नवरात्रि के अवसर पर उपवास रखे जाते हैं। सात्विक भोजन खाया जाता है। जाहिर है इन सभी का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है। आपने कभी देवी दुर्गा की प्रतिमा को गौर से देखा है? उनके दोनों हाथ ऊपर की ओर उठे होते हैं। पैर और कमर इस तरह होती हैं, जिससे मध्य शरीर पर खिंचाव होता हो। आपने यह भी गौर किया होगा कि 9 रूप धारण करने वाली देवी का शरीर गठा हुआ होता है। शरीर के किसी भी भाग पर चर्बी नहीं जमी होती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि देवी का यह आसन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। फिर क्यों न हम इस आसन के 9 फायदे (9 Benefits of Devi asana or Goddess pose) जानते हुए इस आसन की शुरुआत नवरात्रि से कर दें।
योग इंस्ट्रक्टर उत्तम कुमार बताते हैं, ‘देवी आसन (Devi asana) को उत्कट कोणासन (Utkata Konasana) या फायरी एंजेल (Fiery Angel) के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है। इस आसन का अभ्यास करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं।’
1 कमर, कूल्हों और चेस्ट को फैलाता है।
2 यह कोर मांसपेशियों को टोन और मजबूत करता है।
3 आपकी इनर थाय और क्वाड्रिसेप्स की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
4 यह बाहों, पीठ के ऊपरी हिस्से और कंधों को मजबूत बनाता है।
5 इस आसन से शरीर में गर्मी पैदा होती है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
6 देवी आसन पेल्विस को ब्रॉड करने में मदद करता है। यह प्रसव के दौरान महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।
7 प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में यह मदद करता है, क्योंकि यह चक्र को संतुलित करता है।
8 यह व्यक्ति को तनावमुक्त कर मन को शांत करता है। यह भावनात्मक स्थिरता भी उत्पन्न करता है ।
9 उत्कट कोणासन या देवी आसन नियमित रूप से करने पर बेली फैट को कम करने में मदद मिलती है।
यदि आपको हाल ही में पीठ, कूल्हों, पैरों या कंधों में चोट लगी है, तो इस आसन से बचें। हाई ब्लडप्रेशर होने पर यह आसन नहीं करें। क्योंकि यह आसन शरीर में गर्मी पैदा करता है। यदि आपको किसी प्रकार की चिकित्सीय समस्याएं हैं, तो इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। आसन और श्वास संबंधी व्यायाम हमेशा किसी विशेषज्ञ योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए।
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