आजकल फिट और अट्रेक्टिव दिखने के लिए लोग अपने शरीर और अपने स्वास्थ्य को हमेशा बेहतर बनाए रखते है। और इसके लिए वे तमाम तरह की चीज़े और विधि अपनाते है। इन्हीं में से एक विधि ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ भी है। ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ (Intermittent Fasting) एक पॉप्यूलर और प्रभावी विधि है, जिसे स्वास्थ्य लाभ पाने और वजन कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस विधि में, आपको नियमित खाने के समय को नियंत्रित करना होता है, जिससे आप विशिष्ट समय के दौरान भोजन करते हैं और बाकी समय उपवास करते हैं।
लेकिन अगर आप भी लंबे समय से ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग‘ कर रहीं हैं और आपको इसका प्रभाव नहीं दिख रहा, तो इस परिस्थिति में आपको ‘लूपहोल’ पकड़ने की आवश्यकता हो सकती हैं। लेकिन उससे पहले ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ के प्रमुख प्रकारों के बारें में समझना बेहद आवश्यक है।
‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ के बारे में मैक्स हॉस्पिटल मुंबई की क्लिनिकल डायटीशियन डॉ. उषाकिरण सिसोदिया ने हेल्थशॉट्स को बताया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने और विश्राम लेने दो चरणों में समाहित होती है और साथ ही डॉ. सिसोदिया के अनुसार इसके मुख्यतः 4 प्रकार होते है।
-16/8 फास्टिंग: इसमें आप 24 घंटे के दिन को 2 हिस्सों में बांटते हैं, जिसमें आप 16 घंटे के लिए उपवास करते हैं और बाकी 8 घंटे के दौरान खाते हैं।
-5:2 फास्टिंग: इस विधि में आप पूरे सप्ताह के बारह दिनों में से किसी दो दिनों के लिए सिर्फ 500-600 कैलोरी की राशि के साथ उपवास करते हैं, और बाकी दिनों में सामान्य तरीके से खाते हैं।
-OMAD (One Meal A Day): इसमें आपको पूरे दिन के दौरान एक ही बार भोजन करना होता है, और बाकी समय उपवास करना होता है।
-24-घंटे का उपवास: इसमें आप 24 घंटे तक खाने पीने से बचते हैं, और फिर अगले दिन नियमित तरीके से खाने पीने का पालन करते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ में वजन कम करने, मधुमेह कंट्रोल करने, मानसिक तबियत को बेहतर बनाने, और आम स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की संभावना होती है।
अगर आप भी ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ कर रहीं हैं लेकिन लंबे समय से आपको इसका एक भी परिणाम देखने को नहीं मिला तो आपको यह समझने की जरूरत है कि इस प्रक्रिया को करने के दौरान आपने किसी प्रकार की कोई गलती की है। यदि आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़े परिणाम नहीं दिख रहे हैं, तो यह कुछ सामान्य कारण हो सकते हैं।
आपके इंटरमिटेंट फास्टिंग की अवधि और आहार का चयन महत्वपूर्ण है। यदि आप अपनी उपवास की अवधि या उपवास के समय गलत आहार ले रही हैं, तो इससे परिणाम नहीं मिल सकते। इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सही प्रकार के आहार का पालन करें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंयदि आप अपनी इंटरमिटेंट फास्टिंग की अवधि को न बनाएं और अक्षम रहें, तो परिणाम नहीं दिख सकते। आपको नियमित रूप से खाना खाना और उपवास करने की अवधि का पालन करना होगा।
अक्सर लोग सोचते हैं कि यदि हम मील स्किप कर देंगे तो इससे हमें, बहुत अधिक फायदा हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हैं। अगर आप ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ के दौरान मील स्किप कर देतीं हैं तो इससे आपको परिणाम मिलने में समस्या हो सकती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अगर आप सही तरह से उपवास कर रहीं हैं तो, उसके बाद कैलोरी काउंटिंग करनी भी बेहद जरूरी होता है।
पानी हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। फास्टिंग के दौरान अपर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ के परिणामों को दूर करता है।
स्ट्रेस और खरब स्लीप शेड्यूल भी मेटाबोलिज्म और वेट लॉस जर्नी को प्रभावित करता है और आपके ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। सुनिश्चित करें कि आप तनाव का प्रबंधन करें और अच्छी नींद को प्राथमिकता दें।
नियमित शारीरिक गतिविधि के साथ रुक-रुक कर उपवास करने से इसके लाभ कई गुना तक बढ़ सकते हैं। यदि आप व्यायाम नहीं कर रहे हैं, तो अपनी दिनचर्या में किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि को शामिल करने पर विचार करें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के परिणामों के लिए आपको जीवनशैली में बदलाव के साथ इसको और अच्छे ढंग से करने की आवश्यकता है।
फलों, सब्जियों, प्रोटीन रिच, साबुत अनाज और हेल्दी फैट संपूर्ण खाद्य पदार्थों से भरपूर संतुलित आहार पर ध्यान दें। पैकेज्ड, प्रोसेस्ड और उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें क्योंकि ऐसा खाने से आपको समस्या हो सकती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के परिणामों को अच्छे ढंग से पाने के लिए दिन में कैलोरी की मात्रा को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। एक दिन में अधिकतम 300 से 400 कैलोरी की सीमा बनाए और उसे हमेशा फॉलो करें, ऐसे करने से आपको पॉजटिव रिजल्ट देखने को मिलेंगे।
हाइड्रेटेड रहने के लिए उपवास के दौरान खूब पानी पिएं। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और फास्टिंग के दौरान भूख को कम करने में मदद करता है।
शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। एरोबिक और शक्ति प्रशिक्षण अभ्यास दोनों मेटाबॉलिज़्म और वेट लॉस में सुधार करके इंटरमिटेंट फास्टिंग में मदद कर सकते है ।
तनाव और टेंशन हर परेशानी की निशानी है। इसलिए फास्टिंग के दौरान उच्च तनाव को दूर करने की कोशिश करें और ध्यान, योग या व्यायाम जैसी तनाव कम करने की तकनीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इसके आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पडेगा।
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