह ही विटामिन डी के मामले में भी स्वस्थ संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप इसकी खपत ज्यादा न बढ़ाएं। वरना विटामिन डी की अधिकता के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं – जैसे कि आपके रक्त में कैल्शियम विषाक्तता, मतली, उल्टी, हड्डी और गुर्दे संबंधी जटिलताएं। इसलिए विटामिन डी सप्लीमेंट लेने से पहले अपने चिकित्सक से बात जरूर करें और याद रखें कि संयम ही कुंजी है।